Posts Tag: SanjayGrover 71 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sanjay Grover 27 Oct 2025 · 1 min read ‘हम पढ़े-लिखे जो कुत्ते हैं, कुत्तों से बहस नहीं करते’ ग़ज़ल कुत्ता कुत्ते को घुमा रहा था सुबह-सुबह रस्ते में ख़बरें बना रहा था सुबह-सुबह इक यूंयूंटयूब पर जा बैठा तो एक पुराने चैनल पर कुत्ता कुत्ते को चिढ़ा रहा... Hindi · SanjayGrover · ग़ज़ल · शेर · हास्य-व्यंग्य 1 283 Share Sanjay Grover 18 Oct 2025 · 1 min read रात-भर जलतीं रहेंगी बत्तियां ग़ज़ल रात-भर जलतीं रहेंगी बत्तियां और वो तलती रहेगी मट्ठियां लो नया त्यौहार फिर-से आ गया मुक्ति फिर घर-घर करेगी भक्तियां कट्टरों को चाहो तो कहलो जदीद क्या अलग है... Hindi · SanjayGrover · ग़ज़ल · शेर · हास्य-व्यंग्य 276 Share Sanjay Grover 16 Oct 2025 · 1 min read पढ़े-लिखे वे लोग ही भैया जाहिल निकले ग़ज़ल पढ़े-लिखे थे गुण्डे भैया शानदार थे हाथ में उनके एक से ज़्यादा पुरस्कार थे कईयों ने तो उनको दानिशमंद कहा था ख़ानदान के गुण्डे भैया जानदार थे मार-काट को... Hindi · SanjayGrover · ग़ज़ल · शेर · हास्य-व्यंग्य 1 233 Share Sanjay Grover 15 Oct 2025 · 1 min read कभी अहिंसा कभी कबूतर कभी-कभी तो कई ग़ुलाब ग़ज़ल कभी अहिंसा कभी कबूतर कभी-कभी तो कई ग़ुलाब उनकी नाटकबाज़ी से तो भर सकतीं हैं कई क़िताब नाम मोहब्बत का कर-करके जो तुमने शैतानी की लोगों को फिर समझ... Hindi · SanjayGrover · ग़ज़ल · शेर · हास्य-व्यंग्य 236 Share Sanjay Grover 12 Oct 2025 · 1 min read दुनिया जैसी भी है इसका करना क्या गज़ल इसीमें जीना और इसीमें मरना क्या दुनिया जैसी भी है इसका करना क्या बेसिर पैर की ये दुनिया है, किसकी है इक दिन मैं भी मर जाऊंगा वरना क्या... Hindi · SanjayGrover · ग़ज़ल · शेर · हास्य-व्यंग्य 1 245 Share Sanjay Grover 9 Oct 2025 · 1 min read शातिर लोगों को सामाजिक होना पड़ता है ग़ज़ल शातिर लोगों को सामाजिक होना पड़ता है आग लगानी हो तो आना-जाना पड़ता है बुरे शख़्स को अच्छी छवि बनानी पड़ती है ज़हर की खेती को भी अमृत बोना... Hindi · SanjayGrover · ग़ज़ल · शेर · हास्य-व्यंग्य 2 1 386 Share Sanjay Grover 23 Sep 2025 · 1 min read चोर-उचक्के सब रिबेल-से बने हुए थे ग़ज़ल नाम बग़ावत का ले-लेके झूम रहे थे जबरे, नए जाल को लेके घूम रहे थे चोर-उचक्के सब रिबेल-से बने हुए थे बार-बार प्रायोजित फंदा चूम रहे थे हत्यारे की... Hindi · SanjayGrover · ग़ज़ल · शेर · हास्य-व्यंग्य 1 229 Share Sanjay Grover 22 Sep 2025 · 1 min read दो-दो गोदी, एक थी चड्ढी ग़ज़ल आसमान से गिरी रे हड्डी बच्च कबड्डी बच्च कबड्डी गंग में थूके जमन में मूते मांएं घिस-घिस धोएं चड्ढी इसे टीपकर, उसे चाटकर हुई जवां नोटों की गड्डी चचा-ताऊ... Hindi · SanjayGrover · ग़ज़ल · शेर · हास्य-व्यंग्य 289 Share Sanjay Grover 21 Sep 2025 · 1 min read हुआ क्या है, हुआ कुछ भी नहीं है ग़ज़ल हुआ क्या है, हुआ कुछ भी नहीं है नया क्या है, नया कुछ भी नहीं है अदाकारी ही उनकी ज़िंदगी है जिया क्या है, जिया कुछ भी नहीं है... Hindi · SanjayGrover · ग़ज़ल · शेर · हास्य-व्यंग्य 223 Share Sanjay Grover 20 Sep 2025 · 1 min read ज़ालिम ही अपराध करेगा ज़ालिम ही भड़काएगा ग़ज़ल क्या मालूम था बार-बार जग ऐसा दौर दिखाएगा ज़ालिम ही अपराध करेगा ज़ालिम ही भड़काएगा एक रायता, एक ही थाली, लेकिन तलब है कईयों को बच्चे को गर मिल... Hindi · Gazal ग़ज़ल · Poem · SanjayGrover · Satire · हास्य-व्यंग्य 323 Share Page 1 Next