Posts Tag: साहित्यपीडिया 24 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Sûrëkhâ 13 Jul 2023 · 1 min read विषय :- काव्य के शब्द चुनाव पर | जीवन भर चुनाव ही करते | हर चीजें हम चुनकर लेते || दोस्त चुनें , हमसफर चुनें | जीवन की हर डगर चुनें || चुनना है इन्सान की फितरत |... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · काव्य के शब्द चुनाव पर। · देश · फितरत · भारतीय समाज · साहित्यपीडिया 7 1 632 Share Sûrëkhâ 13 Jul 2023 · 1 min read बदलती फितरत हर लहज़ा, हर फितरत और हर क़िरदार देखा है भरी दुनिया में लोंगो का बदलता व्यवहार देखा है!! लोग मिलते हैं आपसे आपकी हैसियत देखकर! रिश्तों का हमनें भी एक... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · फितरत · बदलती फितरत · व्यवहार · साहित्यपीडिया 8 2 607 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read *मन का समंदर* *मन का समंदर* समंदर की लहरें कब हवा हो जाती है पता ही नहीं चलता कब धुआं हो जाती है ओस की बुंदों की तरह कुछ पल को दिखतीं हैं... Poetry Writing Challenge · कविता · मन का तूफान · मन का समंदर · मन की बात · साहित्यपीडिया 7 8 708 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read ईर्ष्या *ईर्ष्या* आज भी ईर्ष्या तू ना गई मेरे मन से आज भी पास होकर तुम इतराती हो या फिर दूर रहकर यूं मुझसे विद्वेष रखतीं हो... अक्सर कई बार पढ़ा... Poetry Writing Challenge · ईर्ष्या · ईर्ष्यालु · कविता · मानसिक कष्ट · साहित्यपीडिया 8 5 838 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read निकाल देते हैं *निकाल देते हैं* रिश्तों का संतुलित अनुपात निकाल देते थे। प्यार से नफ़रत की औकात निकाल देते थे।। जिस तरह निकाल देते हैं दालों से पत्थर- पुराने लोग बिगड़ी हुई... Poetry Writing Challenge · इंसानियत · कविता · प्रेम में अखरना · रिश्तो में उदारता · साहित्यपीडिया 6 2 316 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read कभी-कभी *कभी कभी* कभी कभी खुद से भी हस्ती!सवालात कर लिया करो वजुद में हम कहाँ बैठे हैं हुजुर जरा!पुछ लिया करो हर आखं का इशारा अपना नहीं!ये भी जान लिया... Poetry Writing Challenge · कविता · खुद के सवाल · विश्वास की डोर · विश्वासघात · साहित्यपीडिया 5 2 338 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read *बदलना और मिटना* *बदलना और मिटना* दो शब्द! एक मै और मै, वो बदलना चाहिए निकले जो भाव अनर्थ के वो सार मिटना चाहिए एक सूरत वक्त की वो करवट बदलना चाहिए जो... Poetry Writing Challenge · कविता · बदलता इंसान · बदलना और मिटना · भेदभाव · साहित्यपीडिया 4 2 749 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read गुस्सा *गुस्सा* हां देखो! मैने अभी अभी गुस्से को यूं आते देखा है "नाक "पे ज़रा अपनी "नाक" को यूं चढ़ाते देखा है है जो तैश में ताव, वो उबाल यहां... Poetry Writing Challenge · कविता · गुस्सा · गुस्सा एक शारीरिक हानि · गुस्से का गुब्बारा · साहित्यपीडिया 4 2 423 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read आईना *आईना* कभी कभी खुद से भी बात कर लिया करो आइने में रहकर खुद आइनें से बात कर लिया करों है कहाँ शक्ल!वो शक्ल कहाँ खो गयी जरा देखा करों... Poetry Writing Challenge · आईना · आईना एक सच · कविता · खुद की पहचान · साहित्यपीडिया 3 1 1k Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read प्रकृति *प्रकृति* जिसका हमनें पतन किया आज वो कल से हमारे सजृन दाता रहे हैं जिन्हें हम अपने स्वार्थ के लिए काटते रहे कल वो ही हमारे आज फिर से प्राणदाता... Poetry Writing Challenge · कविता · पर्यावरण संरक्षण · प्रकृति · साहित्यपीडिया · हमारी प्रकृति हमारा जीवन 3 1 319 Share Previous Page 2 Next