Posts Tag: Manisha Manjari 270 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Manisha Manjari 16 Apr 2025 · 1 min read एक सांझ संदली, गाँव की पगडंडियों तक खींच लाती है, एक सांझ संदली, गाँव की पगडंडियों तक खींच लाती है, अलविदा कहने को थी तैयार, कि मासूमियत टकराती है। मेरे आने का सबब पूछती नहीं, बस कुछ पल संग बिताती... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 8 Share Manisha Manjari 4 Apr 2025 · 1 min read तेरे हृदय की पीड़ा का भान, बस एक तू हीं समझ पायेगा, तेरे हृदय की पीड़ा का भान, बस एक तू हीं समझ पायेगा, जो व्यक्त किया औरों के संग, पात्र व्यंग्य का तू बन जाएगा। संवेदनशून्य हृदयों के मध्य, मृदु हृदय... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 29 Share Manisha Manjari 2 Apr 2025 · 1 min read अब जरुरत नहीं कि, फुर्सतें ख़ास लेकर आओ तुम, अब जरुरत नहीं कि, फुर्सतें ख़ास लेकर आओ तुम, कि गुफ़्तगू सारी खुद से हीं हो जाती है। चादरें सुनहरी ख़्वाहिशों की बिछाओ तुम, कि नींदें थकान ओढ़े, यूँ हीं... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 28 Share Manisha Manjari 1 Apr 2025 · 1 min read उस पूल का अस्तित्व किसे लुभाता है, उस पूल का अस्तित्व किसे लुभाता है, जो किनारों को नहीं जोड़ पाता है, ना गुजरती है कोई नदी उसके नीचे से, ना कोई रेल उसके ऊपर खड़खड़ाता है। बेचैनियां... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 1 25 Share Manisha Manjari 1 Apr 2025 · 1 min read The dark room is engulfing me from inside, The dark room is engulfing me from inside, Even after opening every window, nothing seems bright. The heartbeats are pounding like it's their last night, So many empty papers are... English · Manisha Manjari · Manishamanjari Englishpoems · Poem 30 Share Manisha Manjari 23 Mar 2025 · 1 min read Time sat unmoving beside the tranquil lake, Time sat unmoving beside the tranquil lake, Asking grief to dive deep away for my heart's sake. The rustling wind caressed my open wound, A lost tear fell silently, leaving... English · Manisha Manjari · Manishamanjari Englishpoems 27 Share Manisha Manjari 23 Mar 2025 · 1 min read अँधेरी रातों की परछाईयाँ, अस्तित्व में यूँ घुल जाती है, अँधेरी रातों की परछाईयाँ, अस्तित्व में यूँ घुल जाती है, कि दिन के उजालों में भी, वो संग टहलती नजर आती हैं। अब डर का भान नहीं, और खुशियों की... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 30 Share Manisha Manjari 23 Mar 2025 · 1 min read अवसाद का घेरा जब व्याकुलता चीखती है, तो भीड़ भी शमशान बन जाती है, अपनी हीं साँसें स्वयं के लिए, अपमान बन जाती है। सूरज अन्धकार की कालिमा सा बिखेर जाता है, अपने... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 29 Share Manisha Manjari 23 Mar 2025 · 1 min read पुरवाईयों में खिले फूल को, अब आँधियों का सहारा है, पुरवाईयों में खिले फूल को, अब आँधियों का सहारा है, साहिल पर डूबती कश्ती को, बवंडरों में मिला किनारा है। किस्मत की लकीरों पर, कहाँ लिखा नाम हमारा है, खंजर... