Tag: भक्ति मुक्तक
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*धन्य अयोध्या हुई जन्म-भू, जिनकी गरिमा पाई【मुक्तक】*
Ravi Prakash
*दशरथनंदन सीतापति को, सौ-सौ बार प्रणाम है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*चलते रहे जो थाम, मर्यादा-ध्वजा अविराम हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*वनवास हो या राजपद, जिनको सदैव समान है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*हे अष्टभुजधारी तुम्हें, मॉं बार-बार प्रणाम है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*गूॅंजती जयकार से मॉं, यह धरा-आकाश है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*धन्य तुम मॉं, सिंह पर रहती सदैव सवार हो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
अभी तक न विफलता है ,अभी तक न सफलता है (मुक्तक)
Ravi Prakash
*आर्य समाज (मुक्तक)*
Ravi Prakash