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Tag: वसंत
85 posts
*आया संवत विक्रमी,आया नूतन वर्ष (कुंडलिया)*
*आया संवत विक्रमी,आया नूतन वर्ष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*होली में लगते भले, मुखड़े पर सौ रंग (कुंडलिया)*
*होली में लगते भले, मुखड़े पर सौ रंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*मधुमास में मृदु हास ही से, सब सुवासित जग करें (गीत)*
*मधुमास में मृदु हास ही से, सब सुवासित जग करें (गीत)*
Ravi Prakash
*फागुन का बस नाम है, असली चैत महान (कुंडलिया)*
*फागुन का बस नाम है, असली चैत महान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*आए जब से राम हैं, चारों ओर वसंत (कुंडलिया)*
*आए जब से राम हैं, चारों ओर वसंत (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*इस वसंत में मौन तोड़कर, आओ मन से गीत लिखें (गीत)*
*इस वसंत में मौन तोड़कर, आओ मन से गीत लिखें (गीत)*
Ravi Prakash
*आओ-आओ इस तरह, अद्भुत मधुर वसंत ( कुंडलिया )*
*आओ-आओ इस तरह, अद्भुत मधुर वसंत ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
*प्रेम का सिखला रहा, मधु पाठ आज वसंत है(गीत)*
*प्रेम का सिखला रहा, मधु पाठ आज वसंत है(गीत)*
Ravi Prakash
वसंत आगमन
वसंत आगमन
SURYA PRAKASH SHARMA
*गाओ हर्ष विभोर हो, आया फागुन माह (कुंडलिया)
*गाओ हर्ष विभोर हो, आया फागुन माह (कुंडलिया)
Ravi Prakash
*सुवासित हैं दिशाऍं सब, सुखद आभास आया है(मुक्तक)*
*सुवासित हैं दिशाऍं सब, सुखद आभास आया है(मुक्तक)*
Ravi Prakash
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
Ravi Prakash
*खिले जब फूल दो भू पर, मधुर यह प्यार रचते हैं (मुक्तक)*
*खिले जब फूल दो भू पर, मधुर यह प्यार रचते हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*शीत वसंत*
*शीत वसंत*
Nishant prakhar
गाती हैं सब इंद्रियॉं, आता जब मधुमास(कुंडलिया)
गाती हैं सब इंद्रियॉं, आता जब मधुमास(कुंडलिया)
Ravi Prakash
*जब नशा साँसों में घुलता, मस्त मादक चाल है (मुक्तक)*
*जब नशा साँसों में घुलता, मस्त मादक चाल है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*मदमस्त है मौसम हवा में, फागुनी उत्कर्ष है (मुक्तक)*
*मदमस्त है मौसम हवा में, फागुनी उत्कर्ष है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
मेले चैती के शुरू, दिखती धूसर धूल (कुंडलिया)
मेले चैती के शुरू, दिखती धूसर धूल (कुंडलिया)
Ravi Prakash
हुआ चैत्र आरंभ , सुगंधित कपड़े पहने (कुंडलिया)
हुआ चैत्र आरंभ , सुगंधित कपड़े पहने (कुंडलिया)
Ravi Prakash
मासूम गुलाल (कुंडलिया)
मासूम गुलाल (कुंडलिया)
Ravi Prakash
होली पर बरसात हो , बरसें ऐसे रंग (कुंडलिया)*
होली पर बरसात हो , बरसें ऐसे रंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आया फागुन मदभरा, खिले लिली के फूल (कुंडलिया)*
आया फागुन मदभरा, खिले लिली के फूल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*प्रकृति का नव-वर्ष 【घनाक्षरी】*
*प्रकृति का नव-वर्ष 【घनाक्षरी】*
Ravi Prakash
पूरनमासी चंद्रमा , फागुन का शुभ मास [कुंडलिया]*
पूरनमासी चंद्रमा , फागुन का शुभ मास [कुंडलिया]*
Ravi Prakash
*सूरत चाहे जैसी भी हो, पर मुस्काऍं होली में 【 हिंदी गजल/ गीत
*सूरत चाहे जैसी भी हो, पर मुस्काऍं होली में 【 हिंदी गजल/ गीत
Ravi Prakash
*हजारों साल से लेकिन,नई हर बार होली है 【मुक्तक 】*