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 30 Share Manisha Manjari 23 Mar 2025 · 1 min read It wasn't easy arising from the pain. It wasn't easy arising from the pain, Like a solitary rose after heavy rain. There was no place where you could complain, As if it were your burden alone to... English · Authormanishamanjari · Manisha Manjari · Manishamanjari Englishpoems 27 Share Manisha Manjari 23 Mar 2025 · 1 min read ये चाभी अपनी खुशियों की, जो औरों को हाथों में थमाओगे, ये चाभी अपनी खुशियों की, जो औरों को हाथों में थमाओगे, इक दिन खुद की मुस्कान के लिए, खुद को हीं तड़पता पाओगे। मन के अपने साज़ को जो, औरों... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 26 Share Manisha Manjari 18 Mar 2025 · 1 min read साये की तरह मेरा साथ, तुम निभाना ना कभी, साये की तरह मेरा साथ, तुम निभाना ना कभी, चिराग ले कर मेरे अंधेरों में, आना ना कभी। गर्दिशें भाती हैं मझे, वो तन्हा सितारा हूँ मैं, फ़ना क्षितिज पर,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 25 Share Manisha Manjari 14 Mar 2025 · 1 min read श्वेत वर्ण के आँचल को, पिचकारियों के रंग से कैसे बचाऊं, श्वेत वर्ण के आँचल को, पिचकारियों के रंग से कैसे बचाऊं, जो पड़ जाएँ कुछ छींटें भी, इस दाग को कैसे छुड़ाऊं। गलियों में छुपती छिपाती, घर की दिशा में... Hindi · Happy Holi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 43 Share Manisha Manjari 14 Mar 2025 · 1 min read सिन्दूरी रंग की छटा जब छाती, पर्वत श्रृंगी पर फागुन है आती, सिन्दूरी रंग की छटा जब छाती, पर्वत श्रृंगी पर फागुन है आती, ढोल-मंजीरे की तान छिड़ जाती, यूँ होली हर्ष के गीत सुनाती। जीर्ण-शीर्ण पुरातन में ये, नित्य नूतन का... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 37 Share Manisha Manjari 13 Mar 2025 · 1 min read ये आशिकी मेरी कोरे रंग से ऐसी, ये आशिकी मेरी कोरे रंग से ऐसी, कि रंग होली के भी भाते नहीं, तन्हा शामों का नशा छाया कुछ ऐसा, कि गीत टोली के भी लुभाते नहीं। तेरी नजरों... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 27 Share Manisha Manjari 13 Mar 2025 · 1 min read खामोशी तेरी गूंजती है, घर की सूनी दीवारों में, खामोशी तेरी गूंजती है, घर की सूनी दीवारों में, हर रंग फीका लगता है, रंगों के त्योहारों में। खुशबुएँ तेरी आती नहीं, तेरे कपड़ों के मीनारों में, ढूंढती है तुम्हें... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 26 Share Manisha Manjari 8 Feb 2025 · 1 min read मेरे मसान की मिटटी तो, तन्हा छोड़ दी जाए, मेरे मसान की मिटटी तो, तन्हा छोड़ दी जाए, सुकून का एक लम्हा तो, कभी हिस्से में मेरे आये। धूलें उड़ती हैं इस बंजर में, थोड़ी सकपकाती हुई, आँधियों का... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 63 Share Manisha Manjari 30 Jan 2025 · 1 min read सांझ की सिन्दूरी कल्पनाएं और तेरी आहटों का दबे पाँव आना, सांझ की सिन्दूरी कल्पनाएं और तेरी आहटों का दबे पाँव आना, खिड़कियों पर बैठी पुरवाईओं का, ख्वाहिशों को यूँ सहलाना। खामोशियों की सिमटी दरख़्त पर, बातों का यूँ चहचहाना, जो... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 1 81 Share Manisha Manjari 28 Jan 2025 · 1 min read ये संवेदनशून्यता अब साहस का एहसास दिलाती है ये संवेदनशून्यता अब साहस का एहसास दिलाती है, आँखों को अश्रुओं की कैद से मुक्त कराती है। कभी वो हृदय जो, आघातों से मूर्छित हुआ करता था, शवदाह कर उस... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 70 Share Manisha Manjari 18 Jan 2025 · 1 min read मोहब्बत हीं तो आँखों को वीरानगी के नज़ारे दिखाती है, मोहब्बत हीं तो आँखों को वीरानगी के नज़ारे दिखाती है, इस ज़िंदगी से मासूमियत को कतरा-कतरा कर चुराती है। स्वछंद मैदानों के कोमल घास पर ये सपनों के ओस बरसाती... