Posts Tag: मंजिल 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid surenderpal vaidya 29 Sep 2025 · 1 min read मंजिल पाने का गीतिका ~~~~ आगे नित बढ़ते जाना है, करें विचार। एकमात्र मंजिल पाने का, यह आधार। भाव निराशा का छोड़ें अब, लेकर आस। सभी मुश्किलें करनी हमको, है स्वीकार। सामने आए... Hindi · गीतिका · निश्चल छंद · मंजिल 1 1 49 Share Dr. Rajeev Jain 3 Aug 2024 · 1 min read हौसला रखो किश्ती हारी नहीं है हौसला रखो लहरों से टकरा रही हौसला रखो ज्वार है पानी में तल्ख़ है मिज़ाज झुकना है नहीं मंज़ूर हौसला रखो टूट जाते हैं मंसूबे जरा... Hindi · किश्ती · मंजिल · राजीव · सागर · हौसला 362 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 31 May 2024 · 1 min read उलझन है मेरे दिल में, भरी हुई हर पल में उलझन है मेरे दिल में, भरी हुई हर पल में, समय की दौड़ में, बस जीने की ख्वाहिश है!! रास्तों का सफ़र अनंत गहराइयों की याद दिलाते हैं, बस इन... Hindi · कविता · ख्वाब · ग़ज़ल · मंजिल · संघर्ष की दास्तान 242 Share Mukesh Kumar Sonkar 18 Feb 2024 · 1 min read मंजिलें "मंजिलें" मंजिल को पा सकना भला कहीं आसान होता है, इसकी ओर बढ़ने वाली हर राहों में एक तूफान होता है। मंजिल को वही पाते हैं जो इन तूफानों से... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · टार्गेट · प्रयास · मंजिल · लक्ष्य 1 412 Share Dr. Pradeep Kumar Sharma 18 Feb 2024 · 1 min read मंजिल मंजिल वह समय, जो अब बीत गया उसके लिए हमें क्या पछताना ? वह समय, जो अभी बाकी है उसे क्योंकर व्यर्थ गँवाना है ? जो राह हमने अपने लिए... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · बाल कविता · मंजिल 254 Share कवि अनूप अम्बर 1 Sep 2023 · 2 min read जो बीत गया उसे जाने दो जो बीत गया उसे जाने दो, फिर से नव स्वप्न सजाने दो, टूट के_ बिखरे खंडहरों में, फिर से दीप जलाने दो, गिरना उठाना फिर से चलाना, सुनो मुसाफिर, कभी... Hindi · आशा · कविता · जीवन · मंजिल · संघर्ष 1 635 Share Dr. Pradeep Kumar Sharma 5 Aug 2023 · 1 min read मंजिल मंजिल वह समय, जो अब बीत गया उसके लिए हमें क्या पछताना ? वह समय, जो अभी बाकी है उसे क्योंकर व्यर्थ गँवाना है ? जो राह हमने अपने लिए... प्रेरक · बचपन · बाल कविता · मंजिल 425 Share अंजनी कुमार शर्मा 'अंकित' 13 Jun 2023 · 1 min read मिलता नहीं किनारा मिलता नहीं किनारा माँझी यूँ ही बैठे रहने से। मिलता नहीं सुकून कभी भी विचलित होते रहने से। बिना कर्म के जग में हर इंसान विफल हो जाता है, मिल... Poetry Writing Challenge · अंजनी कुमार शर्मा · किनारा · मंजिल 322 Share Soni Gupta 10 Feb 2023 · 1 min read मंजिल मंजिल तक पहुंचने के लिए हमें उन रास्तों की तलाश है, जो पूरे करने हैं हमें ख्वाब आज उन ख्वाबों की तलाश है, चल पड़े कदम हमारे उस राह पर... Hindi · Poem · मंजिल 1 490 Share Mahesh Jain 'Jyoti' 3 Feb 2023 · 1 min read सरसी छंद 🦚 सरसी छंद ******** दुर्गम पथ अंजान डगर है, संग न कोई मीत । लक्ष्य दूर है चलते जाना, गाते-गाते गीत ।। मंजिल उनको ही मिलती है, जो करते हैं... Hindi · मंजिल · सरसी छंद 282 Share