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13 Nov 2024 · 1 min read

sp 144 जब इच्छाएं

sp 144 जब इच्छाएं
****************
जब इच्छाएं रुक जाएगी समझो खेल हो sp 144 जब इच्छाएंगया पूरा
हम कठपुतली रंगमंच की नचा रहा है हमें मदारी

लिखा भाग में मिलेगा तय है लेकिन नहीं किसी को पता है
कब कैसे और कहां मिलेगा जब आएगी उसकी पारी

सच की कलम भाव की स्याही और ईश्वर की कृपा चाहिए
बिना रुके और बिना झुके चलती है अपनी कलम कुठारी

बड़ी शान से जीते हम सब माता सरस्वती के बेटे
कितने भी अवरोध मिले पर होती नहीं कभी लाचारी

पद धन लोलुपता हावी है अपने इस पूरे समाज पर
न रुकना है ना झुकना है इसको कहते हैं खुद्दारी
@
डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तवsp 144

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