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 62 Share Manisha Manjari 10 Jan 2025 · 1 min read खिड़की पर बैठा मृदु हृदय, बाहर के शोर को भांप रहा, खिड़की पर बैठा मृदु हृदय, बाहर के शोर को भांप रहा, या अवसाद के दलदल में फंसा, अंदर के कोलाहल से भाग रहा। आँखों की तन्मयता से ईश्वरीय कृतियों को,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 2 92 Share Manisha Manjari 31 Dec 2024 · 1 min read रात रेत की तरह फिसलती हुई, सुबह की ओर बढ़ने लगी। रात रेत की तरह फिसलती हुई, सुबह की ओर बढ़ने लगी, जज्बातों की लपटें राख बनकर, ठंडी धरा पर बिखरने लगी। तेरे शहर में खामोशी थी, पर मेरी आहटें शोर... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 1 150 Share Manisha Manjari 27 Nov 2024 · 1 min read क्षितिज पर उदित एक सहर तक, पाँवों को लेकर जाना है, क्षितिज पर उदित एक सहर तक, पाँवों को लेकर जाना है, भटकाव भरी गलियों में, भटक कर राहों को नयी पाना है। अन्धकार की तृष्णा में बेसुध हो पड़े थे,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 1 157 Share Manisha Manjari 25 Nov 2024 · 1 min read कोहरे की घनी चादर तले, कुछ सपनों की गर्माहट है। कोहरे की घनी चादर तले, कुछ सपनों की गर्माहट है, ठहरी हुई इस सुबह में कहीं, फिर से हुई कुछ आहट है। धड़कनों के धीमे शोर में, बातों की नयी... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 1 127 Share Manisha Manjari 24 Nov 2024 · 1 min read I buried my head in the sky, drowned in the mist. I buried my head in the sky, drowned in the mist, Waiting on my hopes for life's fresh twist. I never knew the version of me I had missed, A... English · Manisha Manjari · Manishamanjari Englishpoems · Poem 1 110 Share Manisha Manjari 19 Nov 2024 · 1 min read आजमाती है ज़िन्दगी तो, इम्तिहान कड़े होते हैं। आजमाती है ज़िन्दगी तो, इम्तिहान कड़े होते हैं, काँटों की राह पर चलकर, हम उम्र को खोते हैं। यूँ तो हर ईंट खुद को, मकान समझकर जीता है, पर वास्तव... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 117 Share Manisha Manjari 17 Nov 2024 · 1 min read धवल बर्फ की झीनी चादर पर धवल बर्फ की झीनी चादर पर, चांदनी का यूँ मुस्कुराना, सपनों में खोई झील की लय पर, चाँद का खुद उतर आना। मदहोशी में पत्तों को गिराकर, शाख का यूँ... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 225 Share Manisha Manjari 10 Nov 2024 · 1 min read कुछ कदम मैं चलूँ, कुछ दूरियां तुम मिटा देना, कुछ कदम मैं चलूँ, कुछ दूरियां तुम मिटा देना, ख़ामोशियों भरी जो तस्वीर है, उसे शब्दों से सजा देना। अधूरी ख़्वाहिशें जो, बेहोशी की चादर तले सोई हैं, नए कुछ... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 128 Share Manisha Manjari 9 Nov 2024 · 1 min read सोचा नहीं था एक दिन , तू यूँ हीं हमें छोड़ जाएगा। सोचा नहीं था एक दिन , तू यूँ हीं हमें छोड़ जाएगा, हर पल की खामोशी में फिर, बनकर तू याद सताएगा। वक्त जो संग बीता था, क्या फिर लौट... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 1 148 Share Manisha Manjari 24 Oct 2024 · 1 min read कहते हैं लड़कों की विदाई नहीं होती . कहते हैं लड़कों की विदाई नहीं होती, उन्हें तो बस नौकरी की तलाश में घर छोड़ जाना होता है, खामोशी की दुशाला ओढ़कर, अपनी किस्मत को आजमाना होता है। बचपन... