Posts Tag: कुण्डलिया 2k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid RAMESH SHARMA 25 Mar 2024 · 1 min read गोरे गोरे गाल मैंने हाथों में लिया, ज्यों ही रंग गुलाल I याद तुम्हारे आ गये, गोरे गोरे गाल I गोरे गोरे गाल, तुम्हारे होठ गुलाबी I उलझे उलझे बाल, मटकते नैन शराबी... Hindi · कुण्डलिया 1 97 Share surenderpal vaidya 25 Mar 2024 · 1 min read * हो जाता ओझल * ** कुण्डलिया ** ~~ हो जाता ओझल कभी, बादल में है चांद। किंतु पुनः दिखता हमें, कुछ ही पल के बाद। कुछ ही पल के बाद, सत्य है शाश्वत रहता।... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया · सत्य 2 1 23 Share दुष्यन्त 'बाबा' 24 Mar 2024 · 1 min read कुंडलिया (मैल सब मिट जाते है) *कुंडलिया (मैल सब मिट जाते है)* मिट जाते हैं मैल सब, होता तन का मेल। लगता जैसे चल पड़ी, खुशियों वाली रेल।। खुशियों वाली रेल, भरे खुशियों से झोली। बढ़... Hindi · कुण्डलिया · हास्य 12 Share shabina. Naaz 23 Mar 2024 · 1 min read फिर एक पल भी ना लगा ये सोचने में........ फिर एक पल भी ना लगा ये सोचने में........ वो जो अपने थे...... अब पराये है... ShabinaZ Hindi · Quote Writer · कुण्डलिया 16 Share surenderpal vaidya 21 Mar 2024 · 1 min read * रंग गुलाल अबीर * ** मुक्तक ** ~~ खूब हवा में उड़ चले, रंग गुलाल अबीर। होली मिलकर खेलते, सभी गरीब अमीर। सभी गरीब अमीर, पर्व यह समरसता का। आ जाता हर वर्ष, लिए... Hindi · कुण्डलिया · फागुन · होली 1 1 25 Share भवानी सिंह धानका 'भूधर' 21 Mar 2024 · 1 min read कर्मफल भोग 💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐 दिया भोग भरपूर अरु , देकर मनुज शरीर । करूँ यत्न मैं मुक्ति का,पहनूँ भगवा चीर ।। पहनूँ भगवा चीर ,भोग से दूर अगाधू। मिले मुक्ति का द्वार,बनूँ... Hindi · कुण्डलिया 24 Share भवानी सिंह धानका 'भूधर' 21 Mar 2024 · 1 min read विदाई राजस्थानी में लिखने का प्रयास 💐💐💐 कुण्डलिया छन्द 💐💐💐 डोली बैठी डावड़ी , कर परदा री ओट । काळजो फाटण हुयो , लगि मोकळी चोट ।। लगि मोकळी चोट ,... Rajasthani · कुण्डलिया 19 Share भवानी सिंह धानका 'भूधर' 20 Mar 2024 · 1 min read ठगी 💐💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐💐 राजी होकर ले गया , दिया तराजू तोल । ठगा गया फिर से वहीं ,जिसकी मेधा गोल ।। जिसकी मेधा गोल , रोज ही ताने खाता अर्थ समझ... Hindi · कुण्डलिया 19 Share भवानी सिंह धानका 'भूधर' 20 Mar 2024 · 1 min read कर्मनाशी 🙏🙏🙏🙏सादर प्रणाम🙏🙏🙏 💐💐💐कुण्डलिया निवेदन 💐💐💐 कर्म नाश खुद ही करे, दोष धरे तकदीर । किस्मत भी तो क्या करे ,आलस में ही धीर।। आलस में ही धीर , स्वप्नमय महल... Hindi · कुण्डलिया 13 Share भवानी सिंह धानका 'भूधर' 20 Mar 2024 · 1 min read निराकार परब्रह्म 💐💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐💐 आँखें उनको सुन सकें, देखें उनको कान । जिह्वा से महसूस हो , चमड़ी करे बखान ।। चमड़ी करे बखान , साँस नाड़ी से आए दिल को खूब... Hindi · कुण्डलिया 20 Share भवानी सिंह धानका 'भूधर' 20 Mar 2024 · 1 min read माणुष 💐💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐💐 