sp105 पांच दिनों का है त्यौहार
sp105 5 दिन का है त्यौहार दिवाली
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पांच दिनों का है त्यौहार जिसको कहते हम दिवाली
जलती दीप शिखाएं पर्व पर देती हैं हमको खुशहाली
धनतेरस और रूप चतुर्दशी दिवाली अन्न कूट औ भैया दूज
5 दिनों में सारी खुशियां देती हमको पर्व की सूझ और बूझ
पहला पर्व है धनतेरस का और दूसरा रूप चतुर्दशी
नरकासुर का वध करने से यह कहलाती नरक चतुर्दशी
रूप चौदस के नाम कई है नरक चौदस या छोटी दिवाली
पांच पर्व हैं दिवाली के जो लाते हर घर में खुशहाली
दिवाली के 1 दिन पहले माता अ लक्ष्मी स्वयं है आती
अ लक्ष्मी है बहन लक्ष्मी माता की वेष बदल धरती पर आती
स्वच्छ भवन को छोड़ के सारे ढूंढती है बस गंदे घर को
जो घर उनको गंदा दिखता वहीं पर हैं आवास बनाती
दिवाली के अगले दिन ही गोवर्धन पूजा होती है
अन्नकूट भी इसको कहते याद कन्हैया की होती है
इंद्रदेव से भगवान कृष्ण की युद्ध की है यह कथा अभ्यंकर
सार्थक किया इसे भगवान ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर
और पांचवा पर्व हमारा भैया दूज बहुत पावन है
भाई बहन के प्रेम का रिश्ता सचमुच होता मनभावन है
आओ मिलकर हर्ष जतायें खुशियों का त्योहार मनाए
जो सीमा पर करते सुरक्षा उनके नाम का दीप जलाएं
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डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव
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