61 Followers 1 Following Follow Share Share Facebook Twitter WhatsApp Copy link to share Copy Link copied! Pt. Brajesh Kumar Nayak Report Profile कवि-परिचय हेतु निम्न लिंक को टच करें।👇 कवि-परिचय हेतु निम्न लिंक को टच करें।👇 Read less D-75 SAC Jhansi hindi.sahityapedia.com Joined January 2017 42305 words · 109305 views Books 6 Posts 164 Summary More Sort by: Latest Likes Views Pt. Brajesh Kumar Nayak 17 Dec 2022 · 1 min read 🚩एकांत महान 🚩 अकेलापन सचमुच वरदान। भीड़भाड़ की माया नगरी से एकांत महान। 🧿 दिव्य आत्मा के संगी बन। जुड़ें स्वयं के साथ सुधी जन। अंतर्मुखी बना लो निज को तजकर भ्रम-अज्ञान।... Hindi · Poem 2 163 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 21 Oct 2022 · 1 min read 🪔🪔दीपमालिका सजाओ तुम। 🪔🪔 दीपमालिका सजाओ तुम। स्वयं ज्ञान-आलोक बनो,सबको नहलाओ तुम। 🧿 दिव्य-शांतिमय प्रेम-प्रदर्शक की वाणी में फलित अहिंसा। किंतु कृत्यमय वाह्य-आचरण से परिलक्षित होती हिंसा। दुहरा चिंतन तजो, हृदय को अब... Hindi · कविता 2 1 588 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 2 Jul 2022 · 1 min read 🚩 वैराग्य 🧿१ अमर मरे डोली चली,मरघट ज्ञान-अकाश। जग-तन बिल्कुल व्यर्थ है,गरदन में यम-फाँस।। गरदन में यम-फाँस'मनुज नित काल-गाल बिच। अनुपम ज्ञान-प्रकाश,दिव्य शवदाह-ज्वाल बिच। 'नायक' कह ऋषि क्रौंच,मिली 1️⃣आनंद की डगर पकड़... Hindi · कुण्डलिया 3 2 420 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 1 Jul 2022 · 1 min read 🚩वैराग्य 🧿१ भार्या का जब हो गया,अपने पति से योग। फिर डर कैसा संत जी,क्यों है आत्म-वियोग।। क्यों है आत्म-वियोग,बूंद को मिला समुंदर। निज मन-मल तज आप ,बने उपकारी मंदिर। ।... Hindi · कुंडलिया 1 1 378 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 9 Jun 2022 · 1 min read 🚩पिता 🧿 पितु,पोषक सद्ज्ञान 1️⃣ठाँव है। नवजीवन-उत्थान 2️⃣पाँव है। जगत्-सिंधु के पास आप,तब। बोध-सूर्य की धूपछाँव है। 🧿 पितु दुलार है,सफल प्यार है। खुशियों की पोषक बयार है। संस्कारों की दिव्य... Hindi · मुक्तक 9 9 633 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 18 Feb 2022 · 1 min read 🚩आगे बढ़,मतदान करें। 🧿 देश हेतु कुछ काम करें। लोकतंत्र का मान करें। जागरूक बनकर हम सब। आगे बढ़,मतदान करें। 🧿 अवनति-हिंसा का दानव छोड़, चुने सच्चा मानव। प्रेम-शांति-अपनापन औ, सद्विकास-सम्मान करें। आगे... Hindi · कविता 2 2 498 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 6 Jul 2021 · 1 min read 🚩फूलों की वर्षा 💚 दिल बना मजबूत लोहा,ठोकरें खाकर जनाब। अब घनों के वार भी फूलों की वर्षा से लगें। ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, पं बृजेश कुमार नायक 🥎 उक्त पंक्तियों को मेरी कृति/काव्यसंग्रह "पं बृजेश... Hindi · शेर 4 2 934 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 1 Jun 2021 · 1 min read 🌲प्रकृति 🌹दोहा 🤼 वर्षा ऋतु सद्प्रीति का,सुंदर भाव-विधान। क्षण-क्षण मिलन समान है,कर लो अनुसंधान। । 🤼 प्रकृति-प्रेम सुख-धाम है,त्याग दीजिए शोक। ज्ञान ग्रहण कर के बनो,आप प्रीति-आलोक। । 🌹गीत प्यार देकर... Hindi · गीत 6 19 1k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 16 Feb 2021 · 1 min read 🌹खिला प्रसून। 🪔 ज्ञान दीप जलता रहे,मन को मिले सुकून। आनंदित हो आतमा,औ दिल खिला प्रसून। । ,,,,, ,, ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, पं बृजेश कुमार नायक जागा हिंदुस्तान चाहिए, क्रौंच सु ऋषि आलोक एवं... Hindi · दोहा 4 2 399 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 8 Jan 2021 · 1 min read 🏠कुछ दिन की है बात ,सभी जन घर में रह लो। 