sp119 समय बदलता हर घड़ी /मुझको किस तरह
sp119 समय बदलता हर घड़ी
मुझको किस तरह
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समय बदलता हर घड़ी देता है यह सीख
हुए रिटायर जिस घड़ी बदलेगी तारीख
बदलेगी तारीख न कोई पहचानेगा
कल हम भी अपने थे कोई नहीं मानेगा
कहते हैं ज्ञानी लोग सहारे अपने रहिए
समय की धारा कहती उसके साथ ही बहिये
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मुझको किस तरह भला आप से खतरा होगा
रंग चेहरे का महज खौफ से उतरा होगा
हमने देखा है मरा आँख का पानी कैसे ?
हादसा ऐसा कहां आप पे गुजरा होगा
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डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव
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