*हजारों साल से लेकिन,नई हर बार होली है 【मुक्तक 】*
Ravi Prakash
*होली : तीन बाल कुंडलियाँ* (बाल कविता)
*होली : तीन बाल कुंडलियाँ* (बाल कविता)
Ravi Prakash
*आया चैत सुहावना,ऋतु पावन मधुमास (कुंडलिया)*
*आया चैत सुहावना,ऋतु पावन मधुमास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*बुरा न मानो होली है 【बाल कविता 】*
*बुरा न मानो होली है 【बाल कविता 】*
Ravi Prakash
मस्ती हो मौसम में तो,पिचकारी अच्छी लगती है (हिंदी गजल/गीतिका
मस्ती हो मौसम में तो,पिचकारी अच्छी लगती है (हिंदी गजल/गीतिका
Ravi Prakash
*करिश्मा है ये कुदरत का, हमें मौसम बताता है (मुक्तक)*
*करिश्मा है ये कुदरत का, हमें मौसम बताता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*बदन में आ रही फुर्ती है, अब साँसें महकती हैं (मुक्तक)*
*बदन में आ रही फुर्ती है, अब साँसें महकती हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
होते फागुन हम अगर, बसता हम में फाग (कुंडलिया)*
होते फागुन हम अगर, बसता हम में फाग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*पिचकारी 【कुंडलिया】*
*पिचकारी 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
*आओ सब स्वागत करें, मधुमय चैत महान (कुंडलिया)*
*आओ सब स्वागत करें, मधुमय चैत महान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*फूलों का त्यौहार ( कुंडलिया )*
*फूलों का त्यौहार ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
*हाथ में पिचकारियाँ हों, रंग और गुलाल हो (मुक्तक)*
*हाथ में पिचकारियाँ हों, रंग और गुलाल हो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
जाते-जाते भी नहीं, जाता फागुन माह
जाते-जाते भी नहीं, जाता फागुन माह
Ravi Prakash
*जाने कैसा रंग था, मुख पर ढेर गुलाल (हास्य कुंडलिया)*
*जाने कैसा रंग था, मुख पर ढेर गुलाल (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*कहा चैत से फागुन ने, नव वर्ष तुम्हारा अभिनंदन (गीत)*
*कहा चैत से फागुन ने, नव वर्ष तुम्हारा अभिनंदन (गीत)*
Ravi Prakash
*चैत : 13 दोहे*
*चैत : 13 दोहे*
Ravi Prakash
*नई पावन पवन लेकर, सुहाना चैत आया है (मुक्तक)*
*नई पावन पवन लेकर, सुहाना चैत आया है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
घर आना नॅंदलाल हमारे, ले फागुन पिचकारी (गीत)
घर आना नॅंदलाल हमारे, ले फागुन पिचकारी (गीत)
Ravi Prakash
*होली पर बनिए सदा, महामूर्ख सम्राट (कुंडलिया)*
*होली पर बनिए सदा, महामूर्ख सम्राट (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*भरे हों प्यार के सौ रंग, मैत्री की हो पिचकारी (मुक्तक)*
*भरे हों प्यार के सौ रंग, मैत्री की हो पिचकारी (मुक्तक)*
Ravi Prakash
होली : नौ दोहे
होली : नौ दोहे
Ravi Prakash
*होली किस दिन को मने, सबसे बड़ा सवाल (हास्य कुंडलिया)*
*होली किस दिन को मने, सबसे बड़ा सवाल (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मस्ती के मौसम में आता, फागुन का त्योहार (हिंदी गजल/ गीतिका)
मस्ती के मौसम में आता, फागुन का त्योहार (हिंदी गजल/ गीतिका)
Ravi Prakash
फागुन का बस नाम है, असली चैत महान (कुंडलिया)
फागुन का बस नाम है, असली चैत महान (कुंडलिया)
Ravi Prakash
कहॉं दीखती अब वह मस्ती, बचपन वाली होली जी (गीत)
कहॉं दीखती अब वह मस्ती, बचपन वाली होली जी (गीत)
Ravi Prakash
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