माणष मोती चावतो , ढूँढ़ै नित नित सींप । सींपी जीवण पाळती ,माणुष पाळै खींप ।। माणुष पाळै खींप , सींप को जीव बिसारै पेट जीव को फाड़... Rajasthani · कुण्डलिया 19 Share भवानी सिंह धानका 'भूधर' 20 Mar 2024 · 1 min read बचपन 💐💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐💐 मैंने बचपन जी लिया , फिर से उनके साथ । बच्चों में बच्चा बना , लेकर कंदुक हाथ लेकर कंदुक हाथ , खेल सतोलिया खेला नरम हाथ का... Hindi · कुण्डलिया 17 Share Bodhisatva kastooriya 19 Mar 2024 · 1 min read वासुदेव हे वासुदेव तुम संसार के पालन हार! तुम ही तो करवाते हो भवसागर पार!! चरणो मे आपके जीवनयापन के द्वार! रूप बदल आते पृथ्वी,करने दैत्य संघार!! 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया 4 19 Share Bodhisatva kastooriya 19 Mar 2024 · 1 min read प्रकृति विधाता की नियति ,प्रकृति उसकी अनुकृति है! पर उत्पत्ति मानव की ही स्वयं एक विकृति है!! धरा पर उसका आना औ निर्माण करना कही, निज स्वार्थ हेतु वसुन्धरा- विनाश विसंगति... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया 3 21 Share भवानी सिंह धानका 'भूधर' 19 Mar 2024 · 1 min read कुण्डलिया छंद 💐💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐💐 राजस्थानी भाषा में एक प्रयास माणष मोती चावतो , ढूँढ़ै नित नित सींप । सींपी जीवण पाळती ,माणुष पाळै खींप ।। माणुष पाळै खींप , सींप को जीव... Rajasthani · कुण्डलिया 1 17 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 17 Mar 2024 · 1 min read संत झोली लेकर चला फकीर मांगे सबकी खैर ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर ना काहू से बैर, कि सबकी सुनता जाए काम वही करे जो उसके मन को... Hindi · कुण्डलिया 18 Share surenderpal vaidya 12 Mar 2024 · 1 min read * बिखर रही है चान्दनी * ** कुण्डलिया ** ~~ बिखर रही है चान्दनी, धरती पर हर ओर। नैसर्गिक वातावरण, मधुर बना हर ओर। मधुर बना हर ओर, रजत किरणें चन्दा की। साथ घुल रही खूब,... Hindi · कुण्डलिया · चन्द्रमा · चाँदनी 1 1 20 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 9 Mar 2024 · 1 min read मित्रो नमस्कार! मित्रो नमस्कार! 🙏🌹🙏 देखें एक चित्र!! रोटी पर मखनी लगी,बथुवे का हो साग। छाछ थाल में हो रखी,धन्य आपके भाग।। धन्य आपके भाग,मिले जो पोषक भोजन । मुंह में पानी... Hindi · कुण्डलिया 1 26 Share Ravikesh Jha 9 Mar 2024 · 4 min read जीवन जीने का ढंग भाग 2, - रविकेश झा अगर भय के कारण आप प्रभु के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना करते है तो आप चूक जाते है, क्योंकि प्रभु तो भय से परे है, उन्हें तो बस ध्यान के... Hindi · कठिन जीवन · कुण्डलिया · कोटेशन · ध्यान · पुस्तक समीक्षा 1 51 Share Ravikesh Jha 8 Mar 2024 · 2 min read जीवन जीने का ढंग - रविकेश झा आप चाहे खुश हो कोई चीज को लेकर, वास्तव में वहां कुछ होता नहीं बस आप मान लेते है, ये आपको कामना के साथ करुणा करवाता है । आप चाहे... Hindi · कुण्डलिया · कोटेशन · निबंध · पुस्तक समीक्षा · लेख 1 89 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 8 Mar 2024 · 10 min read स्वदेशी कुंडल ( राय देवीप्रसाद 'पूर्ण' ) कुंडलिया छंद देशी प्यारे भाइयो। हे भारत-संतान ! अपनी माता-भूमि का है कुछ तुमको ध्यान ? है कुछ तुमको ध्यान! दशा है उसकी कैसी ? शोभा देती नहीं किसी को... Hindi · कुण्डलिया 1 45 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 7 Mar 2024 · 3 min read ध्रुवदास जी के कुंडलिया छंद भजन कुंडलिया हंस सुता तट बिहरिबौ, करि वृंदाबन बास। कुंज-केलि मृदु मधुर रस, प्रेम विलास उपास।। प्रेम-विलास उपास, रहे इक-रस मन माही। तिहि सुख को सुख कहा कहौं, मेरी मति... Hindi · कुण्डलिया 1 25 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 7 Mar 2024 · 1 min read नारी है नारायणी नारी है नारायणी,दुर्गा काली रूप। मर्यादा इसकी रखें,जनता हो या भूप। जनता हो या भूप,ध्यान सबका हीं रखतीं। करके अतिशय त्याग,सर्वहित उर से लखतीं। कहता कविवर ओम,सृष्टि रचना यह प्यारी।... Hindi · कुण्डलिया · महिला दिवस 1 22 Share Ravikesh Jha 7 Mar 2024 · 1 min read धन से बड़ा ध्यान। धन से बड़ा ध्यान, धनी व्यक्ति कभी प्रेम नहीं कर पाता क्योंकि वो मात्र शरीर को देखता है, बुद्धि के आंखों से कामना के आंखों से वही वह चूक जाता... Hindi · कहानी · कुण्डलिया · कोटेशन · निबंध 1 159 Share Ravikesh Jha 7 Mar 2024 · 1 min read सुनने की कला आपको स्वयं तक पहुंचा सकता है। सुनने की कला को जाने समझे, आप सुनकर भी स्वयं में प्रवेश कर सकते, और आपको वर्तमान के साथ जीना सीखने में मदद करता है, सुनने की कला को जागरूकता... Hindi · Dhyan · Meditation · कुण्डलिया 1 150 Share आकाश महेशपुरी 5 Mar 2024 · 1 min read चाय और सिगरेट सेवा में स्कूल का, खुला हुआ था गेट। पर बच्चे पीते मिले, चाय और सिगरेट। चाय और सिगरेट, धुँआ भी छोड़ रहे थे। सपनों को अय्याश, नशे में तोड़ रहे... Hindi · कुण्डलिया 1 65 Share Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya) 5 Mar 2024 · 1 min read जिसने अपनी माँ को पूजा जिसने अपनी माँ को पूजा, रहा कभी न भूखा l धन दौलत और शोहरत का भी, रहा कभी न सूखा ll अरे जिसने अपना माथा मां के, कदमों में रखा... Hindi · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · दोहा · मुक्तक 24 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 4 Mar 2024 · 1 min read आफत की बारिश असमय वर्षा जो गिरी,विस्मित है संसार। फसलें हैं बर्बाद अब,मुश्किल में परिवार। मुश्किल में परिवार, फसल गेहूँ मुरझाई। लेकर वर्षा रूप,जगत आफत सी आई। डरते सभी किसान,देख नभ फिर बदरामय।... Hindi · कुण्डलिया 1 35 Share आकाश महेशपुरी 28 Feb 2024 · 1 min read करते नेता ढोंग देंगे सबको नौकरी, कहते नेता रोज। लेकिन क्यों मिलती नहीं, सभी रहे हैं खोज। सभी रहे हैं खोज, कि करते झूठे वादे। करते नेता ढोंग, नहीं हैं नेक इरादे। जब... Hindi · कुण्डलिया 1 22 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 23 Feb 2024 · 1 min read अन्नदाता किसान अतिशय करता नित्य श्रम,रख मौसम का ध्यान। पालक दूजा वह जगत, कहते जिसे किसान। कहते जिसे किसान,कर्म जग हित है करता। उपजा कर के अन्न ,पेट जग का है भरता।... Hindi · कुण्डलिया 2 41 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read कैसा कलियुग आ गया कैसा कलियुग आ गया, बदला आज समाज। रिश्ते बनते अर्थ लख, तजकर सारी लाज। तजकर सारी लाज,मनुज कारज कटु करता। उपजा उर में बैर,हृदय में कटुता भरता। कहता सबसे ओम,जगत... Poetry Writing Challenge · कुण्डलिया 1 22 Share Poonam Matia 16 Feb 2024 · 1 min read *होय जो सबका मंगल* जंगल, नदिया, खेत हैं, बाग, ताल अरु कूप। 