Posts Tag: वियोग श्रृंगार 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Arvind trivedi 22 Feb 2024 · 1 min read प्रेम के पल ज़िन्दगी में जो सँजोये प्रेम के पल नित्य मैंने, पल वही मिलकर सभी क्यों अब मुझे ठगने लगे हैं | हाय ! इस निष्ठुर नियति ने क्यों अकारण ही छला... Poetry Writing Challenge-2 · गीत · वियोग श्रृंगार · विरह · विरह गीत 180 Share दीपक झा रुद्रा 30 Jan 2023 · 1 min read एक तुम ही थे हमारे किस सपन की बात करता। एक तुम ही थे हमारे किस सपन की बात करता। नेत्र के अंधेर नगरी में मैं कैसे रश्मि भरता। बाक़ी कुछ मैं क्या बताऊं रोऊं या चिखूं चिल्लाऊं मन में... Hindi · कविता · प्रेम गीत · वियोग श्रृंगार · विरह गीत 303 Share Manoj Kumar 29 Sep 2022 · 1 min read चोट मैं भी खायें हैं , तेरे इश्क में काफ़िर चोट मैं भी खायें हैं , तेरे इश्क में काफ़िर पर कभी तुझसे पंगा न लिया मैं भी कभी थे तेरे, जो आज भी दंगा न किया!! तुम भूल जाओ... Hindi · कविता · वियोग श्रृंगार 1 328 Share Manoj Kumar 29 Sep 2022 · 1 min read तेरे होने में क्या?? न जानूँ मैं इश्क़ क्या हैं? और कौन इश्क़ करता है! कितनी मेहरबाँ है दिल पे वो और ख़ुद ही मुझपे मरता है!! कैसे कहूँ तू राज़दाँ है मेरा मेरे... Hindi · कविता · वियोग श्रृंगार 1 330 Share Manoj Kumar 29 Sep 2022 · 1 min read तुझे मतलूब थी वो रातें कभी दीवारों के कान निकले थे वो सब सुन लिया था, मेरे इश्क के बातें कभी तुझे दिल के उजाला में पाए न तुझे मतलूब थी वो रातें कभी मेरी निगाहें... Hindi · कविता · वियोग श्रृंगार 1 403 Share Shiva Awasthi 22 Sep 2022 · 1 min read कहीं कोई भगवान नहीं है//वियोगगीत संगम के तट पर इक बेवा, रोते रोते चीख रही है। कहीं कोई भगवान नहीं है, नहीं, कोई भगवान नहीं है। पूरी दुनिया में बापू ने, यही एक वर क्यों... Hindi · गीत · विधवा विलाप · वियोग श्रृंगार 4 2 484 Share