🏠 कुछ दिन की है बात सभी जन घर में रह लो। तू-तू मैं-मैं त्याग राष्ट्र-हित में यह सह लो। 🧿 कोरोना की हार हेतु सबको लड़ना है। जीवनहित-सद्ज्ञान पकड़... Hindi · कविता 8 55 746 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 18 May 2020 · 1 min read बंद हैं भारत में विद्यालय. बंद है भारत मे विद्यालय. मंदिर-मस्जिद-गुरुद्वारा सब शांत,खुले मदिरालय.. लाकडाउन में घर पर बैठे,पत्नी आधी सूखी. हीरोइन बर्तन माँजे पर, बर्तनबाली भूखी.. घर में बैठे नर-नारी भर रहे नित्य शौचालय...... Hindi · कविता 2 1 336 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 24 Mar 2020 · 1 min read कुछ दिन की है बात कुछ दिन की है बात सभी जन घर में रह लो। तू-तू मैं मैं त्याग ,राष्ट्रहित में यह सह लो। कोरोना की हार हेतु सबको लड़ना है। जीवनहित सद्ज्ञान,पकड़ कर... Hindi · गीत 2 1 376 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 20 Nov 2018 · 1 min read नूतन सद्आचार मिल गया नूतन सद् आचार मिल गया अपनापन सद्भाव प्रेम सह विज्ञ सुजन व्योहार मिल गया गाँव-संस्कृति में कुरीतियाँ, धर्मांधता, अशिक्षा -साया संसार-संस्कृति में विकास सह राष्ट्र-संस्कृति-चेतन माया नो सेना के अमल... Hindi · कविता 3 5 550 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 16 Nov 2018 · 1 min read रोमांस है उम्र क्या,जब जग गया प्रेमांस है ? मस्त मन है, जवानी को आँस है | हँसा बुड्ढा ज्ञान बनकर, जवाँ दिल, रूप-लिप्सा वस मिले,रोमांस है | ....... पं बृजेश कुमार... Hindi · मुक्तक 4 1 631 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 14 Nov 2018 · 1 min read 🚩माँ, हर बचपन का भगवान 🚩 माँ, हर बचपन का भगवान । सजग सुकोमल मनभावन ममता का अमल वितान । 🧿 जित देखो उत प्रेम-फुहारों से भरती सुत का दिल । सदा सुहावन लोरी गाकर,... Hindi · कविता 8 58 1k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 12 Nov 2018 · 1 min read 🇭🇺 श्रीयुत अटलबिहारी जी श्रीयुत अटलबिहारी जी राष्ट्र संस्कृति पालक बन की जन-रखवारी जी 🧿 जनसंघी ने संघर्षों का अनुपम बिगुल बजाया राष्ट्र-भूमि पर मत्था टेका, रण में शीश उठाया जय जवान, जय विज्ञान... Hindi · कविता 2 1 696 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 22 Sep 2018 · 1 min read गाँव कुछ बीमार सा अब लग रहा है गाँव कुछ बीमार सा अब लग रहा है हर महीना रार- सा अब लग रहा है सूना पीपल, पंखा विद्युत का चला वक्त भौतिक यार-सा अब लग रहा है किसानी... Hindi · कविता 2 1 564 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 21 Sep 2018 · 1 min read वक्त अब कलुआ के घर का ठौर है कबड्डी खो -खो का बीता दौर है | गाँव में अब जुआड़ियों का शोर है | सूना मुखिया-द्वार सूनी डेहरी | वक्त अब कलुआ के घर का ठौर है |... Hindi · मुक्तक 2 405 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 26 Aug 2018 · 1 min read धागा भाव-स्वरूप, प्रीति शुभ रक्षाबंधन रक्षाबंधन पर्व में ,छिपा प्रेम सह ज्ञान | नहीं भूलना करें जब, पितु जी कन्यादान || पितु जी कन्यादान, रक्त- ऋण सु यश चुकाना | भौतिक भ्रम जग-चूल भँवर में... Hindi · कुण्डलिया 368 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 20 Jun 2018 · 3 min read 🚩अमर कोंच-इतिहास 🧿मुक्तक ........ 