Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Oct 2024 · 1 min read

sp 104 मन की कलम

sp 104 मन की कलम
********************

मन की कलम भाव की स्याही सेअंतस के दिव्य पटल पर
जो स्मृतियां उकेर देती हैं या हालात जिसे लिखवा दें
जो जन-जन के मन को भातीवह ही है कविता कहलाती

कभी हर्ष उल्लास जगाती बन कर कभी उदासी आती
पीड़ाओं के मेघ गरजते और अश्रु बनकर बह जाती
जो जन जन के मन को भाती वह ही है कविता कहलाती

कभी सिंह बन करती गर्जन शिव शंकर का तांडव नर्तन
युद्ध भूमि में बन प्रलयंकर अरि मुंडों की भेंट चढ़ाती
जो जन-जन के मन को भाती.वह ही है कविता कहलाती

बनती कभी विरह की पीड़ाआंखों में बरसात पीर की
जिसे दबाए रखना मन मेंअपनी मजबूरी बन जाती
जो जन-जन के मन को भाती वह ही है कविता कहलाती

बेटे की अकाल मृत्यु पर मन विदीर्ण पिता का होता
ना सह पाता ना रह पाता आत्मा अकुला कर रह जाती
जो जन जन के मन को भाती वह ही है कविता कहलाती
@
डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव
sp104

20 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Manoj Shrivastava
View all

You may also like these posts

"कोई तो बताए"
Dr. Kishan tandon kranti
हर लम्हा दास्ताँ नहीं होता ।
हर लम्हा दास्ताँ नहीं होता ।
sushil sarna
न दया चाहिए न दवा चाहिए
न दया चाहिए न दवा चाहिए
Kanchan Gupta
घुटन
घुटन
Preksha mehta
'आलम-ए-वजूद
'आलम-ए-वजूद
Shyam Sundar Subramanian
रिश्तों की सिलाई अगर भावनाओ से हुई हो
रिश्तों की सिलाई अगर भावनाओ से हुई हो
शेखर सिंह
बातों का तो मत पूछो
बातों का तो मत पूछो
Rashmi Ranjan
कल हमारे साथ जो थे
कल हमारे साथ जो थे
ruby kumari
आखिर क्यों सबको भरमाया।
आखिर क्यों सबको भरमाया।
अनुराग दीक्षित
कलम मेरी साथिन
कलम मेरी साथिन
Chitra Bisht
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नज़र बचा कर चलते हैं वो मुझको चाहने वाले
नज़र बचा कर चलते हैं वो मुझको चाहने वाले
VINOD CHAUHAN
चौपाई छंद गीत
चौपाई छंद गीत
seema sharma
तुझे नेकियों के मुँह से
तुझे नेकियों के मुँह से
Shweta Soni
मुक्तक
मुक्तक
Vandana Namdev
कभी कभी कहना अच्छा होता है
कभी कभी कहना अच्छा होता है
Rekha Drolia
"मंज़र बर्बादी का"
ओसमणी साहू 'ओश'
कसक
कसक
Sudhir srivastava
मै ही क्यूं !?
मै ही क्यूं !?
Roopali Sharma
एकलव्य
एकलव्य
Khajan Singh Nain
★भारतीय किसान ★
★भारतीय किसान ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
22)”शुभ नवरात्रि”
22)”शुभ नवरात्रि”
Sapna Arora
*
*"ममता"* पार्ट-2
Radhakishan R. Mundhra
4894.*पूर्णिका*
4894.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
“दोस्त हो तो दोस्त बनो”
“दोस्त हो तो दोस्त बनो”
DrLakshman Jha Parimal
बड़े महंगे महगे किरदार है मेरे जिन्दगी में l
बड़े महंगे महगे किरदार है मेरे जिन्दगी में l
Ranjeet kumar patre
मेरी ज़िंदगी की हर खुली क़िताब पर वो रंग भर देता है,
मेरी ज़िंदगी की हर खुली क़िताब पर वो रंग भर देता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
Anil Mishra Prahari
सावन
सावन
Rambali Mishra
मोक्ष
मोक्ष
Pratibha Pandey
Loading...