Posts Tag: भूमिसुता छंद 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid बासुदेव अग्रवाल 'नमन' 6 Aug 2022 · 1 min read भूमिसुता छंद "जीव-हिंसा" जीवों की हिंसा प्राणी क्यों, हो करते। तेरे कष्टों से ही आहें, ये भरते।। भारी अत्याचारों को ये, झेल रहे। इन्सां को मूकों की पीड़ा, कौन कहे।। कष्टों के मारे... Hindi · बासुदेव · भूमिसुता छंद 245 Share