Posts Tag: ग़ज़ल 2k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पंकज परिंदा 13 Oct 2024 · 1 min read चाहे हो शह मात परिंदे..! चाहे हो शह मात परिंदे। मत ले तू खैरात परिंदे। वक़्त बुरा है आज मगर कल, बदलेंगे हालात परिंदे। डर मत, रख उम्मीद खुदा पर, किसकी क्या औक़ात परिंदे..? नेकी... Hindi · ग़ज़ल 5 Share पंकज परिंदा 13 Oct 2024 · 1 min read रतन टाटा जी..!! आसमां में छा गया, टाटा रतन। पंछियों जैसा उड़ा, टाटा रतन। दाद हिम्मत की रही है मिल उसे, प्यार में गिर गिर उठा, टाटा रतन। थीं हज़ारों मुश्किलें भारी मग़र,... Hindi · ग़ज़ल 8 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 12 Oct 2024 · 1 min read ग़ज़ल चाहत का ऐसा नज़राना,सच कहता हूँ ठीक नहीं। रोज़ गली में आना जाना,सच कहता हूँ ठीक नहीं। इश्क-ए-अंदाज़ समझती है,वैसे ये दुनिया सारी, दर्पण से घंटों बतियाना ,सच कहता हूँ... Hindi · ग़ज़ल 39 Share Vinit kumar 12 Oct 2024 · 1 min read शिक़ायत है, एक नई ग़ज़ल, विनीत सिंह शायर कल तक तो कहते थे उन्हे मुझसे मुहब्बत है आँखों में उनकी आज फिर ये क्यों बगावत है बहकता तो नहीं था मैं कभी भी जाम से इतना साक़ी तेरे... Hindi · ग़ज़ल 7 Share Vijay kumar Pandey 11 Oct 2024 · 1 min read ये ताकत जो बख्सी कुदरत ने तुमको, नशे में न झोंको उबर जाओ भाई एक ग़ज़ल चले हम इधर तुम उधर जाओ भाई । चले हम घर तुम भी घर जाओ भाई। जो कहना हमें था सभी आदमी से, जिसे है सुधरना सुधर जाओ... Hindi · कविता · ग़ज़ल 1 14 Share पंकज परिंदा 10 Oct 2024 · 1 min read जब हक़ीक़त झूठ से टकरा गयी…! जब हक़ीक़त झूठ से टकरा गयी, सल्तनत तब झूठ की घबरा गयी। बे-ख़बर थे वक़्त की जो मार से, ज़िन्दगी उनकी क़फ़स में आ गयी। मुफ़लिसी को पालता हूँ आज... Hindi · ग़ज़ल 14 Share पंकज परिंदा 10 Oct 2024 · 1 min read नफ़रतों में घुल रही ये जिंदगी है..! नफ़रतों में घुल रही ये जिंदगी है, अन्जुमन में हर तरफ बस तीरगी है। पूछता मैं फिर रहा हर इक बशर से, मुफ़लिसी में कैद क्यों लाचारगी है। राह चलते... Hindi · ग़ज़ल 1 12 Share पंकज परिंदा 10 Oct 2024 · 1 min read बेदर्द ज़माने ने क्या खूब सताया है…! बेदर्द ज़माने ने क्या खूब सताया है मज़लूम सर-ए-महफ़िल नज़रों से गिराया है। यह बात सितम की है बदनाम किया हमको हर फ़र्ज़ मुहब्बत का शिद्दत से निभाया है। गुलज़ार... Hindi · ग़ज़ल 12 Share प्रीतम श्रावस्तवी 10 Oct 2024 · 1 min read ग़ज़ल दर्द का जिसको सिलसिला न मिला इश्क़ का उसको ज़ाइक़ा न मिला सबके दामन थे दाग़दार वहाँ कोई महफ़िल में पारसा न मिला फोन पर मिलने को कहे लेकिन एक... Hindi · ग़ज़ल 14 Share लवकुश यादव "अज़ल" 8 Oct 2024 · 1 min read सुन लो प्रिय अब किसी से प्यार न होगा।