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Tag: कविता/गीतिका
42 posts
चलिए देखेंगे सपने समय देखकर
चलिए देखेंगे सपने समय देखकर
दीपक झा रुद्रा
निरन्तरता ही जीवन है चलते रहिए
निरन्तरता ही जीवन है चलते रहिए
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
हम दो अंजाने
हम दो अंजाने
Kavita Chouhan
इश्क़ का दस्तूर
इश्क़ का दस्तूर
VINOD CHAUHAN
फ़रियाद
फ़रियाद
VINOD CHAUHAN
मजबूर दिल की ये आरजू
मजबूर दिल की ये आरजू
VINOD CHAUHAN
दो कदम साथ चलो
दो कदम साथ चलो
VINOD CHAUHAN
कैसे तेरा दीदार करूँ
कैसे तेरा दीदार करूँ
VINOD CHAUHAN
ये हवाएँ
ये हवाएँ
VINOD CHAUHAN
वो इश्क किस काम का
वो इश्क किस काम का
Ram Krishan Rastogi
मजदूर का स्वाभिमान
मजदूर का स्वाभिमान
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
तुमको पाकर जानें हम अधूरे क्यों हैं
तुमको पाकर जानें हम अधूरे क्यों हैं
VINOD CHAUHAN
तन्हाँ-तन्हाँ सफ़र
तन्हाँ-तन्हाँ सफ़र
VINOD CHAUHAN
सदा सुहागन रहो
सदा सुहागन रहो
VINOD CHAUHAN
बेताब दिल
बेताब दिल
VINOD CHAUHAN
करवा चौथ
करवा चौथ
VINOD CHAUHAN
एक रात का मुसाफ़िर
एक रात का मुसाफ़िर
VINOD CHAUHAN
कितने सावन बीते हैं
कितने सावन बीते हैं
VINOD CHAUHAN
आज फिर इन आँखों में आँसू क्यों हैं
आज फिर इन आँखों में आँसू क्यों हैं
VINOD CHAUHAN
तुम्हारी शोख़ अदाएं
तुम्हारी शोख़ अदाएं
VINOD CHAUHAN
रूठे रूठे से हुजूर
रूठे रूठे से हुजूर
VINOD CHAUHAN
वक्त गर साथ देता
वक्त गर साथ देता
VINOD CHAUHAN
कोई कह दे क्यों मजबूर हुए हम
कोई कह दे क्यों मजबूर हुए हम
VINOD CHAUHAN
प्यार जताना न आया
प्यार जताना न आया
VINOD CHAUHAN
अगर तू नही है,ज़िंदगी में खालीपन रह जायेगा
अगर तू नही है,ज़िंदगी में खालीपन रह जायेगा
Ram Krishan Rastogi
मगर अब मैं शब्दों को निगलने लगा हूँ
मगर अब मैं शब्दों को निगलने लगा हूँ
VINOD CHAUHAN
मैं ख़ुद से बे-ख़बर मुझको जमाना जो भी कहे
मैं ख़ुद से बे-ख़बर मुझको जमाना जो भी कहे
VINOD CHAUHAN
ये संगम दिलों का इबादत हो जैसे
ये संगम दिलों का इबादत हो जैसे
VINOD CHAUHAN
तेरी बाहों के घेरे
तेरी बाहों के घेरे
VINOD CHAUHAN
फ़साने तेरे-मेरे
फ़साने तेरे-मेरे
VINOD CHAUHAN
घूँघट की आड़
घूँघट की आड़
VINOD CHAUHAN
इन जुल्फों के साये में रहने दो
इन जुल्फों के साये में रहने दो
VINOD CHAUHAN
वो नयनों के दीपक
वो नयनों के दीपक
VINOD CHAUHAN
हाथों में उसके कंगन
हाथों में उसके कंगन
VINOD CHAUHAN
अंदाज मस्ताना
अंदाज मस्ताना
VINOD CHAUHAN
बेताब दिल की तमन्ना
बेताब दिल की तमन्ना
VINOD CHAUHAN
महकती फिज़ाएँ लौट आई
महकती फिज़ाएँ लौट आई
VINOD CHAUHAN
दो किनारे हैं दरिया के
दो किनारे हैं दरिया के
VINOD CHAUHAN
तूँ मुझमें समाया है
तूँ मुझमें समाया है
VINOD CHAUHAN
तक़दीर की उड़ान
तक़दीर की उड़ान
VINOD CHAUHAN
मुकद्दर तेरा मेरा
मुकद्दर तेरा मेरा
VINOD CHAUHAN
सावन बरसता है उधर....
सावन बरसता है उधर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
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