Posts Tag: वक्त 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 5 Nov 2025 · 1 min read ग़ज़ल: वक्त के पत्थर पे मोम-सा पिघल रहा हूँ मैं "वक्त के पत्थर पे मोम-सा पिघल रहा हूँ मैं" जुगनू बना के रख दिया चराग़-ए-दिल में तूने, वक्त के पत्थर पे मोम-सा पिघल रहा हूँ मैं!! पत्थर दिलों के शहर... Hindi · ग़ज़ल · जुगनू · पत्थर · वक्त 91 Share Mahesh Jain 'Jyoti' 30 Dec 2024 · 1 min read वक्त ***** *वक्त* ***** वक्त यूँ ही बीतता ज्यों जा रहा यह साल है , कुछ लगा ये दुख भरा तो कुछ लगा खुशहाल है, देखते ही देखते इतने बड़े हम... Hindi · ज्योति · मुक्तक · वक्त 1 170 Share Dr. Rajeev Jain 22 Aug 2024 · 1 min read हर वक़्त सही है , गर ईमान सही है , हर वक़्त सही है , गर ईमान सही है , नेक रास्तों पर , होना बदनाम सही है l राही छाया तलाशता , गर्मी के सफ़र में मंदिर हो या... Hindi · अफवाह · बात · राजीव · वक्त · सांगरी 238 Share Niharika Verma 16 Jun 2024 · 1 min read आज कल !! उलझी हुए परिस्थितियों के जकड़न में हूँ... क्या कहूँ किस हाल में हूँ , मैं आजकल !! तुम न देख पाओगे, मेरे हंसी के पीछे की उदासी , कुछ इस... Hindi · कविता · जीवन · यादें · वक्त · हिंदी 239 Share Juhi Grover 14 May 2024 · 1 min read रोशनी की किरण वक़्त का चिराग़ बुझते बुझते, ज़िन्दगी का सफ़र थमते थमते, एक रोशनी की किरण पास आई। ऊपर से मुस्कुराहट थी, अन्दर कुछ दर्द सा था, लगती वो बिल्कुल परी सी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · किरण · चिराग़ · रोशनी · वक्त 346 Share Sangeeta Beniwal 7 Feb 2024 · 1 min read धुन धुन वक्त की धुन सुनती है अक्सर देर से...... जब चिड़िया चुग लेती है खेत **** वक्त की धुन थिरकती है थिरकाती है नेता जनता सबको वक्त पर नचाती है।... Poetry Writing Challenge-2 · Poem · Quotation · धुन · वक्त 1 396 Share Namrata Sona 3 Jul 2023 · 1 min read वक्त 🎻 *वक़्त* 🎻 वक्त रुकता नहीं वक्त थमता नहीं,,,, लम्हा लम्हा गुज़र कर हर पल ले आता है नई सौगातें,,, कुछ खट्टी कुछ मीठी, बदलती रहती है तारीख गुज़रता रहता... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · थमता · फितरत · वक्त 5 4 484 Share Ekta chitrangini 3 Jun 2023 · 1 min read "वक्त की औकात" जैसी करनी वैसी भरनी , वक्त की बड़ी औकात है। कभी सोचती हूँ वक्त को रोक लुँ, वक्त और तेज भागता है। कभी सोचती हूं धारा को रोक दूँ, फिर... Poetry Writing Challenge · वक्त 3 2 547 Share गुप्तरत्न 27 May 2023 · 1 min read दूर तक आ गए मुश्किल लग रही है वापसी बहुत दूर तक आ गए ,अब मुश्किल है वापसी , दोस्त तुम बने नहीं, न रही कभी रंजिशे आपसी , किसी और से दिल लगा भी लेते , पर सूरत... Poetry Writing Challenge · कविता · कविता-हिन्दी · गीत · गुप्तरत्न · वक्त 670 Share गुप्तरत्न 27 May 2023 · 1 min read बिन गुनाहों के ही सज़ायाफ्ता है "रत्न" चल बख्श दिए गुनाह तेरे सारेl मुन्तज़िर हूँ,बस इक जवाब दे दे ll मैं बावफ़ा न थी कभी ,माना l तू गुज़रे सालो का हिसाब दे दे ll कब से... Poetry Writing Challenge · कविता · कविताहिन्दी · गीत · गुप्तरत्न · वक्त 678 Share Page 1 Next