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 165 Share Manisha Manjari 23 Oct 2024 · 1 min read क़दमों को जिसने चलना सिखाया, उसे अग्नि जो ग्रास बना गया। लाखों सवाल करता वो मौन, यूँ मौन में समा गया, कि जवाबओं की तलाश में, जीवंत वृक्ष का हर पत्ता मुरझा गया। संवेदनहीन हवाओं ने भी, अश्रुओं को गिरा दिया,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 118 Share Manisha Manjari 22 Oct 2024 · 1 min read आकांक्षाएं और नियति आकांक्षाओं के बिखरते बीज कहाँ, प्रतिफल की फ़सलें उगाते हैं, क्षितिज की अपनी हीं विवशताएँ हैं, वो नियति को आवश्यक बताते हैं। सिक्कों के चित्त-पट सी शत्रुता इनकी, एक माने... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 103 Share Manisha Manjari 17 Oct 2024 · 1 min read एक सूरज अस्त हो रहा है, उस सुदूर क्षितिज की बाहों में, एक सूरज अस्त हो रहा है, उस सुदूर क्षितिज की बाहों में, और एक शाम ढल रही है, मेरे बेहोश दिल की पनाहों में। एक अधूरा चाँद बसा रहा उस,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 195 Share Manisha Manjari 4 Oct 2024 · 1 min read आसमां से गिरते सितारे का एक लम्हा मैंने भी चुराया है। आसमां से गिरते सितारे का, एक लम्हा मैंने भी चुराया है, एक दुआ की ख्वाहिश कर, बोझ को उसके बढ़ाया है। बादलों में बसे उस शहर में, एक दिन मैंने... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 193 Share Manisha Manjari 27 Sep 2024 · 1 min read जो गूंजती थी हर पल कानों में, आवाजें वो अब आती नहीं, जो गूंजती थी हर पल कानों में, आवाजें वो अब आती नहीं, तेरी फ़िक्र जो रहती थी अंतर्मन में, रातें वैसी अब सताती नहीं। खुशबू बस्ती थी जिस कमरे में,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 142 Share Manisha Manjari 26 Sep 2024 · 1 min read एक बिखरा ख़्वाब हूँ मैं, तू नींदों में दीदार ना कर, एक बिखरा ख़्वाब हूँ मैं, तू नींदों में दीदार ना कर, जो दिख जाऊं गलती से मैं, इस सच को तू स्वीकार ना कर। कुछ पत्ते शाखों से बिछड़ गए,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 165 Share Manisha Manjari 24 Sep 2024 · 1 min read यादों के बीज बिखेर कर, यूँ तेरा बिन कहे जाना, यादों के बीज बिखेर कर, यूँ तेरा बिन कहे जाना, कल्पनाओं के जंगल में फिर, मेरा खुद को बिखराना। निगाहों को मेरी, अपनी ख्वाहिशों से उलझाना, चाहतों का तस्वीर बन... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 125 Share Manisha Manjari 23 Sep 2024 · 1 min read I met myself in a weed-flower field, I met myself in a weed-flower field, Where I no longer needed to wear any shield. My happiness and sorrows were fully revealed, And the scars no longer wished to... English · Manisha Manjari · Manishamanjari Englishpoems · Poem 1 212 Share Manisha Manjari 23 Sep 2024 · 1 min read जीवन चलचित्र के किरदार कई सारे, जीवन चलचित्र के किरदार कई सारे, स्वार्थ की अपनी नैया को खूब सँवारे। जो पीड़ा हो स्व की तो, फूटते अश्रु के फव्वारे, और दूजे के घाव देख, लेते ये... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 141 Share Manisha Manjari 22 Sep 2024 · 1 min read कभी हसरतें थी कि, तेरे शहर में मेरा मकां होगा कभी हसरतें थी कि, तेरे शहर में मेरा मकां होगा, पर किसे पता था कि वो बस ख़्वाहिशों का धुंआ होगा। आवाजें दी तूने जिन गलियों से, ना जाने कितनी... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 120 Share Manisha Manjari 21 Sep 2024 · 1 min read लौट कर आने की अब होगी बात नहीं। लौट कर आने की अब होगी बात नहीं, तेरे शहर से अब मेरी, होगी मुलाक़ात नहीं। ख़्वाहिशें दिल के किसी कोने में साँसें तो लेंगी, पर उन्हें पूरा करने के,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 129 Share Manisha Manjari 20 Sep 2024 · 1 min read उलझता रहता है हर कोई यहां इश्क़ की चाहतों में। उलझता रहता है हर कोई यहां इश्क़ की चाहतों में, और कहता है सबको ना पड़ना कभी इन आफतों में। अनगिनत नामों से नवाजा गया है इसे तो रिवायतों में,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 130 Share Manisha Manjari 19 Sep 2024 · 1 min read उदासीनता के शिखर श्रेष्ठ ने, यूँ हीं तो नहीं अपनाया है। उदासीनता के शिखर श्रेष्ठ ने, यूँ हीं तो नहीं अपनाया है, भावनाओं की जलती चादर ने, जलाकर जो भस्म बनाया है। ना अतीत का दुःख, ना भविष्य की चिंता, ऐसा... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 152 Share Manisha Manjari 19 Sep 2024 · 1 min read I dreamt of the night we danced beneath the moon’s tender li I dreamt of the night we danced beneath the moon’s tender light, The stars, in quiet wonder, watched our souls ignite. The love you carried deep within took a sudden... English · Manisha Manjari · Manishamanjari Englishpoems · Poem 1 202 Share Manisha Manjari 19 Sep 2024 · 1 min read इन राहों में सफर करते है, यादों के शिकारे। इन राहों में सफर करते है, यादों के शिकारे, खामोश लम्हों में गूंजते हैं, जज्बातों के इकतारे। पलभर के लिए भी सोच, जो तुझसे रिहा होती है, आँखें नम होकर... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 180 Share Manisha Manjari 19 Sep 2024 · 1 min read ये वादियों में महकती धुंध, जब साँसों को सहलाती है। ये वादियों में महकती धुंध, जब साँसों को सहलाती है, यादों के बंद कमरों की, चाभियाँ ढूंढ लाती है। हवाएं मीठी ठंड की शिरकतों से, मोहब्बत जो जगाती है, वो... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 119 Share Manisha Manjari 28 Aug 2024 · 1 min read इच्छाओं से दूर खारे पानी की तलहटी में समाना है मुझे। इच्छाओं से दूर खारे पानी की तलहटी में समाना है मुझे, क्षितिज के रंगों की रंगहीनता से खुद को रंगवाना है मुझे। यूँ तो होती है सुबह, हर गुजरते रात... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 119 Share Manisha Manjari 28 Aug 2024 · 1 min read फैला था कभी आँचल, दुआओं की आस में , फैला था कभी आँचल, दुआओं की आस में , बिखरे थे कभी आंसू, तेरे इंतज़ार में। सदियाँ बीती फिर कितनीं हीं, वक़्त के इम्तिहान में, और तमन्नाएँ बिखर गयी, एक... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 158 Share Manisha Manjari 23 Aug 2024 · 1 min read जब विस्मृति छा जाती है, शाश्वतता नजर कहाँ आती है। जब विस्मृति छा जाती है, शाश्वतता नजर कहाँ आती है, फैलता है जब अँधेरा घना, आँखें भी धोखा दे जाती हैं। जिन पथों पर कोई चला नहीं, अनजानी वही कहलाती... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 184 Share Manisha Manjari 22 Aug 2024 · 1 min read संदली सी सांझ में, ज़हन सफ़ेद-कागज़ के नाव बनाये। संदली सी सांझ में, ज़हन सफ़ेद-कागज़ की नाव बनाये, बहने दे मुझे छाँव में तेरे, एक छोटे गलियारे से कहता जाए। कभी बादलों का आभार जताये, कि सृजन में उसका... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 135 Share Page 1 Next