/लवकुश यादव "अजल" हर किसी के वादे पे अब एतबार न होगा, मुश्किल बड़ी है यहां सूनी डगर पड़ी है। हर दिल अजीज अब खुशमिजाज न होगा, सुन लो प्रिय अब किसी से... Hindi · कविता · ग़ज़ल 21 Share अंसार एटवी 7 Oct 2024 · 1 min read सदा दे रहे ये जीने का इक हौसला दे रहे कई लोग मुझको दुआ दे रहे ये तिनके का घर अब बचेगा नहीं वो शोलों को इतनी हवा दे रहे जिन्हें ना ख़ुदा... Hindi · कविता · कहानी · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · शेर 22 Share मधुसूदन गौतम 6 Oct 2024 · 1 min read जाने जां निगाहों में ***गज़ल***** बह्र 221 1222 221 1222 ******************************* बादल भी उठे हो शायद आज फिजाओ में। क्यों एक नमी लगती फिर आज हवाओं में।*0* उठती हे कसक गहरे जाने जां निगाहो... Hindi · ग़ज़ल 19 Share पंकज परिंदा 6 Oct 2024 · 1 min read लुट गया है मक़ान किश्तों में। लुट गया है मक़ान किश्तों में। फंस गई मेरी जान किश्तों में। है नवाज़िश तेरी ही शायद,जो चल रही है दुकान किश्तों में। दस्तख़त ले लिए जो मुंसिफ ने, रोज़... Hindi · ग़ज़ल 21 Share Suman (Aditi Angel 🧚🏻) 5 Oct 2024 · 1 min read एक अनार, सौ बीमार बड़ी प्रचलित है ये लोकोक्ति एक अनार और सौ बीमार भटका रहा सबको दर बदर नंगे पांव अपने पीछे रोज़गार। भविष्य की चिंता में डूबे शिक्षा की डिग्री हाथ में... Hindi · SilentEyes · ग़ज़ल · मुहावरे 1 21 Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 3 Oct 2024 · 1 min read *दुनियादारी की समझ* उसकी तारीफ़ों के पुल नहीं बांधता जो कहता है उस पर भी कभी टोक देता हूं मैं जो भी करता हूं उसकी ख़ुशी के लिए करता हूं फिर भी उसे... Hindi · Best Hindi · Best Poetry · Hindipoem · कविता · ग़ज़ल 2 1 200 Share पंकज परिंदा 3 Oct 2024 · 1 min read रुख़ से पर्दा जरा हटा दे अब। रुख़ से पर्दा जरा हटा दे अब। मुझको मुझसे जरा मिला दे अब। ज़ख्म भरने लगे हैं सब मेरे, भर के मुट्टी नमक लगा दे अब। आशियां ख़ाक हो रहा... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 34 Share मधुसूदन गौतम 2 Oct 2024 · 1 min read 222. प्रेम करना भी इबादत है। गिले शिकवे भुला कर के प्रेम करना इबादत है। बड़े लोगो की भी अक्सर यही होती रवायत है। गिला शिकवा कभी होना,मुनासिब गैर हो सकता। हमेशा माफ करना पर ,... Hindi · ग़ज़ल 106 Share पंकज परिंदा 2 Oct 2024 · 1 min read चाँद यूँ ही नहीं छुपा होगा। चाँद यूँ ही नहीं छुपा होगा। चांदनी ने ही कुछ कहा होगा। वो परेशां सी है की क्या होगा, जब मेरा उस से सामना होगा। आजकल मुस्कुरा रहा है वो,... Hindi · ग़ज़ल 2 34 Share पंकज परिंदा 29 Sep 2024 · 1 min read मस्अला क्या है, ये लड़ाई क्यूँ.? मस्अला क्या है, ये लड़ाई क्यूँ.? आज आंगन में चारपाई क्यूँ.. .? छोड़ जाना था रास्ते में तो, आग पानी में फिर लगाई क्यूँ.? दौरे हाज़िर का फ़लसफ़ा कैसा, कर... Hindi · ग़ज़ल 37 Share पंकज परिंदा 29 Sep 2024 · 1 min read क्यों मूँछों पर ताव परिंदे.! क्यों मूँछों पर ताव परिंदे.! दो कौड़ी का भाव परिंदे..! राज़ खुले जब हाकिम के तो, मार पड़ी बेभाव परिंदे..! था अंधों में काना राजा, ले डूबा वो नाव परिंदे.!... Hindi · ग़ज़ल 43 Share