Posts Tag: Daily Writing Challenge 246 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ओंकार मिश्र 12 Nov 2024 · 1 min read चाँद... चाँद पर धब्बा आने से उसकी शीतलता की जगह ज्वाला नहीं निकलती है। चाँद की रोशनी से प्रेम और शांति ही मिलती है।। Daily Writing Challenge · Quotation · Quote Writer 2 246 Share ओंकार मिश्र 11 Nov 2024 · 1 min read गंगा... गंगा में बाढ़ आने से जल गंदा हो जाता है। पर उसकी पवित्रता में कमी नहीं आती है।। Daily Writing Challenge · Quotation · Quote Writer 1 181 Share ओंकार मिश्र 8 Nov 2024 · 1 min read क्रोध... क्रोध मुर्खता से शुरू होता है। और पश्यताप पर समाप्त होता है।। Daily Writing Challenge · Quotation · Quote Writer 1 176 Share ओंकार मिश्र 7 Nov 2024 · 1 min read मनुष्य... नम्रता से देवता भी मनुष्य के वश में हो जाते हैं। प्रताड़ना से पशु भी मनुष्य से दूर हो जाते हैं।। Daily Writing Challenge · Quotation · Quote Writer 1 182 Share ओंकार मिश्र 28 Oct 2024 · 1 min read जीवन में... जीवन में सादगी और सज्जनता को अपनाना चाहिए। अपने चारो तरफ स्वच्छता का वाता वरन बनाना चाहिए।। Best Hindi · Daily Writing Challenge · Motivation Quotes · Quotation · Quote Writer 1 382 Share ओंकार मिश्र 27 Oct 2024 · 1 min read धैर्य और साहस... धैर्य और साहस के सामने भयंकर संकट भी धूए के बादल की तरह अपने आप उड़ जाते हैं। Best Hindi Kavita · Daily Writing Challenge · Morning Quotes · Quotation · Quote Writer 1 209 Share ओंकार मिश्र 6 Dec 2023 · 1 min read चाँद चाँद पर धब्बा आने से उसकी शीतलता की जगह ज्वाला नहीं निकलती है। चाँद की रोशनी से प्रेम और शांति ही मिलती है।। Daily Writing Challenge · Hindi Quotes · Quotation · Quote Writer 1 508 Share ओंकार मिश्र 3 Dec 2023 · 1 min read परमात्मा मनुष्य के रूप में परमात्मा सदा हमारे साथ होते हैं। उनकी सेवा ही हमारा परम धर्म है।। Daily Writing Challenge · Hindi Quotes · Quotation · Quote Writer 1 484 Share rekha mohan 2 Dec 2023 · 1 min read सम वर्णिक छन्द " कीर्ति " ( प्रस्तुति -2 ) 112 112 112 2 जय कृष्ण मुकुंद मुरारे । प्रभु माधव नन्द दुलारे । जय श्याम यशोमति प्यारे । हरि भक्तन के रखवारे ।। *** ***... Daily Writing Challenge 676 Share Kavita Chouhan 30 Oct 2023 · 1 min read ****मैं इक निर्झरिणी**** मैं इक निर्झरिणी नीर भरी अश्रुओं से यूँ अक्षि सँवरी बन संगीत इक भीतर सजा कभी विरह तो हॄदय बसा। यूँ ही नभ बरबस निहारती पिपासा इक भीतर कराहती हो... Hindi · Daily Writing Challenge · Hindi Poetry · Humour 1 352 Share Page 1 Next