Posts Tag: समाज 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shiva Awasthi 8 Jul 2024 · 1 min read कविता लड़कियों को पढ़ने देते हुए चाहा गया कि वे सिर्फ पढ़ें किन्तु वे लिखने भी लग गईं लिखने वाली लड़कियों से चाहा गया कि लिखें देश प्रेम, भक्ति गीत किन्तु... Hindi · कविता · प्रेम · लड़कियां · समाज 1 1 219 Share Niharika Verma 8 Jun 2024 · 3 min read उपहास ~लघु कथा डरी सी , सहमी सी रहा करती थी वो ! क्या हुआ पूछने पर, मौन ही रहती थी वो ! मानो उसका ह्रदय किसी पीड़ा से गहरी खाई में खो... Hindi · लघु कहानी · लघु लेख · समाज 316 Share अलका बलूनी पंत 8 Apr 2024 · 4 min read वेश्यावृति की तरफ जाती युवा पीढ़ी ०८/०४/२४ १. इस विषय पर लिखते हुए मैं कोशिश करूंगी भाषा की मर्यादा का ध्यान रखूं तब भी अगर कोई शब्द गलत लिख जाए तो आप सभी से माफी चाहूंगी... Hindi · Alkabalunipant · आलेख · वैश्यावृति · समाज 225 Share साहित्य गौरव 26 Nov 2023 · 1 min read बदलती दुनिया हर शख्स हो रहा है बईमान क्यूं यहां, फितरत बदल रहा है इंसान क्यूं यहां। बच गए जो कुछ कही पर घर पुराने से, बस ईटो के रह गए है... समाज 3 2 946 Share Shiva Awasthi 1 Jul 2023 · 1 min read कविता आँगन में घुटनों को मोड़े हत्या लगे व्यक्ति सी बैठी, है उसकी माँ, जिसकी बेटी भाग गई है। बोझ बन चुके प्रश्न सभी के, दो आँखों से निचुड रहें हैं।... Hindi · कविता · दोगलापन · न्याय वाद · प्रश्न · समाज 1 724 Share Mamta Rani 10 Jun 2023 · 1 min read भीमराव अम्बेडकर भीमराव अंबेडकर भीमराव अंबेडकर जी को देश करे शत-शत प्रणाम देश की पावन गाथा में है,उनका अहम योगदान माता है श्रीमती भीमाबाई पिता हैं राम मालो सकपाल 14 अप्रैल को... Poetry Writing Challenge · कविता · न्याय · भीमराव अंबेडकर · समाज 5 737 Share Mamta Rani 10 Jun 2023 · 1 min read दान दान धर्म का करते यहाँ कुछ लोग आडम्बर ओढ़ मुखोटा मानवता का ऐसे कुछ लोग यहाँ दान देते हैं कुछ ,ठंड में ओढ़ा देते हैं कम्बल करते हैं इसका प्रचार,ताकि... Poetry Writing Challenge · आडम्बर · कविता · दान · पाखण्ड · समाज 5 1 352 Share Mamta Rani 10 Jun 2023 · 1 min read क्रूरता की हद पार धीरे-धीरे वो पास आने लगा प्यार के अफ़साने वो गाने लगा इजहार प्यार का करके उसने प्यार से उसे गले लगाने लगा छोड़ आयी वो अपने परिवार को हमसफ़र बन... Poetry Writing Challenge · इंसान · कविता · समाज 1 393 Share