Posts Tag: विजात छंद 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid लक्ष्मी सिंह 24 Aug 2019 · 1 min read विरह की आग विजात छंद विरह की आग है ऐसी, बना तन राख के जैसी। सहूँ यह वेदना कैसे, हृदय में पीर भारी है। बना बैरी पिया मेरा, नयन में नीर भारी है।... Hindi · गीत · गीतिका · विजात छंद · विरह · विरह गीत 234 Share