'भारत' ठंडी छाँव है, किन्तु 'इंडिया' धूप।। किन्तु इंडिया धूप, छाँव तक को मन तरसे, प्रीत-नेह का मेह, यहाँ फिर कैसे बरसे?... Poetry Writing Challenge · कविता · कुण्डलिया 4 2 860 Share सतीश तिवारी 'सरस' 16 Feb 2024 · 1 min read कुण्डलिया छंद (1) औरों को दें मान वह,अपनों को दुत्कार। बनी रीति क्यों आजकल,बोलो मेरे यार।। बोलो मेरे यार,प्यार का क्योंकर टोटा। सच्चा है गुमनाम,पूज्य है क्यों अब खोटा।। कह सतीश कविराय,पदक... Hindi · कुण्डलिया 1 36 Share Poonam Matia 15 Feb 2024 · 1 min read *अजब है उसकी माया* काया सुलगत आग-सी, नीर भरे हैं नैन। तड़पत है इक मीन-सी, मौन हुए हैं बैन।। मौन हुए हैं बैन, चैन क्यों तनिक न आया? मन में रहे सदैव, किसलिए तम... Poetry Writing Challenge · कविता · कुण्डलिया 6 1 1k Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 15 Feb 2024 · 1 min read कुण्डलिया ऋतु छः होतीं भारत में , लो आनंद उठाय । गरमी वर्षा शरद ऋतु , तीन ऋतुएं सुभाय ।। तीन ऋतुएं सुभाय , हेमंत शिशिर औ बसंत । ऋतु अनुसार... Poetry Writing Challenge · कुण्डलिया 1 38 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 13 Feb 2024 · 1 min read मातु शारदे वंदना मातु शारदे वंदना,करता जग है आज। रहती माता की कृपा,रहता सुंदर साज। रहता सुंदर साज,सोच उत्तम बन जाती। हो विद्या शृंगार,बुद्धि नव ऊर्जा पाती। विनय करे नित ओम,मातु उत्तम विचार... Poetry Writing Challenge · कुण्डलिया 2 42 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 13 Feb 2024 · 1 min read मातु शारदे वंदना मातु शारदे वंदना,करता जग है आज। रहती माता की कृपा,रहता सुंदर साज। रहता सुंदर साज,सोच उत्तम बन जाती। हो विद्या शृंगार,बुद्धि नव ऊर्जा पाती। विनय करे नित ओम,मातु उत्तम विचार... Hindi · कुण्डलिया 59 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 11 Feb 2024 · 1 min read आयी ऋतु बसंत की आयी ऋतु बसंत मधुर,करके अनुपम साज। विद्वत कहते हैं इसे,यही सृष्टि की ताज। यही सृष्टि की ताज,धरा लाए हरियाली। नव पत्तों के साथ,सजे वृक्षों की डाली। महक आम की बौर,लगे... Hindi · कुण्डलिया 1 50 Share shabina. Naaz 6 Feb 2024 · 1 min read मेरे पास फ़ुरसत ही नहीं है.... नफरत करने की.. मेरे पास फ़ुरसत ही नहीं है.... नफरत करने की.. सुनो....