Posts Tag: ग़ज़ल 1k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Devesh Bharadwaj 17 Apr 2024 · 1 min read पिया बिन सावन की बात क्या करें तुम हो तो है यह जिंदगी ,बिन तेरे जीवन की बात क्या करें। जिस घर में मां- बाप है वह घर जन्नत है ,बिन मां बाप के घर आंगन की... Hindi · ग़ज़ल 8 Share Kumar Kalhans 16 Apr 2024 · 1 min read सबकी आंखों में एक डर देखा। सबकी आंखों में एक डर देखा। देखा जंगल की एक शहर देखा। .... कुछ भी मुमकिन है इस रिसाले में। राह देखी है और सफर देखा। .... देखा महलों को... Hindi · ग़ज़ल 7 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 15 Apr 2024 · 1 min read उलझनें हर खुशफ़हमियों से अब हमें, मुँह मोड़ना होगा। मुझे वह बिंधते हैं ऐसे, कि बन्धन तोड़ना होगा।। ये रंगत रिश्तों कि जो मुझे, कल तक अज़ीज़ थे। लगाए शक्ल पर... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 1 16 Share Sunil Suman 14 Apr 2024 · 1 min read तेरी आंखों में देखा तो पता चला... मोहब्बत होती है क्या ? तेरी आंखों में देखा तो पता चला, नशे का नाम यह दूजा, तेरी आंखों में डूबा तो पता चला। मेरे ख्वाबों खयालों में तू अक्सर... Hindi · ग़ज़ल 19 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 14 Apr 2024 · 1 min read ग़ज़ल कुछ लोगों में सुलह हुई। कैसे कह दें सुबह हुई।।1 नेताओं के झगड़े में, जनता केवल जिबह हुई।2 रोटी कपड़े की ख़ातिर, रामू के घर कलह हुई।3 माँ- बापू की... Hindi · ग़ज़ल 20 Share डी. के. निवातिया 13 Apr 2024 · 1 min read लिखावट - डी के निवातिया १ २ २ / १ २ २ / १ २ २ / १ २ २ पढ़ा जो उसे तो ये जाना कसम से, लिखावट में दम है खुदा के करम... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 19 Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 13 Apr 2024 · 1 min read "आतिशे-इश्क़" ग़ज़ल बात निकलेगी तो फिर, दूर तलक जाएगी, उनके कानों मेँ भी, कभी तो भनक जाएगी। मेरे अल्फ़ाज़ से, आती है उन्हीं की ख़ुशबू, लिखूँ ग़ज़ल अगर, तो वो भी, महक... Hindi · ग़ज़ल 2 2 22 Share भवानी सिंह धानका 'भूधर' 12 Apr 2024 · 1 min read थमा गया जाते जाते वो मुझको एक राज थमा गया चश्म ए दीदार को आगाज़ थमा गया फ़लक को छूने तक की दर्द ए दास्ताँ इन महफूज़ परिंदों को बाज थमा गया... Hindi · ग़ज़ल 13 Share Suman (Aditi Angel 🧚🏻) 11 Apr 2024 · 1 min read ईद मुबारक सबको मेवा-मिठाइयों से, सजे हर घर आंगन। चांद की चमक से, जगमगाए रात-दिन। सब जन पर बरसे, खुदा की रहमत। हर चेहरे पर बिखरे, ईद की खुशियाँ।। हर रास्ते पर चमके,... Hindi · SilentEyes · ईद · ग़ज़ल 1 17 Share Kumar Kalhans 10 Apr 2024 · 1 min read छिप न पाती तेरी ऐयारी है। छिप न पाती तेरी ऐयारी है। मुझको भाती ये अदाकारी है। आपके बिन भी जिंदगी हमने। आपके साथ ही गुज़ारी है। मेरी नजरों में जो खुमारी है। तेरी नजरों का... Hindi · ग़ज़ल 18 Share Bodhisatva kastooriya 6 Apr 2024 · 1 min read मौसम मैने सबर का मीठा स्वाद चखा है! वक़्त बेवक्त जो साथ दे,वो सखा है!! बंद कमरे में खुली हवा,बात बेमानी है! खुल के जीने में मजा जिंदगी दिखा है!! होता... Hindi · ग़ज़ल 12 Share शेखर सिंह 3 Apr 2024 · 1 min read शेखर सिंह ✍️ हिंदी ग़ज़ल मैंने सुंदर सपना देखा। कविताओं का छपना देखा।। हिरनी जैसी आँखें लगतीं- औ पलकों का झपना देखा। मानवता की बात करें क्या - राम नाम है जपना देखा।... Hindi · ग़ज़ल 1 18 Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 3 Apr 2024 · 1 min read " नाराज़गी " ग़ज़ल अपनी नाराज़गी का, छोड़ कुछ असर जाऊँ, गर बुलाए वो, तभी भी न उसके घर जाऊँ। मुड़ के देखूँ न उसे, राह मेँ, चलते-चलते, भले, नज़र कहे, इक पल को... Hindi · ग़ज़ल 4 4 33 Share Bodhisatva kastooriya 1 Apr 2024 · 1 min read खुशनसीब है खलिश सी एक बस इस सीने मे! कोई यार नही हो ऐसा क्या जीने मे? वो साथ भी न चल सके मयकदे तक, फिर मजा नही है पिलाने औ... