Posts Tag: एक गृहिणी की डायरी 52 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next ओनिका सेतिया 'अनु ' 13 Sep 2022 · 2 min read पिता पराए हो गए .. दुनिया से क्या चले गए तुम , तुम्हारे लिए पराए हो गए हम । या तो सपनो में आते ही नहीं , और यदि आ गए तो देखते ही नहीं।... Hindi · एक गृहिणी की डायरी · कविता 1 407 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Sep 2022 · 1 min read दौलत बड़ी या मां का दुलार ! करोड़ों की संपत्ति छोड़ गई मां, मगर अपना प्यार और दुलार तो संग ले गई मां । रुपए के चंद सिक्के ,और नोट तो नहीं पूछेंगे न दिल का हाल... Hindi · एक गृहिणी की डायरी · कविता 3 3 554 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 30 Aug 2022 · 2 min read भाग्य हीन का सहारा कौन ? एक छोटी सी बच्ची , उम्र है जिसकी कच्ची। दुनियादारी से अंजान , दिल की है पूरी सच्ची । कैसे करेगी अब सामना , बुरा है बहुत बैरी जमाना ।... Hindi · एक गृहिणी की डायरी · कविता 7 3 702 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 28 Aug 2022 · 1 min read सोशल मीडिया ( टिक टॉक) की यह तितलियां ... टिकटोक सोशल मीडिया में , अपने रूप और जवानी के जलवे दिखाती सुंदरियां । कभी मन मोहक हाव भाव तो , कभी नृत्य गान से बटोरती यह सुर्खियां । इनके... Hindi · एक गृहिणी की डायरी · कविता 1 397 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 Aug 2022 · 1 min read राजनीति और नारी सम्मान यह राजनीति की दुनिया , औरतों के लिए सुरक्षित नहीं । यहां भावनाओं को लगे ठेस, खोना पड़े मान सम्मान कहीं । फिल्म जगत की भांति , राजनीति भी ऐसा... Hindi · एक गृहिणी की डायरी · कविता 1 2 382 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 22 Jul 2022 · 1 min read वक्त का गुबार में सब पीछे छूट जाता है ... कल तक तो था परिवार का सबसे प्यारा, श्वास निकलते ही हो जाता है न्यारा। वक्त का गुबार ऐसा उड़ता है जोरो से , कहीं भी नहीं मिल पाता उसे... Hindi · एक गृहिणी की डायरी · कविता 282 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 20 Jul 2022 · 1 min read रिश्तों का बदलता समीकरण झूठ कहते हैं लोग , के भाई अनुजों के लिए पिता समान होते है । हकीकत तो यह है की भाई , सिर्फ अपनी संतान और पत्नी के ही होते... Hindi · एक गृहिणी की डायरी · कविता 1 379 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 19 Jul 2022 · 1 min read घोर कलयुग है भाई ! आज कल घोर कलयुग है भाई , अभिभावकों की शामत है आई। बच के रहना अपनी संतानों से, जान से हाथ धो बैठोगे गर डांट लगाई । भूल जाओ तुमने... Hindi · एक गृहिणी की डायरी · कविता 1 2 415 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 18 Jul 2022 · 1 min read काला साया कुछ ऐसे लोग भी होते है , जो तन के भी काले और मन के भी काले , आस्तीनो में अपनी जिन्होंने नाग पाले । जुबान पर जहर को लपेटे... Hindi · एक गृहिणी की डायरी · कविता 3 6 343 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 17 Jul 2022 · 1 min read संतान की उपयोगिता अगर माता पिता को यह पहले से ज्ञात हो जाए , की उनकी संतान इतनी निष्ठुर और स्वार्थी निकलेगी । तो वोह संतान उत्पन्न ही क्यों करते , उन्होंने एक... Hindi · एक गृहिणी की डायरी · कविता 263 Share Previous Page 3 Next