पंकज परिंदा 29 Sep 2024 · 1 min read ज्ञान रहे सब पेल परिंदे, ज्ञान रहे सब पेल परिंदे, होती है फिर जेल परिंदे। सच है इक दिन हारेगा तू, जीवन का यह खेल परिंदे। भूखे नंगों से, है ज़्यादा, आवश्यक राफेल परिंदे। सच... Hindi · ग़ज़ल 38 Share पंकज परिंदा 29 Sep 2024 · 1 min read इन हवाओं को न जाने क्या हुआ। इन हवाओं को न जाने क्या हुआ। आजकल कुछ रुख़ है बदला सा हुआ। वक़्त ने समझा दिया सब कुछ उसे, कल तलक जो शख़्स था पहुंचा हुआ। कब मुकम्मल... Hindi · ग़ज़ल 43 Share मनोज कर्ण 29 Sep 2024 · 1 min read *एक ग़ज़ल* :- ख़्वाब, फ़ुर्सत और इश़्क *एक ग़ज़ल* :- ख़्वाब, फ़ुर्सत और इश़्क मैंने देखा नहीं है ख़्वाबों को, कभी हँसते हुए, मैंने देखा है ख़्वाबों को, ख़्वाब से ही मरते हुए, तन्हाई में होता है... Hindi · इश्क़ · ख्वाब · ग़ज़ल · फ़ुर्सत 2 74 Share पंकज परिंदा 27 Sep 2024 · 1 min read हाल हुआ बेहाल परिदे..! हाल हुआ बेहाल परिदे, जीवन है जंजाल परिंदे। जितने काले चिट्ठे उसकी, उतनी मोटी खाल परिंदे। भर भर आंसू रोता फिरता, लगता है घड़ियाल परिंदे। माँ ने डाँट दिया थोड़ा... Hindi · ग़ज़ल 34 Share पंकज परिंदा 27 Sep 2024 · 1 min read जन्म जला सा हूँ शायद..!! 🌻🌻 ग़ज़ल 🌻🌻 जन्म जला सा हूँ शायद, इक़ अंधियारा हूँ शायद। डग मग जीवन की नैया, दूर किनारा हूँ शायद। बर्तन खाली हैं यारो, वक़्त का मारा हूँ शायद।... Hindi · ग़ज़ल 32 Share पंकज परिंदा 27 Sep 2024 · 1 min read बाहर मीठे बोल परिंदे..! बाहर मीठे बोल परिंदे, मन के अंदर झोल परिंदे। दुनिया में जीना है तुझको, मुख में मिश्री घोल परिंदे। कहना है जो, उसको पहले, हिय के भीतर तोल परिंदे। रिश्वत... Hindi · ग़ज़ल 40 Share पंकज परिंदा 27 Sep 2024 · 1 min read जीवन...!! एक उलझी किताब है जीवन। हाँ... मग़र लाज़वाब है जीवन। है उफनता हुआ सा इक दरिया, या छलकती शराब है जीवन। मुश्किलों से न तोड़ रिश्ता यूँ, बस इन्हीं का... Hindi · ग़ज़ल 1 2 32 Share पंकज परिंदा 26 Sep 2024 · 1 min read फूल सी खुश्बू लुटातीं बेटियां फूल सी खुश्बू लुटातीं बेटियां, जब कभी भी मुस्कुरातीं बेटियां। खुशनुमा माहौल होता हर तरफ, प्यार से जब खिलखिलाती बेटियां। हो जरूरत रोशनी की ग़र कहीं, चाँद तारे तोड़ लातीं... Hindi · ग़ज़ल 38 Share पंकज परिंदा 26 Sep 2024 · 1 min read इश्क़ में क्या अज़ाब है साहिब, इश्क़ में क्या अज़ाब है साहिब, दे दो जो भी जवाब है साहिब। आँख मिलते ही चढ़ गया नश्शा, लग रही वो शराब है साहिब। चाँद कह तो दिया तुम्हें... Hindi · ग़ज़ल 29 Share पंकज परिंदा 26 Sep 2024 · 1 min read ज़ख्म फूलों से खा के बैठे हैं..! ज़ख्म फूलों से खा के बैठे हैं, इश्क़ में सब लुटा के बैठे हैं। बैर इन आँधियों से क्यूं आख़िर, आशियां खुद जला के बैठे हैं। अब न हों हादसे... Hindi · ग़ज़ल 27 Share पंकज परिंदा 26 Sep 2024 · 1 min read मन्दिर, मस्ज़िद धूप छनी है..! देखें खाब सुनहरे कब तक..? हाकिम अपने बहरे कब तक..? सब्र यहाँ अब