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल 1 1 37 Share Bodhisatva kastooriya 1 Apr 2024 · 1 min read मिलन हर मिलन का अंजाम जुदाई क्यो है ? अब तो हर वक्त यही बात सताती है हमे!! दिल मे लाखो ज़ज्बात मचलते रहते है, जाने कौन सी बात,सारी रात जगाती... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल 1 26 Share Shekhar Chandra Mitra 31 Mar 2024 · 1 min read फ़ैसले का वक़्त तू सारी मुश्किलों का दिलेरी से सामना कर दिल और दिमाग़ से कोई भी फ़ैसला कर... (१) अपने किरदार को एक मेयार देने के लिए तू अपनी ज़िंदगी में कुछ... Hindi · ग़ज़ल 25 Share Shekhar Chandra Mitra 31 Mar 2024 · 1 min read बिंते-हव्वा (हव्वा की बेटी) फूल भी हो तुम आग भी हो इश्क़ भी हो तुम इंकलाब भी हो... (१) ख़ुद में एक तुम सवाल भी हो हर सवाल का तुम ज़वाब भी हो... (२)... Hindi · ग़ज़ल 24 Share Aman Sinha 31 Mar 2024 · 1 min read कई बात अभी बाकी है कुछ पल और ठहर जाओ के रात अभी बाकी है दो घूंट कश के लगाओ के कई बात अभी बाकी है जो टूटे है ख्वाब सारे वो बैठ के जोड़ेंगे... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 29 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Mar 2024 · 1 min read महबूबा से ख़्यालों में तेरे रहूंगा मैं ख़्वाबों में तेरे रहूंगा मैं... (१) बनकर नज़्म या गीत कोई किताबों में तेरे रहूंगा मैं... (२) सुर्ख रंग और ख़ुशबू की तरह गुलाबों में... Hindi · ग़ज़ल 22 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Mar 2024 · 1 min read आदि विद्रोही-स्पार्टकस किसी मूर्दा सांचे में तो ढ़लने से रहा मैं अब अपने आप को तो बदलने से रहा मैं... (१) दुनिया की नज़र में अच्छा बनने के लिए पीटी हुई लीक... Hindi · ग़ज़ल 24 Share Dinesh Kumar Gangwar 22 Mar 2024 · 1 min read तेरे हम है ***तेरे हम है*** तू तो नही है मगर तेरे हम है तूने दिया दगा पर तेरे गम तो मेरे संग संग है । आंखों में और कोई जुवा पर तो... Hindi · ग़ज़ल 2 1 27 Share Aman Sinha 22 Mar 2024 · 1 min read संगदिल किस संगदिल से हम दिल को लगाए बैठे है वो खोये है खुद में हम खुद को भुलाए बैठे है राह जाती है गुजर कर दिल की नज़रों से कहीं... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक · शेर 19 Share Shivkumar Bilagrami 20 Mar 2024 · 1 min read अपने अपने कटघरे हैं ज़िन्दगी के साज़ सारे बेसुरे हैं फिर भी कितने ख़्वाब आंखों में भरे हैं हर किसी को कामयाबी चाहिए हर किसी के अपने-अपने पैंतरे हैं यह तरक़्क़ी भी कोई कमतर... Hindi · ग़ज़ल 1 28 Share भवानी सिंह धानका 'भूधर' 19 Mar 2024 · 1 min read बात खो गई *एक ग़ज़ल* कहते कहते बात खो गई उसने कहा कि रात हो गई रात की तन्हाई में अकेले करवटें ही हयात हो गई यादों के झरोखे से आती हवा मरहम... Hindi · ग़ज़ल 1 32 Share Sameer Kaul Sagar 19 Mar 2024 · 1 min read बे-असर खाये हैं हमने खलिश-ए-तीर-ए-बे-पनाह बस अब तो सब बे-असर सा लगता है आजकल कुछ खिंचे खिंचे से रहते हैं उनके लहजे में दुश्मन का असर लगता है घर जलाने में... Hindi · कविता · कविता गीत शायरी