🥎 कोंच भी आनंद-पथ सह ध्यान है । क्रौंच ऋषि -आलोक का प्रतिमान है । राष्ट्रहित में बढे पग, फिर ना रुके । वीरता के गान का सोपान... Hindi · गीत 1 1 1k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 26 May 2018 · 1 min read 🚩मिलन-सुख की गजल-जैसा तुम्हें फैसन ने ढाला है आपकी जुल्फें चाँदी-सीं रंग उन पर अति काला है । मिलन-सुख की गजल-जैसा तुम्हें फैसन ने ढाला है । बुढापे की मस्त झुर्रीं, दे रहीं हैं आहट सँभलो । इसलिए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 918 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 24 Apr 2018 · 1 min read जीत-हार में भेद ना, जीत-हार में भेद ना,हो जाता जब प्रेम| दो उर,निज दिल हारकर, जीत बने सद्प्रेम || ................................ उर=हृदय,दिल बृजेश कुमार नायक "जागा हिंदुस्तान चाहिए" एवं "क्रौंच सु ऋषि आलोक" कृतियों के... Hindi · दोहा 2 517 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 1 Apr 2018 · 6 min read 🚩🚩 कवि-परिचय/आचार्य "पं बृजेश कुमार नायक" का परिचय 🚩🚩 कवि-परिचय 🧿(१) नमन ‘बृजेश कुमार’ का, गुरुवर हो स्वीकार । ‘नायक’ शुभ उपनाम प्रभु, तुम सुबोध-आधार । तुम सुबोध-आधार,1️⃣”कला-निष्णात” किया तब मिली सहर्ष उपाधि ,ज्ञान-रस-पान किया जब ‘नायक’ सुनो... Hindi · कुण्डलिया 3 3 2k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 30 Mar 2018 · 1 min read चूँ-चूँ चूँ-चूँ आयी चिड़िया चूँ-चूँ चूँ-चूँ आयी चिड़िया बच्चों के मन भायी चिड़िया चंदा मामा के घर पहुँची खेल खिलौने लायी चिड़िया कक्षा में बोली पढ़ लो तुम सद्ज्ञानी सूरज बन लो तुम मैं... Hindi · बाल कविता 2 1 899 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 29 Mar 2018 · 1 min read सदा बढता है,वह 'नायक', अमल बन ताज ठुकराता| जो नर-मन खुशमिजाज़ी का सुघड़ अंदाज बन जाता | उसी जीवन में आनंदी भरा गुणराज आ जाता | न जाने आगे-पीछे का, निरंतर आज में रहकर | सदा बढता है,वह... Hindi · मुक्तक 1 1 489 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 28 Mar 2018 · 1 min read सद्ज्ञानमय प्रकाश फैलाना हमारी शान है | 'नायक' बनकर जिऊँ हरदम,आज में, यह भान है | इसलिए ही अधर हर्षित,बाँटें शुभ, मुस्कान हैं | स्व हृदय में रखता सदा मैं, सूर्य-सम अंदाज को | सद्ज्ञानमय प्रकाश फैलाना... Hindi · मुक्तक 354 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 20 Mar 2018 · 1 min read कहाँ तुम पौन हो निज गिरेवाँ झाँक,जानो कौन हो| अहंकारी या सजगता-गौन हो | सूत्र कहता,स्वयं को पहचान कर | जो बढोगे,फिर कहाँ तुम पौन हो | ......................................... Pt Brijesh Nayak (बृजेश कुमार नायक... Hindi · मुक्तक 2 1 422 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 26 Dec 2017 · 1 min read सद्आत्मा शिवाला इंसानियत के ख़ातिर, दूँ मैं प्रेम- प्याला । पीना अगर तो पी लो, सद्आत्मा शिवाला ।। ---------------------------------------------------- पं बृजेश कुमार नायक "जागा हिंदुस्तान चाहिए" एवं "क्रौंच सुऋषि आलोक" कृतियों के... Hindi · दोहा 1 587 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 2 Sep 2017 · 1 min read 🚩प्रकृति 🧿दोहे वर्षा ऋतु सद्प्रीति का, सुंदर भाव-विधान। क्षण-क्षण मिलन समान है,कर लो अनुसंधान। । प्रकृति-प्रेम सुख-धाम है,त्याग दीजिए शोक। ज्ञान ग्रहण कर के बनो,आप प्रीति-आलोक। । 🧿गीत .