Posts Tag: ग़ज़ल 3 33 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr Archana Gupta 27 Jul 2025 · 1 min read सावन घिरें काली घटायें जब, मचलने लगता है सावन रुपहली जल की बूंदे बन, बरसने लगता है सावन पहन कर खूब हरियाली, खुशी से ये धरा झूमे खिले फूलों की खुशबू... ग़ज़ल 3 · सावन 1 45 Share Dr Archana Gupta 24 Mar 2025 · 1 min read इश्क तो रब की है सौगात हमारा क्या है इश्क तो रब की है सौगात हमारा क्या है दो दिलों के हैं ये जज़्बात हमारा क्या है वक़्त को थाम के रक्खें भी तो किसकी ख़ातिर हैं हमें एक... Hindi · ग़ज़ल 3 1 93 Share Dr Archana Gupta 17 Feb 2025 · 1 min read हो गया साथ का है असर आपका हो गया साथ का है असर आपका आ ग़ज़ल में गया है हुनर आपका आइना देखकर हम तो हैरान हैं चेहरा अपना भी आता नज़र आपका आपके प्यार में कुछ... Hindi · ग़ज़ल 3 · मंच 2 632 Share Dr Archana Gupta 2 Feb 2025 · 1 min read सरस्वती वंदना जी सकें जो ज़िंदगी इतनी उमर दो शारदे कर्म से हमको जगत में कर अमर दो शारदे कर सकें हम हँसते हँसते मुश्किलों का सामना मूर्ख है हम ज्ञान का... Hindi · ग़ज़ल 3 · सरस्वती वंदना 2 2 145 Share Dr Archana Gupta 24 Dec 2024 · 1 min read दिल में खिला ये जबसे मुहब्बत का फूल है दिल में खिला ये जबसे मुहब्बत का फूल है चुभता ही अब नहीं हमें कोई भी शूल है तुम साथ हो तो है नहीं परवाह कुछ हमें हर जुल्म इस... Hindi · ग़ज़ल 3 1 731 Share Dr Archana Gupta 11 Dec 2024 · 1 min read कुछ हृदय ने गहे कुछ हृदय ने गहे कुछ नयन से बहे शब्द खामोश थे मौन ने सब कहे कर सके कुछ न हम देखते बस रहे बन गए दर्द वो जो रहे अनकहे... Hindi · ग़ज़ल 3 1 226 Share Dr Archana Gupta 9 Nov 2024 · 1 min read दिल है पाषाण तो आँखों को रुलाएँ कैसे दिल है पाषाण तो आँखों को रुलाएँ कैसे अपनी तक़दीर के लिक्खे को मिटाएँ कैसे जब धड़कते हैं वो साँसों में हमारी हरदम ख़ुद को यादों से भी आज़ाद कराएँ... Hindi · ग़ज़ल 3 156 Share Dr Archana Gupta 14 Oct 2024 · 1 min read प्रेम के दो वचन बोल दो बोल दो प्रेम के दो वचन बोल दो बोल दो जग में समता का रँग घोल दो घोल दो देश बाँटो नहीं जात में पात में तुम ह्रदय के पटल खोल दो... Hindi · ग़ज़ल 3 178 Share Dr Archana Gupta 16 Sep 2024 · 1 min read उदास रातें बुझे- बुझे दिन न खुशनुमा ज़िन्दगी रही है उदास रातें बुझे- बुझे दिन न खुशनुमा ज़िन्दगी रही है कुचक्र प्रारब्ध का चला यूँ सुखों की दीवार ढह गयी है बने रहे ढाल अपनों की हम, न खुद की... Hindi · ग़ज़ल 3 · मंच · सीनियर सिटीजन 5 4 392 Share Dr Archana Gupta 10 Sep 2024 · 1 min read तेरे होने से ही तो घर, घर है तेरे होने से ही तो घर, घर है वर्ना लगता मकान खँडहर है जीतने वाले को ये कहते सब भाग्य का वो बड़ा सिकंदर है किस्से मशहूर जिसके हँसने के... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल 3 2 1 234 Share Page 1 Next