गजल · ग़ज़ल · गीत · लेखनी 31 Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 19 Mar 2024 · 1 min read "भोर की आस" हिन्दी ग़ज़ल सिलसिला गुफ़्तगू का, कुछ तो, चलाते रहिए, प्रीत की, पेँग भी, हर रोज़, बढ़ाते रहिए। होँगी काफ़ूर, शिद्दतेँ भी, सोज़-ए-दिल की, सुनें उनकी, तो कुछ, अपनी भी, सुनाते रहिए। कोई... Hindi · ग़ज़ल 6 7 50 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Mar 2024 · 1 min read मेरी कलम बेख़ौफ़ चलती है मेरी कलम बेबाक चलती है मेरी कलम... (१) ज़ुल्मत के हर निज़ाम के ख़िलाफ़ चलती है मेरी कलम... (२) बिना झुके बिना बिके दिन-रात चलती है मेरी... Hindi · ग़ज़ल 22 Share Aman Sinha 16 Mar 2024 · 1 min read एक तरफ़ा मोहब्बत तू मुझे ना देखना चाहे तो ना सही मेरा तुझको ना देखना मुमकिन ही नहीं तेरा मुझको ना चाहना तेरी मर्ज़ी है पर तुझे मैं ना चाहूँ ये मुमकिन नहीं... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गीत 25 Share Suman (Aditi Angel 🧚🏻) 16 Mar 2024 · 1 min read बचपन के वो दिन कितने सुहाने लगते है बचपन के वो दिन कितने सुहाने लगते है, खुशियों से भरे बेफ़िक्री के दाने लगते है। मोहब्बत में पड़े लोग मुझे दीवाने लगते है, महबूब के अपने ख्वाब जो सजाने... Hindi · SilentEyes · ग़ज़ल 1 37 Share Godambari Negi 15 Mar 2024 · 1 min read 'ग़ज़ल' 212 212 212 212 चाह मन में न हो याद आया न कर। बे वजह देख हमको सताया न कर।। आज फेरी निगाहें सरी राह में- इस तरह भी हमें... Hindi · ग़ज़ल 58 Share Shivkumar Bilagrami 14 Mar 2024 · 1 min read घर के आंगन में घर के आंगन में कहीं छोटी सी फुलवारी रख अपनी ख़ुशियों के लिए जद्दोजहद जारी रख कौन मानेगा यहां संत तपस्वी तुझको कोई न कोई चीज़ कमंडल में चमत्कारी रख... Hindi · ग़ज़ल 3 23 Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 13 Mar 2024 · 1 min read "राज़-ए-इश्क़" ग़ज़ल कौन सा ज़ख़्म नया,अब वो, देने आये हैं, देखकर मुझको,आज फिर वो मुस्कुराये हैं। कैसे कह दूँ, कि हर सिमत ही ख़ुशगवारी है, चाँदनी रात मेँ भी, कुछ मुहिब से... Hindi · ग़ज़ल 4 4 33 Share Anil chobisa 11 Mar 2024 · 1 min read निभाना नही आया बंधन समझ रहे हो वह रिश्तें निभाना नही आया रास्ते मे चुभे काटे तो तुम्हें हटाना भी नही आया। मै अभी से अकेला कैसे तुमको छोड़ सकता हूंँ फँसे जो... Hindi · ग़ज़ल 40 Share Nitu Sah 11 Mar 2024 · 1 min read आज का कल जिंदगी को हार का मय मत बना आज में जी, आज का कल मत बना।। पत्थरों को देख फिर चाहे जो कर उड़ना है उड़,रेत का घर मत बना।। शादी... Hindi · ग़ज़ल 1 41 Share प्रीतम श्रावस्तवी 9 Mar 2024 · 1 min read ग़ज़ल आज की हासिल ग़ज़ल मैं तुम्हें लब पर सजाना चाहता हूँ बाँसुरी तुमको बनाना चाहता हूँ छोड़कर मैं ये जहां सँग में तुम्हारे इक अलग दुनिया बसाना चाहता हूँ शाम-ए-गम... Hindi · ग़ज़ल 19 Share Aman Sinha 8 Mar 2024 · 1 min read कम्बखत वक्त कम्बखत ये वक्त, बड़ा बेरहम है खुद ही दवा है और, खुद में ये जखम है हाथ होता है मगर ये, साथ होता है नहीं हक़ में लगता है मगर... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 40 Share Dinesh Kumar Gangwar 8 Mar 2024 · 1 min read ना समझ आया ***समझ ना आया*** इस दुनियाँ में , कौन है अपना, कौन पराया बीती उमरिया लेकिन यह सत् समझ ना आया इस दुनियां------------------------ । कहती है - दुनियां इश्क खुदा है,... Hindi · ग़ज़ल 2 43 Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 7 Mar 2024 · 1 min read "यायावरी" ग़ज़ल कोई फ़क़ीर, दीवाना, या, यायावर कहिये, हूँ जिसका अश्रु, मुझे उसका नामाबर कहिये। मेरी जानिब से, कभी भी किसी का दिल न दुखे, मिले लहज़े से गर सुकूँ, तो चारागर... Hindi · ग़ज़ल 6 14 78 Share Shivkumar Bilagrami 6 Mar 2024 · 1 min read सुनता जा शरमाता जा - शिवकुमार बिलगरामी अपनी सब करतूतें काली , सुनता जा शरमाता जा क्या क्या तू ने दी हैं गाली , सुनता जा शरमाता जा आज करोड़ों का मालिक है , कल तक तो... Hindi · ग़ज़ल 2 957 Share Suman (Aditi Angel 🧚🏻) 3 Mar 2024 · 1 min read मुझे अपने हाथों अपना मुकद्दर बनाना है मुझे अपने हाथों अपना मुकद्दर बनाना है, जो फैली है जग में उस नफ़रत को मिटाना है। जुबां मेरी यूं ही नहीं करती लोगों से वादें हज़ार, ये जानती है... Hindi · SilentEyes · ग़ज़ल 1 43 Share Dr fauzia Naseem shad 2 Mar 2024 · 1 min read आपसा हम जो दिल फूल से हम जो खिल नहीं पाये । तुम से मिलना था मिल नहीं पाये ।। दर्द रिसता है आज भी उन से । ज़ख्म दिल के जो सिल नहीं... Hindi · ग़ज़ल 3 61 Share Dr fauzia Naseem shad 2 Mar 2024 · 1 min read आप में आपका इससे बढ़कर पता नहीं कुछ भी । आप में आपका नहीं कुछ भी ।। कह भी सकता था अलविदा हमसे। उसने हमसे कहा नहीं .कुछ भी ।। खुद को देखा... Hindi · ग़ज़ल 3 78 Share Dr fauzia Naseem shad 2 Mar 2024 · 1 min read चलना था साथ चलना था साथ साथ हमारे तुम्हें मगर, रस्ते में तन्हा छोड़ के अच्छा नहीं किया। कुछ तो मेरी वफ़ाओं का रख लेते तुम भरम, हाथ अपने तुमने जोड़ के अच्छा... Hindi · ग़ज़ल 4 66 Share Dr fauzia Naseem shad 2 Mar 2024 · 1 min read आप में आपका इससे बढ़कर पता नहीं कुछ भी । आप में आपका नहीं कुछ भी ।। कह भी सकता था अलविदा हमसे। उसने हमसे कहा नहीं कुछ भी ।। खुद को देखा... Hindi · ग़ज़ल 3 52 Share लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा 1 Mar 2024 · 1 min read सपना मैं नगमा कोई अब गुनगुनाने लगी हूं, तुम्हें देख फिर से मुस्कुराने लगी हूं। मेरे चेहरे की रंगत निखर सी गई है , मैं बालों में अब गजरा लगाने लगी... Hindi · कविता · ग़ज़ल 65 Share Vishal Prajapati 29 Feb 2024 · 1 min read Vishal Prajapati मिट्टी से उत्पन्न होना और मिट्टी से ही खेलना मिट्टी में मिल जाना यही हमारी पहचान है मिट्टी हमारी शान है..💪💪 विशाल प्रजापति कुमारों का छोरा आपका छोटा भाई 🙏🙏 Hindi · ग़ज़ल 1 470 Share Atul "Krishn" 29 Feb 2024 · 1 min read तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं बदलते वख़्त के मिज़ाज़ के साथ बसेरा बहुत दूर वतन से हो तो जाता है पर जड़ों में की घर की याद और सोच में मिट्टी की महक बाकी है... Hindi · कविता · ग़ज़ल 35 Share Vinit kumar 28 Feb 2024 · 1 min read कोई पैग़ाम आएगा (नई ग़ज़ल) Vinit Singh Shayar हमारे दिल को ना जाने कब आराम आएगा बेसबब कब तक लब पे तुम्हारा नाम आएगा कभी आना हुआ तेरा हमारे कब्र के तरफ़ दुपट्टा छोड़ कर जाना हमारे काम... Hindi · ग़ज़ल · दर्द शायरी 1 50 Share Atul "Krishn" 28 Feb 2024 · 1 min read क्या लिखते हो ? क्या लिखते हो ? पूछा जो उन्होंने गज़ल , कविता , मुक्तक या छंद ? दंग रह गए हम - ऐसे सवाल से पता ना था के जज़बातों के नाम... Hindi · Quote Writer · ग़ज़ल · शेर 33 Share विजय कुमार नामदेव 26 Feb 2024 · 1 min read बैठ गए वो मुझे आजमा के बैठ गए। हम भी नज़रें झुका के बैठ गए।। हौंसला था हमारा यह समझो। खार दुश्मन भी खा के बैठ गए।। वक्ते रुखसत कब आसान रहा।... Hindi · ग़ज़ल 53 Share Page 1 Next