Posts Tag: एक गृहिणी की डायरी 52 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ओनिका सेतिया 'अनु ' 5 Dec 2025 · 2 min read एक वृद्ध मां का स्मृति लोप उम्र के इस पड़ाव में आकर , जब विश्राम की स्थिति में आई मां। जब हाथ पांव शिथिल हो गए , क्षीण हो गई काया ,तो विवश हो गई मां... Hindi · एक गृहिणी की डायरी · कविता 139 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 5 Dec 2025 · 1 min read काश,! तुम होते खुली किताब की तरह.. काश ! तुम होते खुली किताब की तरह , तो हम पढ़ सकते थे तुम्हें अच्छी तरह । मगर तुम्हें पढ़ना नामुमकिन सा लगता है, कई गहरे राज है चेहरे... Hindi · एक गृहिणी की डायरी · ग़ज़ल 129 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Oct 2025 · 1 min read अनुशासित जीवन ,सुंदर जीवन जैसा बीज बोएगा किसान , वैसी ही तो फसल उगेगी । फूल खिलाए या कांटे लगाए, प्रसन्नता या पीड़ा उसे ही मिलेगी । यही बात अभिभावकों पर होती है लागू... Hindi · एक गृहिणी की डायरी · कविता 159 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 28 Jun 2025 · 1 min read सूद समेत कुछ भी नहीं भूलते हम , सद व्यवहार या दुर्व्यवहार , सब याद रखते हैं मस्तिष्क में । कुछ भी नहीं रखते अपने पास , प्यार हो या नफरत ,... Hindi · एक गृहिणी की डायरी · कविता 235 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 23 Jan 2025 · 1 min read पंख तो मिले थे ,मगर उड़े नहीं, पंख तो मिले थे ,मगर उड़े नहीं, क्योंकि पैरों में बेड़ियां किसी उम्मीद की थीं । अब होश आया तो जाना हमने , हमने ही इस तकदीर से झूठी उम्मीद... Hindi · Quote Writer · एक गृहिणी की डायरी · कविता 194 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Dec 2024 · 1 min read कर्मों का फल मौत का क्या है ! वो तो सब को आनी । क्या अच्छा ! क्या बुरा , है फर्क बस इतना , अच्छे इंसान के अंतिम समय में , होगी... Hindi · एक गृहिणी की डायरी · कविता 264 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 9 Sep 2024 · 1 min read यूज़ एंड थ्रो कंटेनर्स अपने स्वार्थ हेतु व्यक्तियों को , अपने राजनीतिक प्रचार से जोड़ लेना । और स्वार्थ पूर्ण होते ही , दूध में से मक्खी की तरह निकाल फेंकना । जैसे व्यक्ति... Hindi · एक गृहिणी की डायरी · कविता 202 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 10 Oct 2023 · 1 min read बदलता दौर अब कहां वो हुस्न ,वो अदा,वो नजाकत , शर्मो हया पर्दा नशीनों सी । ज़माने के बदलते दौर ने छीन लिया सब , अब कहां रही वो बात इनमें नाजनीनों... Hindi · एक गृहिणी की डायरी · कविता 1 472 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 12 Jun 2023 · 1 min read ना मुराद फरीदाबाद फरीदा ! तेरे शहर में आकर , जिंदगी हो गई झंड ।, भ्रष्टाचार, गंदगी और शोर शराबा, उस पर जानलेवा गर्मी से आए तंग । क्यों बसाया गया यह जहन्नुम... Hindi · एक गृहिणी की डायरी · कविता 1 774 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Feb 2023 · 1 min read अजी! कहां का प्रेम दिवस प्रेम दिवस उनके लिए है , जिनके हृदय में प्रेम की धारा बहती हो । समय की आंधियां जहां , और उम्र का असर कोई प्रभाव ना डालता हो ।... Hindi · एक गृहिणी की डायरी · कविता 1 374 Share Page 1 Next