Tag: Hindi Poetry
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इस दर्द को यदि भूला दिया, तो शब्द कहाँ से लाऊँगी।
Manisha Manjari
किसी ने कहा, पीड़ा को स्पर्श करना बंद कर पीड़ा कम जायेगी।
Manisha Manjari
ये ज़िन्दगी जाने क्यों ऐसी सज़ा देती है।
Manisha Manjari
आंधियां आती हैं सबके हिस्से में, ये तथ्य तू कैसे भुलाता है?
Manisha Manjari
असफ़लताओं के गाँव में, कोशिशों का कारवां सफ़ल होता है।
Manisha Manjari
अनकहे शब्द बहुत कुछ कह कर जाते हैं।
Manisha Manjari
काल के चक्रों ने भी, ऐसे यथार्थ दिखाए हैं।
Manisha Manjari
सागर ने लहरों से की है ये शिकायत।
Manisha Manjari
जब हवाएँ तेरे शहर से होकर आती हैं।
Manisha Manjari
खामोशियों ने हीं शब्दों से संवारा है मुझे।
Manisha Manjari
रेत पर नाम लिख मैं इरादों को सहला आयी।
Manisha Manjari
उसकी आँखों के दर्द ने मुझे, अपने अतीत का अक्स दिखाया है।
Manisha Manjari
गंतव्यों पर पहुँच कर भी, यात्रा उसकी नहीं थमती है।
Manisha Manjari
धारणाएँ टूट कर बिखर जाती हैं।
Manisha Manjari