Posts Tag: ज्योति 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mahesh Jain 'Jyoti' 25 Oct 2024 · 1 min read भरें भंडार 🦚 *भरें भंडार* ०००००००० दीप आशा के जलायें दूर ये अँधियार हो । सुरसरी के नीर सा पावन दिलों में प्यार हो ।।1 ० हर तरफ फैले अँधेरे देख कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · ज्योति · दीपमाला 58 Share Mahesh Jain 'Jyoti' 7 Dec 2023 · 1 min read विनती विनती 🦚 बड़ी समस्या विकट सामने , खड़ी हुई है मधुसूदन । झुकने को तैयार नहीं है, कोई भी तो मनमोहन ।। किंचित चिन्ता नहीं किसी को, आम आदमी दुख... Hindi · ज्योति · विनती 167 Share Mahesh Jain 'Jyoti' 23 Oct 2023 · 1 min read शब्द शब्द 🦚 आशीष बनें जब शब्द कभी, तो शब्द ढाल से बनते। देते हैं घाव बड़े गहरे , जब दिल में जाकर चुभते ।। शब्दों में प्यार चहकता है, शब्दों... Hindi · छंद · ज्योति · शब्द 1 147 Share Mahesh Jain 'Jyoti' 17 Aug 2023 · 1 min read आह्वान पढ़ने का (ब्रजभाषा गीत) *आह्वान पढने का* ००००००००००००० पढ़बे में काहे घबराऔ , लिखबे में काहे सरमाऔ , सुनौ हमारी रे । अब तौ हाथन में थामौं ,कलम दुधारी रे ।। ० अनपढ़ कौ... Hindi · कलम दुधारी · ज्योति · पढ़ाई 123 Share Mahesh Jain 'Jyoti' 16 Aug 2023 · 1 min read मेरौ महान देस (ब्रज भाषा गीत) 🦚 *मेरौ महान देश* ००००००००००० मेरौ भारत देश महान रे भैया भारत देश महान । आऔ करें वंदना याकी , महकें तन-मन-प्रान ।। ० देश प्रेम केे अक्षत अर्पण करकै... Hindi · ज्योति · देश गीत 186 Share Mahesh Jain 'Jyoti' 22 Jul 2023 · 1 min read ब्रज वंदना 🦚 *ब्रज वंदना* ********** यहाँ कालिन्दी कल-कल करै सोर रे , तट पै नाचैं मगन मोरनी-मोर रे , भौतइ पावन है ब्रजभूमि भैया । महकै तुलसी रँभावें रे गैया ।।... Hindi · गीत · ज्योति · ब्रज भाषा · ब्रज महिमा 158 Share Mahesh Jain 'Jyoti' 21 Jul 2023 · 1 min read श्री राम नाम महिमा *श्री राम नाम महिमा* ****************** राम की माया राम ही जाने, ना जाने इन्सान रे । स्वाँस-स्वाँस में राम समाया, कण -कण में भगवान रे ।। * राम ही थल... Hindi · गीत · ज्योति · महिमा · श्री राम 174 Share Mahesh Jain 'Jyoti' 5 Jun 2023 · 1 min read गीतिका गीतिका ..16 * दी पा व ली * ------------- दीप का त्यौहार आया नेह के दीपक जला । यूँ लगे जैसे दिवाकर तम मिटाने को चला ।। देहरी पर दीप... Poetry Writing Challenge · गीतिका · ज्योति · दीपावली 1 164 Share अंजनी कुमार शर्मा 'अंकित' 5 Jun 2023 · 1 min read जीवन जलता रहता है दीपक की ज्योति के सम, जीवन जलता रहता है। शनै-शनै कालचक्र से, तन पिघलता रहता है। जब तक प्राण हैं यह ज्योति, झंझावतों से लड़ती है। इनके प्रखर प्रहारों से,... Poetry Writing Challenge · कविता · जीवन · ज्योति 1 274 Share Mahesh Jain 'Jyoti' 13 Dec 2022 · 1 min read कुंदलता सवैया *किशोर/सुख/कुंदलता सवैया* ललगा ललगा ललगा ललगा ललगा ललगा ललगा ललगा लल *** किसको अपना समझें जग में अपना न लगे जब प्राप्त हमें तन । कुछ धर्म न कर्म हुआ... Hindi · कुंदलता · ज्योति · सवैया 200 Share