प्यार देकर प्रकृति... Hindi · गीत 1 1 813 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 2 Sep 2017 · 1 min read प्रकृति वर्षा ऋतु सद्प्रीति का सुंदर भाव-विधान | क्षण-क्षण मिलन समान है कर लो अनुसंधान || प्रकृति -प्रेम सुख- धाम है त्याग दीजिए शोक | ज्ञान ग्रहण करके बनो आप प्रीति-आलोक... Hindi · दोहा 394 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 2 Sep 2017 · 1 min read कर्म-पथ से ना डिगे वह आर्य है। सजग कर दे राष्ट्र को आचार्य है । गुरु वही जो आत्मपथमय कार्य है । रीढ ,वह ही लोक की बनता सदा। कर्म-पथ से ना डिगे वह आर्य है ।... Hindi · मुक्तक 2 1 529 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 2 Sep 2017 · 1 min read इसी से सद्आत्मिक -आनंदमय आकर्ष हूँ छोड़ कर जग-द्वंद, मैं शुभ मुहब्बत गह हर्ष हूँ | दिल गलाऊँ ,मोमबत्ती-सम जलूँ , आदर्श हूँ | हिंद पावन औ सदा ही प्यारमय अतिशय सघन इसी से सद् आत्मिक-आनंदमय... Hindi · मुक्तक 1 1 356 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 2 Sep 2017 · 1 min read शुभ गगन-सम शांतिरूपी अंश हिंदुस्तान का तिरंगा बन गया लेकिन लट्ठ गह सद्ज्ञान का | इसी से ही उच्चता औ विवेकी धन ध्यान का मिला,फहराया अमन बन,विश्व के कल्याणहित | शुभ गगन-सम शांतिरूपी अंश हिंदुस्तान का|... Hindi · मुक्तक 607 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 1 Sep 2017 · 1 min read प्रकाशित हो मिल गया, स्वाधीनता के घाम से शुभ सुहिंदुस्तान हूँ, देखो मुझे आराम से । गुलामीं के निशा, दर्दीले-जवाँ पैगाम से । घाव गहरे दिए पर, मुस्कान का आलोक गह प्रकाशित हो मिल गया, स्वाधीनता के घाम... Hindi · मुक्तक 2 617 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 16 Aug 2017 · 4 min read 🇭🇺 झाँसी की क्षत्राणी /ब्राह्मण कुल की एवं भारतवर्ष की सर्वश्रेष्ठ वीरांगना क्षिति पर अंधड़-सा आया,तलवार हाथ ले निकल पड़ी| देख फिरंगी की छाती पर, अश्व-टाप धर आज चढी| 🪔 सुयश-वीरता खेल खेलती,1️⃣झाँसी की क्षत्राणी थी। मातृभूमि की जय,जय रानी,बुंदेलों की वाणी... Hindi · कविता 1 2 8k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 6 Aug 2017 · 1 min read शुभ स्वतंत्रता दिवस मनाए शुभ स्वतंत्रता दिवस मनाए ,शुभ स्वतंत्रता दिवस मनाएं | जीवन में अनुपम प्रकाश के रंग भरे, उल्लास सजाएं || -राष्ट्र हमारा कल गुलाम था आज स्वयं हम ही गुलाम है... Hindi · कविता 960 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 3 Jul 2017 · 1 min read 🪔सत् हंसवाहनी वर दे, 🔔प्रार्थना ............. सत् हंसवाहनी वर दे, सत् हंसवाहनी वर दे । समता-ममता के पीयूष से, नव भारत भर दे । 🥎 अंतर्ज्ञान जगा दे मैया , कभी न रहूँ विकल... Hindi · गीत 1 697 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 28 Jun 2017 · 1 min read मनुआँ काला, भैंस-सा गंगाजल के बीच में, तन धोबें बन भैंस | मनुआँ काला, भैंस-सा,जे अच्छे या भैंस || ....................................................... बृजेश कुमार नायक "जागा हिंदुस्तान चाहिए" एवं "क्रौंच सुऋषि आलोक"कृतियों के प्रणेता जागा... Hindi · दोहा 1 1 671 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 25 Jun 2017 · 2 min read ऊँच-नीच के कपाट । अभी तो ऊँच-नीच के कपाट हैं । कहीं हैं ठाटबाट ,कहीं टाट हैं। जातिवाद की भी हैं पहेलियाँ। चीखतीं हैं घर में सुप्त बेटियाँ। मनमय मयूर बन मदांध फूलता। जग-द्वंद... Hindi · कविता 2 1 3k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 21 Jun 2017 · 1 min read 🚩अमर काव्य हर हृदय को, दे सद्ज्ञान-प्रकाश ✒️ लेखन वह, जो राष्ट्रहित- सजग चेतनाकाश देकर, बने सु प्रीति सह मातृभूमि-उल्लास| सहजरूप गह, दिव्यता का छूू ले उत्कर्ष| अमर काव्य हर हृदय को, दे