रखना मुश्किल, बहता दरिया ठहरे कब तक.? मन्दिर, मस्ज़िद धूप छनी है, ख़ौफ़ज़दा से चहरे कब तक.?... Hindi · ग़ज़ल 26 Share पंकज परिंदा 26 Sep 2024 · 1 min read लहज़ा रख कर नर्म परिंदे..!! लहज़ा रख कर नर्म परिंदे, करता रह निज कर्म परिंदे। झूठों की महफ़िल में देखी, सच को लगती शर्म परिंदे। मोड़ जरा सा घुटनों को फिर, ओढ़ रजाई गर्म परिंदे।... Hindi · ग़ज़ल 36 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read सोना बन..., रे आलू..! मत बन तू, अब बुद्धू..! सीधा कर, बस उल्लू..! एम कहूँ, या डब्ल्यू.! बन बैठा, दल बदलू.! सोना बन, रे आलू..! जादूगर, है पप्पू..! तांडव कर, बिन डमरू..! प्याली में,... Hindi · ग़ज़ल 35 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read एक उलझी किताब है जीवन एक उलझी किताब है जीवन। हाँ.. मग़र लाज़वाब है जीवन। है उफनता हुआ सा इक दरिया, या छलकती शराब है जीवन। मुश्किलों से न तोड़ रिश्ता यूँ, बस इन्हीं का... Hindi · ग़ज़ल 24 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read यूँ न फेंको गुलाल.. रहने दो.! यूँ न फेंको गुलाल.. रहने दो.! बे-बजह का बवाल., रहने दो..! मुझको बेघर न कर., ख़ुदा मेरे, सबको होगा मलाल, रहने दो..! आशियाँ ख़ाक हो गये, जिनके, वो करेंगे कमाल.....!... Hindi · ग़ज़ल 26 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read जब जब हमको याद करोगे..! जब जब हमको याद करोगे, रोओगे फ़रियाद करोगे। ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ कैद़ रहे इन आँखों में जो, अश्क़ों को आजाद करोगे। ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ ख़ाक हुई ग़र बस्ती दिल की, कैसे फिर आबाद करोगे।... Hindi · ग़ज़ल 23 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read मैं बेबस सा एक "परिंदा" जिस दिल में ईमान नहीं है कुछ भी हो इंसान नहीं है। नामाक़ूल रहोगे, जब तक नीयत में पैमान नहीं है। क्या लाये जो खोया तुमने शायद गीता ज्ञान नहीं... Hindi · ग़ज़ल 30 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read हर मुश्किल का हल निकलेगा..! आज नहीं तो कल निकलेगा। हर मुश्किल का हल निकलेगा। ठान लिया गर मन में अपने, मरुथल से भी जल निकलेगा। अधजल गगरी छलकत जिनकी, उनका सूरज ढल निकलेगा। नेकी... Hindi · ग़ज़ल 1 20 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read आजकल कुछ सुधार है प्यारे..? आजकल कुछ सुधार है प्यारे..? या वही तेज धार है प्यारे.? कौन जाने कि कब, कहाँ कैसे..? कौन किसका शिकार है प्यारे...? तैरने का नहीं हुनर जिसको, वो भी दरिया... Hindi · ग़ज़ल 23 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read बग़ावत की लहर कैसे..? बग़ावत की लहर कैसे..? उठी आख़िर नज़र कैसे..? कहाँ कब और, किधर कैसे..? मचा है ये ग़दर, कैसे..? बड़ी ज़ालिम ये दुनिया है यहाँ अब हो गुज़र कैसे..? मुझे मत... Hindi · ग़ज़ल 19 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read