sp110 Share Like Follow
sp110 Share Like Follow
*******************
सुन लें आपकी अच्छी कविता अपना ज्ञान दीप जल जाए
साहित्य सृजन के साधक कीरचनाओं को हम भी सुन पाएं
होगा बड़ा आभार आपका पढ़ सुनकर हम लाइक करेंगे
अच्छी त्वरित टिप्पणी देंगे शेयर और फॉलो भी करेंगे
@
यादगार पल हैं जीवन के रखिए इनको संभाल कर
जैसे समय बढ़ेगा आगे हो जाएंगे और सुहाने
सुख का समय फिसल जाता है मुट्ठी से झर जाती है रेत तुरत
समझते हैं जो भी यथार्थ को नहीं बनाते कोई बहाने
@
दिव्य हस्ताक्षर हमारे पटल के
हो गये हैं गुम अब सदा के लिए
खोये रहते हैं बस उसकी यादों में हम
जानते हैं ना मिल पाएंगे वो कभी
फिर भी है कामना खोज जारी रहे
जब तक चलती कलम यह कुठारी रहे
ना थके ना रुके हौसला कम ना हो
ढूंढने की यह कोशिश भी जारी रहे
@
जन चेतना तो नहीं लुप्त है बस व्यापारीकरण हो गया
लाइक शेयर कमेंट फॉलो तक अब इसका व्याकरण हो गया
मंचों पर जम गए मदारी खेल दिखाने लगे जमूरे
हर कवि सम्मेलन अखिलभारतीय इसका नया संस्करण हो गया
@
डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव
sp110