हम तो अपनी बात कहेंगे
बुरा लगे लग जाए तुमको दिन को क्यों फिर रात कहेंगें? हम तो अपनी बात कहेंगें दीन-हीन-लाचार हैं जो फ़िर युवा-वृध्द-बीमार हैं जो फ़िर नारी को इक आशा देकर फिरते...
Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · अनिल कुमार निश्छल · शिवनी · हमीरपुर