गर्दिशों में हैं सितारे.....!! जान लेती है कसम से ये नज़ाकत प्यार की खेलना जुल्फों से' तेरा है कयामत प्यार की।। हो रहे मदहोश सब क्यूँ देखकर आवो-हवा, ग़ौर कर मगरूर इंसा है शरारत... Hindi · ग़ज़ल 17 Share पंकज परिंदा 25 Sep 2024 · 1 min read सर्द पूनम का मुझे सपना सुहाना याद है...! सर्द पूनम का मुझे सपना सुहाना याद है, माँ.., कहानी और लोरी, सब सुनाना याद है। रोज आते हैं फरिश्ते, नींद के आगोश में, इस तरह कहना तुम्हारा, था बहाना... Hindi · ग़ज़ल 25 Share Kalamkash 24 Sep 2024 · 1 min read मेरी ज़रूरतें हैं अजब सी बड़ी, कि मैं, मेरी ज़रूरतें हैं अजब सी बड़ी, कि मैं, कहता हूँ इस जहाँ से मुझे दर्द चाहिए Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · दोहा · लेख · शेर 26 Share Vijay kumar Pandey 24 Sep 2024 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल छोड़ऽ रूप के जाल जवानी बचत करऽ। छोड़ऽ नैन आ बाल जवानी बचत करऽ। रूप सुनहरा आपन ज्ञान बढ़ा देखऽ, होखबऽ मालामाल जवानी बचत करऽ। मात पिता कुल के... Bhojpuri · ग़ज़ल 35 Share Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya" 23 Sep 2024 · 1 min read कलयुग में कुरुक्षेत्र लडों को अंधे लोग बहरा राजा, कुदरत का हैं फेर । बीच सड़क पर हत्या होवे, ऐसा हैं प्रदेश ।। बीबी बेवा बच्चे अनाथ, कोई नहीं सुनवाई । गुंडागर्दी बीच सड़क पर,... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गीत · दोहा · मुक्तक 30 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read हम अकेले अनमने से हो गये.....!! हम अकेले अनमने से हो गये, धुंध में सब ख़्वाब जैसे खो गये। बोलियाँ जब लग रहीं थीं हुस्न की, देख मंजर आशिकी का रो गये। नींद में सब सो... Hindi · ग़ज़ल 29 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read आसमां में चाँद छुपकर रो रहा है क्यूँ भला..? आसमां में चाँद छुपकर रो रहा है क्यूँ भला..?? चाँदनी का नूर मद्धिम हो रहा है क्यूँ भला..?? धूल की परतें जमी हैं आदमी की सोच पर नफ़रतों की फस्ल... Hindi · ग़ज़ल 31 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read आग जो रूह को जलाती है... आग जो रूह को जलाती है, कम्बख़त हुस्न से ही' आती है। आज महफ़िल बता रही हमको, क्यों ये' शम्मा जलाई' जाती है। मय बड़ी चीज़ है कहो कैसे, सब... Hindi · ग़ज़ल 23 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read हर ज़िल्लत को सहकर हम..! हर ज़िल्लत को सहकर हम, काट रहे हैं हर मौसम। सौदागर थे खुशियों के, लेकिन हैं गठरी में ग़म। यूँ आंखों में क़तरे हैं, ज्यों फूलों पर हो शबनम। जख़्म... Hindi · ग़ज़ल 27 Share पंकज परिंदा 23 Sep 2024 · 1 min read क़त्ल होंगे तमाम नज़रों से...! क़त्ल होंगे तमाम नज़रों से ग़र पिलाया यूँ जाम नज़रों से। लब थे खामोश जिसके मुद्दत से लिख दिया उसने नाम नज़रों से। सुर्ख आँखों में थी हया उनके क्यूँ... Hindi · ग़ज़ल 33 Share Page 1 Next