sp131 गजब भरा हर/ हिला था बंद पंखा
sp131 गजब भरा हर
******************
गजब भरा हर मन में भरम है यह कहलाता अपना अहम है
उसने बनाया सबको बराबर न कोई ज्यादा न कोई कम है
जिसको सच का भान हो गया आंख उसी की दिखती नम है
संख्या कम ज्ञानियों की दिखती
दिखते दंभ भरे परचम है
देते हैं औरों को चुनौती देखें किसमें कितना दम है
वह बतला देता है खुलकर न कोई ज्यादा न कोई कम है
@
हिला था बंद पंखा भी समझ में कुछ न आया था
सड़क पर लोग क्यों सारे सभी ने कुछ बताया था
कोई तो जलजला कहता कोई भूकंप है कहता
नमूना अपनी ताकत का प्रकृति ने बस दिखाया था
बढ़ेगी तीव्रता इसकी रिएक्टर स्केल पर जाकर
अगर 10 के पास भी पहुंची रहेगी तय प्रलय होकर
गगनचुंबी इमारत भी धरा को अपनी चूमेगी
बहेंगे पुल भी सागर में धरा गर गति से घूमेगी
लिए परमाणु बम बैठे जो मानवता के शिकारी है
भरा है दम्भ ताकत का ये उन सब पर भी भारी है
@
डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव
sp131