Posts Tag: ओम के मुक्तक 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 29 May 2025 · 1 min read जैसे जैसे घटते जाते गाँव। जैसे जैसे घटते जाते गाँव। वैसे वैसे घटती ममता छाँव । शहरी बनने का यह कुत्सित भाव। हरता नित मानव की उत्तम ठाँव।। डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम Hindi · Quote Writer · ओम के मुक्तक 2 155 Share