Posts Tag: सम सामयिक 194 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid *प्रणय प्रभात* 17 Nov 2025 · 3 min read #चिंतनीय #चिंतनीय ■ ऐसे होगा तो कैसे होगा न्याय.....? 【प्रणय प्रभात】 कहा जाता था कि जब अन्याय से पीड़ित हों तो न्याय की शरण में जाएं। उस न्याय की, जो एक... Hindi · आलेख · प्रणय के आलेख · विडंबना · शर्मनाक · सम सामयिक 1 12 Share *प्रणय प्रभात* 16 Nov 2025 · 4 min read #सामयिक- #सामयिक- ■ शब्द प्रयोग और बेपरवाह ई-मीडिया ◆ अब तय हों भूमिका की हदें 【प्रणय प्रभात】 ट्रक भीड़ में घुस गई। कार पुल पर पलट गया। क़ानून अपना काम कर... Hindi · प्रसंगवश · विडंबना · शर्मनाक · सम सामयिक 1 15 Share *प्रणय प्रभात* 14 Nov 2025 · 3 min read #प्रसंगवश- #प्रसंगवश- ■ आपके न बच्चे सुरक्षित न बाल। [प्रणय प्रभात] वैमनस्य और घृणा की राजनीति ने मासूम बच्चों से उल्लास का एक दिन करीब एक दशक पहले छीन ही लिया... Hindi · दिवस बिशेष · प्रसंगवश · सम सामयिक 1 28 Share *प्रणय प्रभात* 10 Nov 2025 · 1 min read #मुक्तक #मुक्तक *4 बलाइनें चलते फिरते...।।* 【प्रणय प्रभात】 "उम्मीदों को वाश कर दिया। सारा मुल्क़ हताश कर दिया।। कुछ नाकारों ने मिल-जुल कर। सिस्टम सत्यानाश कर दिया।।" 😞😞😞😞😞😞😞😞😞*संपादक* *न्यूज़&व्यूज* (मध्यप्रदेश) Hindi · प्रणय के मुक्तक · राजनीति · सम सामयिक 1 22 Share *प्रणय प्रभात* 9 Nov 2025 · 2 min read #प्रसंगवश- #प्रसंगवश- ■ हर दिन की है अलग कहानी। 【प्रणय प्रभात】 हमारे भारतीय कैलेंडर की एक तारीख़ 08 नवम्बर। अंग्रेज़ी कैलेंडर की एक तिथि। भारतीय इतिहास की दो बड़ी घटनाओं की... Hindi · प्रणय के व्यंग्य · राजनीति · सम सामयिक 1 23 Share *प्रणय प्रभात* 3 Nov 2025 · 1 min read #सामयिक #सामयिक ■ मानें तो हर दिन दीवाली। [प्रणय प्रभात] "मन रहे स्वदेशी का प्रेमी, ना वस्तु विदेशी पर बहके। अपनी मिट्टी का सौंधापन, हर बार दिवाली पर महके। अपना आंगन... Hindi · आह्वान · प्रणय के मुक्तक · सम सामयिक 1 29 Share *प्रणय प्रभात* 1 Nov 2025 · 2 min read #प्रसंगवश #प्रसंगवश #व्यंग्य_कविता *जय जय जय जय माय प्रदेश।* *(प्रणय प्रभात)* "मर्यादा का मुंह काला, नैतिकता का दीवाला। सम्मानित फूहड़ बोली, लज्जा की जलती होली।। नंगेपन को छूट खुली, रेवड़ियों की... Hindi · कविता · प्रणय की कविता · प्रणय के व्यंग्य · प्रसंगवश · सम सामयिक 1 31 Share *प्रणय प्रभात* 28 Oct 2025 · 1 min read #लघुकविता #लघुकविता *गुस्ताखी माफ़।* *(प्रणय प्रभात)* "उधड़ा हुआ बदन है, मुश्किल से अब सिलेगा, सदियों से भार झेला अब और ना झिलेगा। संकेत यह प्रकृति का हर एक के लिए है,... Hindi · प्रणय की लघुकविता · प्रसंगवश · सम सामयिक 1 38 Share *प्रणय प्रभात* 27 Oct 2025 · 2 min read #लघुकथा- #लघुकथा- ■ चुनाव : "आपदा" नहीं "अवसर।।" 【प्रणय प्रभात】 माणिक दास बड़े व्याकुल और चिंतित थे। व्यग्रता की वजह थी, दो लग्ज़री गाड़ियां। बेशक़ीमती गाड़ियां कुछ ही दिन पहले शो-रूम... Hindi · प्रणय की लघुकथा · राजनीति · सम सामयिक 1 73 Share *प्रणय प्रभात* 23 Oct 2025 · 8 min read #जनजागरण #जनजागरण ■ अब दल नहीं जनता तय करे चुनावी "मुद्दे" ★ ताकि सच मे सशक्त हो सके गणराज्य का जनमत ★ बेमिसाल हो चुनावों से भरा साल-2025/26 【प्रणय प्रभात】 लोकतंत्र... Hindi · आलेख · प्रणय के आलेख · सम सामयिक 1 52 Share Page 1 Next