Posts Tag: राजनीति पर कविता 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid AJAY AMITABH SUMAN 14 Aug 2022 · 2 min read पलटू राम इस सृष्टि में बदलाहटपन स्वाभाविक है। लेकिन इस बदलाहटपन में भी एक नियमितता है। एक नियत समय पर हीं दिन आता है, रात होती है। एक नियत समय पर हीं... Hindi · कविता · राजनीति पर कविता · व्यंग्य कविता 2 773 Share Deepak Kohli 20 Jul 2022 · 1 min read कविता: देश की गंदगी कोई कह गया था चुपके से मेरे कान में... भैया जी कलयुग आ गया है इंसान में... आपस में ऐसे लड़ रहे जैसे हो दो सांप... इससे पहले किसी की... Hindi · कविता · दीपक कोहली · देश · देशभक्ति · राजनीति पर कविता 2 4 472 Share HindiPoems ByVivek 1 Aug 2022 · 2 min read आव्हान - तरुणावस्था में लिखी एक कविता आव्हान पंच तत्व काया सागर की, सजल नेत्रों की सीपी में। विकल वेदना के अश्रु ये, मृत्यु तक सहेज रख लूँ। इहलोक से प्रस्थान कर जब, जाऊँगा मिलने उस प्रभु... Hindi · कविता · जोश · देशभक्ति · प्रेरणा · राजनीति पर कविता 370 Share Suraj kushwaha 10 Aug 2022 · 1 min read का हो पलटू अब आराम बा!! का हो पलटू अब आराम बा, सुन तानी तहर इहे काम बा, आपन फायदा कही देखेल , आत्मसमान बगल में फेकेले, का हुज़ूर इहे राउर शान बा, का हो पलटू... Hindi · राजनीति पर कविता 249 Share Suraj kushwaha 10 Aug 2022 · 1 min read वाहः वाहः क्या बात है,,, बिकता दारू नाक के नीचे फिर भी चले है,आँखे मीचे। कौन बनाया किसने बेचा ऊपर से नीचे सब है लेता।। नहीं दोगे तो,बिकेगा कैसे जेल में कटेगी जिंदगी जैसे-तैसे।। दो... Hindi · राजनीति पर कविता 231 Share Suraj kushwaha 10 Aug 2022 · 1 min read वाहः वाहः क्या बात है!!! बिकता दारू नाक के नीचे फिर भी चले है,आँखे मीचे। कौन बनाया किसने बेचा ऊपर से नीचे सब है लेता।। नहीं दोगे तो,बिकेगा कैसे जेल में कटेगी जिंदगी जैसे-तैसे।। दो... Bhojpuri · राजनीति पर कविता 172 Share *Author प्रणय प्रभात* 15 May 2023 · 1 min read ■ यक़ीन मानिएगा... ■ यक़ीन मानिएगा... घर से रियासत तक और समाज से सियासत तक पैठ बढ़ाने वाली एक ही योग्यता।। Hindi · कटाक्ष · राजनीति पर कविता · सम सामयिक · हिंदुस्तान 1 140 Share Anand Kumar 15 Jul 2023 · 1 min read तू सच में एक दिन लौट आएगी मुझे मालूम न था… मेरी कलम से… आनन्द कुमार तू मुझे इस कदर चाहेगी मुझे मालूम न था जाकर लौट आएगी एक दिन मुझे मालूम न था समझा था तुझे बेवफ़ा तू वफ़ा की... Hindi · मेरी कलम से… आनन्द कुमार · राजनीति पर कविता 155 Share