सद्ज्ञान-प्रकाश| .......................................................... "जागा हिंदुस्तान... Hindi · मुक्तक 461 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 5 Jun 2017 · 1 min read पर्यावरण बचा लो,कर लो बृक्षों की निगरानी अब पर्यावरण बचा लो, कर लो बृक्षों की निगरानी अब | प्रकृति-प्रेम बिन गर्म हवाएं ,बन गईं रेगिस्तानी अब | हाल यही यदि रहा,रोएगा निश्चय मानव पानी बिन | सघन शाप... Hindi · शेर 948 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 3 Jun 2017 · 1 min read बना कुंच से कोंच,रेल-पथ विश्रामालय।। विश्रामालय रेल का कुंच पड़ गया नाम। गोरों-शासन बाद तक ऋषि को किया प्रणाम।। ऋषि को किया प्रणाम कुंच स्टेशन भाया। संशोधित पुनि नाम कुंच से कोंच बनाया। कह 'नायक'... Hindi · कुण्डलिया 1 1 1k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 11 May 2017 · 1 min read जो दहन होलिका का हुआ है तो क्यों? जो दहन होलिका का हुआ है तो क्यों? मन नहीं मिलते हैं, दूरियाँ बढ रहीं | रक्षदल रूप का जो भी आकाश है | वह सदा ही अविकसित है, औ... Hindi · गीत 581 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 9 May 2017 · 1 min read सद् गणतंत्र सु दिवस मनाएं सद् गणतंत्र सु दिवस मनाएं । जीवन में अनुपम प्रकाश के रंग भरे, उल्लास सजाएं । राष्ट्र हमारा कल गुलाम था आज स्वयं हम ही गुलाम है। अवनति- हिंसामय रोगों... Hindi · कविता 2 1 993 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 8 May 2017 · 2 min read 1-अश्म पर यह तेरा नाम मैंने लिखा2- अश्म पर मेरा यह नाम तुमने लिखा (दो गीत) राधिका उवाच एवं कृष्ण उवाच 1- राधिका उवाच अश्म पर यह तेरा नाम मैंने लिखा आगे सुंदर प्रिया रक्त से लिख दिया खगकुलों का सुकलरव महानाद है प्रीति -रस का मनोहर सुखद स्वाद मन हरण... Hindi · गीत 2 1k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 7 May 2017 · 1 min read मनुज से कुत्ते कुछ अच्छे। मनुज से कुत्ते कुछ अच्छे। जनसंख्या विस्फोट कर रहे बन कर के टुच्चे। दिव्य चेत बिन नाच रहा नर, बनकर नंगा । बिना ज्ञान के बढ़े गरीबी ,बढ़ते दंगा ।... Hindi · कविता 2 1 1k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 6 May 2017 · 1 min read काँटों में खिलो फूल-सम, औ दिव्य ओज लो। धोकर के मन की कालिख सद्प्रीति खोज लो कांटो में खिलो फूल-सम औ दिव्य ओज लो जिसने भी रक्त चूस सताया है दीन को धिक्कारो ऐसे जीवन ,उस नर प्रवीण... Hindi · गीत 2 1 683 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 5 May 2017 · 2 min read 🚩यौवन अतिशय ज्ञान-तेजमय हो, ऐसा विज्ञान चाहिए 🧿 यौवन अतिशय ज्ञान-तेजमय हो ऐसा विज्ञान चाहिए जो सोए है उने जगाने का संकल्प महान चाहिए क्षिति नायक तेरे दुखिया मन में प्रकटे जैसे प्रसन्नता अब मुझको ऐसे विचार... Hindi · कविता 5 3 886 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 5 May 2017 · 1 min read जगे युवा-उर तब ही बदले दुश्चिंतनमयरूप ह्रास का युवक जाग जाए तो, विकसित राष्ट्र, भाल छूता विकास का | अगर सो गया , तब हिंसा औ अवनतिमय दुश्चक्र नाश का | जस मानव, वैसा स्वदेश है ,सत्य बात... Hindi · मुक्तक 355 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak 4 May 2017 · 1 min read किंतु गह सद्ज्ञानरूपी लोक लो/ वही तो नवराष्ट्र का उल्लास है रोक सकते हो मुझे, तो रोक लो बढ़ रहा हूँ, चेतना आलोक लो काट डालो तुम हमारे अस्त्र सब किंतु गह सद्ज्ञानरूपी लोक लो चेतना सद्ज्ञान में ना त्रास है... Hindi · मुक्तक 426 Share Previous Posts