मुझे खुश रहने की आदत है.. keep happy yourself becoz time is so precious😊..shabinaZ Hindi · Quote Writer · कुण्डलिया 70 Share Jatashankar Prajapati 30 Jan 2024 · 1 min read नेता पलटू राम ऐसी पलटी मारिए, सके न कोई भाँप। राजनीति कहते इसे,है ये सबकी बाप।। है ये सबकी बाप, इसे हर कोई माने। नेता पलटू राम, कौन ना उनको जाने।। फिर भी... Hindi · कुण्डलिया 45 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 Jan 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया छंद सत्ता पर कब्जा करें ,जोड़-तोड़ में दक्ष। क्या होगा जनतंत्र का ,है यह प्रश्न समक्ष।। है यह प्रश्न समक्ष ,सोचते सब मतदाता। देकर जिनको वोट,बनाया भाग्य विधाता। नीति... Hindi · कुण्डलिया 1 2 39 Share Neelam Sharma 29 Jan 2024 · 1 min read कवि मोशाय। जहाँ न पहुँचे ओज रवि,पहुँचे कवि मोशाय। मंच प्रपंच मलीन सब, रहे ठहाके लाय।। रहे ठहाके लाय, छूटे हँसी फव्वारे। गुँजित हैं धरा गगन, लोट पोट हुए सारे।। जन में... Poetry Writing Challenge · कुण्डलिया 1 63 Share Neelam Sharma 29 Jan 2024 · 1 min read बीन अधीन फणीश। १) झूमे नाचे बीन पर,बीन अधीन फणीश। भाता महुअर व्याल क्यों,सोचत उरग महीश।। सोचत उरग महीश,सपेरा परम चितेरा। पोषण साधन उभय,यही जन्मों का फेरा।। एकत्व साधे काज,भँवर कर्मों का घूमें।... Poetry Writing Challenge · कुण्डलिया 1 43 Share आकाश महेशपुरी 28 Jan 2024 · 1 min read नेता पल्टूराम (कुण्डलिया) जनता को भाता नहीं, उछल कूद का काम। किस पर करें यकीन हम, नेता पल्टूराम। नेता पल्टूराम, पलटते देर न लगती। लेकिन किस्मत हाय, हमारी नहीं पलटती। डूब रहा है... Hindi · कुण्डलिया 44 Share shabina. Naaz 27 Jan 2024 · 1 min read दिल है के खो गया है उदासियों के मौसम में.....कहीं दिल है के खो गया है उदासियों के मौसम में.....कहीं जाओ तलाश कर के लाओ चंद खुशियाँ नयी.....shabinaZ Hindi · Quote Writer · कुण्डलिया 68 Share करन ''केसरा'' 26 Jan 2024 · 1 min read आज़ादी के दीवाने आजादी के दीवानों ने सुलगाई जो चिनगारी। ज्वाला बनकर टूट पड़ी थी अंग्रेजों पर अति भारी।।_२ यह ज्वाला झांसी में प्रगटी, रणचंडी बन कूद पड़ी। सांस चली थी जब तक... Hindi · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 37 Share आकाश महेशपुरी 26 Jan 2024 · 1 min read लहसुन खाने से लहसुन कई, मिट जाते हैं रोग। औषधियों में श्रेष्ठ है, कहते हैं सब लोग। कहते हैं सब लोग, शुगर, बीपी, मोटापा। चाहे पक्षाघात, वात के मम्मी पापा। डरते... Hindi · कुण्डलिया 62 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read गणपति वंदना कुण्डलिया छंद गणपति वंदना 1. शंकर सुत हे विश्वमुख,हे गणराज विशाल। विघ्न हरो विघ्नेश तुम,हे प्रभु दीनदयाल।। हे प्रभु दीनदयाल ,आप हैं विघ्न विनाशक। प्रथम पूज्य गणराज ,आप हैं आत्म... Poetry Writing Challenge · कुण्डलिया 26 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read कुण्डलिया छंद कुण्डलिया छंद होली 1. फागुन लिखे कपोल पर ,प्रेम फगुनिया गीत दहके फूल पलाश के ,कहाँ गए मन मीत। कहाँ गए मन मीत ,फगुनिया हवा सुरीली। भौरों की गुंजार ,हँसे... Poetry Writing Challenge · कुण्डलिया 41 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read कुण्डलिया छंद कुण्डलिया छंद विषय -जलेबी 1 पानी मुँह में आ गया, देख जलेबी गोल। प्यारी मम्मी आज ही ,डाल जलेबी घोल। डाल जलेबी घोल ,चाशनी गुड़ की होना। मीठी ये अनमोल... Poetry Writing Challenge · कुण्डलिया 42 Share Page 1 Next