Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Nov 2024 · 1 min read

sp 144 जब इच्छाएं

sp 144 जब इच्छाएं
****************
जब इच्छाएं रुक जाएगी समझो खेल हो sp 144 जब इच्छाएंगया पूरा
हम कठपुतली रंगमंच की नचा रहा है हमें मदारी

लिखा भाग में मिलेगा तय है लेकिन नहीं किसी को पता है
कब कैसे और कहां मिलेगा जब आएगी उसकी पारी

सच की कलम भाव की स्याही और ईश्वर की कृपा चाहिए
बिना रुके और बिना झुके चलती है अपनी कलम कुठारी

बड़ी शान से जीते हम सब माता सरस्वती के बेटे
कितने भी अवरोध मिले पर होती नहीं कभी लाचारी

पद धन लोलुपता हावी है अपने इस पूरे समाज पर
न रुकना है ना झुकना है इसको कहते हैं खुद्दारी
@
डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तवsp 144

30 Views
Books from Manoj Shrivastava
View all

You may also like these posts

इसकी वजह हो तुम, खता मेरी नहीं
इसकी वजह हो तुम, खता मेरी नहीं
gurudeenverma198
पतंग
पतंग
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
# कुछ देर तो ठहर जाओ
# कुछ देर तो ठहर जाओ
Koमल कुmari
बाते सुनाते हैं
बाते सुनाते हैं
Meenakshi Bhatnagar
आश्रम
आश्रम
इंजी. संजय श्रीवास्तव
राम लला की हो गई,
राम लला की हो गई,
sushil sarna
स्वयं मार्ग अपना चुनें
स्वयं मार्ग अपना चुनें
indu parashar
"इस्राइल -गाज़ा युध्य
DrLakshman Jha Parimal
* कुण्डलिया *
* कुण्डलिया *
surenderpal vaidya
ज्ञान रहे सब पेल परिंदे,
ज्ञान रहे सब पेल परिंदे,
पंकज परिंदा
B52 - Nơi giải trí hàng đầu, thách thức mọi giới hạn với nhữ
B52 - Nơi giải trí hàng đầu, thách thức mọi giới hạn với nhữ
B52
मेरा गांव अब उदास रहता है
मेरा गांव अब उदास रहता है
Mritunjay Kumar
अब मुझे यूं ही चलते जाना है: गज़ल
अब मुझे यूं ही चलते जाना है: गज़ल
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Vo yaad bi kiy yaad hai
Vo yaad bi kiy yaad hai
Aisha mohan
घुंघट ओढ़ा हमने लाज़ बचाने के लिए
घुंघट ओढ़ा हमने लाज़ बचाने के लिए
Keshav kishor Kumar
"इस जीवन-रूपी चंदन पर, कितने विषधर लिपट गए।
*प्रणय*
देवदूत
देवदूत
Shashi Mahajan
मेहनत करने में जितना कष्ट होता है...
मेहनत करने में जितना कष्ट होता है...
Ajit Kumar "Karn"
हमारा चंद्रयान
हमारा चंद्रयान
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
"मंज़र बर्बादी का"
ओसमणी साहू 'ओश'
सोन चिरैया
सोन चिरैया
Mukta Rashmi
आत्म  चिंतन करो दोस्तों,देश का नेता अच्छा हो
आत्म चिंतन करो दोस्तों,देश का नेता अच्छा हो
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
4685.*पूर्णिका*
4685.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आगाह
आगाह
Shyam Sundar Subramanian
✍️ दोहा ✍️
✍️ दोहा ✍️
राधेश्याम "रागी"
राजनीति की गरमी
राजनीति की गरमी
Acharya Rama Nand Mandal
ए दिल्ली शहर तेरी फिजा होती है क्यूँ
ए दिल्ली शहर तेरी फिजा होती है क्यूँ
shabina. Naaz
संघर्ष
संघर्ष
विजय कुमार अग्रवाल
"इन्तजार"
Dr. Kishan tandon kranti
*वृद्ध-जनों की सॉंसों से, सुरभित घर मंगल-धाम हैं (गीत)*
*वृद्ध-जनों की सॉंसों से, सुरभित घर मंगल-धाम हैं (गीत)*
Ravi Prakash
Loading...