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Tag: दुर्गा
19 posts
*नारी है अबला नहीं, नारी शक्ति-स्वरूप (कुंडलिया)*
*नारी है अबला नहीं, नारी शक्ति-स्वरूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अम्बे भवानी
अम्बे भवानी
Mamta Rani
*माँ गौरी कर रहे हृदय से पूजन आज तुम्हारा【भक्ति-गीत 】*
*माँ गौरी कर रहे हृदय से पूजन आज तुम्हारा【भक्ति-गीत 】*
Ravi Prakash
* बच्चा-बच्चा भारत का अब सच्चा आयुध-धारी हो 【मुक्तक】*
* बच्चा-बच्चा भारत का अब सच्चा आयुध-धारी हो 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
*माता चरणों में विनय, दो सद्बुद्धि विवेक【कुंडलिया】*
*माता चरणों में विनय, दो सद्बुद्धि विवेक【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
*हमारे घर आईं देवी (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*हमारे घर आईं देवी (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
*माता दाता सिद्धि की, सौ-सौ तुम्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
*माता दाता सिद्धि की, सौ-सौ तुम्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हमारी जिंदगी भरना, सदा माँ शुभ विचारों से (गीत)
हमारी जिंदगी भरना, सदा माँ शुभ विचारों से (गीत)
Ravi Prakash
*हे अष्टभुजधारी तुम्हें, मॉं बार-बार प्रणाम है (मुक्तक)*
*हे अष्टभुजधारी तुम्हें, मॉं बार-बार प्रणाम है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*गूॅंजती जयकार से मॉं, यह धरा-आकाश है (मुक्तक)*
*गूॅंजती जयकार से मॉं, यह धरा-आकाश है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*धन्य तुम मॉं, सिंह पर रहती सदैव सवार हो (मुक्तक)*
*धन्य तुम मॉं, सिंह पर रहती सदैव सवार हो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*अष्टभुजाधारी हमें, दो माता उपहार (कुंडलिया)*
*अष्टभुजाधारी हमें, दो माता उपहार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सारी व्यंजन-पिटारी धरी रह गई (हिंदी गजल/गीतिका)
सारी व्यंजन-पिटारी धरी रह गई (हिंदी गजल/गीतिका)
Ravi Prakash
चलो निकट से जाकर,मैया के दर्शन कर आएँ (देवी-गीत)
चलो निकट से जाकर,मैया के दर्शन कर आएँ (देवी-गीत)
Ravi Prakash
*पर्वतों की इसलिए, महिमा बहुत भारी हुई (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*पर्वतों की इसलिए, महिमा बहुत भारी हुई (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
*मॉं भजनों को सुन-सुन कर, दौड़ी-दौड़ी आ जाना (गीत)*
*मॉं भजनों को सुन-सुन कर, दौड़ी-दौड़ी आ जाना (गीत)*
Ravi Prakash
*दुर्गा अंबे रानी, पधारो लेकर नन्हे पॉंव (गीत)*
*दुर्गा अंबे रानी, पधारो लेकर नन्हे पॉंव (गीत)*
Ravi Prakash
मॉं करके शेर सवारी, हर दो जग के दुख भारी (भक्ति गीत)
मॉं करके शेर सवारी, हर दो जग के दुख भारी (भक्ति गीत)
Ravi Prakash
*माँ कटार-संग लाई हैं* *(घनाक्षरी : सिंह विलोकित छंद )*
*माँ कटार-संग लाई हैं* *(घनाक्षरी : सिंह विलोकित छंद )*
Ravi Prakash
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