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7 Oct 2021 · 1 min read

💐💐गुरुदेवस्य वन्दना💐💐

निवसतिममहृदयेपार्वतीशंकरौ इव,
विनस्यति ममसमस्तावगुणत्वानि,
प्रकाशका: ज्ञानार्णवा: अहर्निश: ,
प्रणमति तंगुरुवरः प्रतिपदायाः अवसरे।

अर्थ-जो रात्रि दिवस ज्ञान के समुद्र को प्रकाशित करने वाले है, जो मेरे हृदय में माँ पार्वती और महादेव के स्वरूप में निवास करते हैं, मेरे समस्त अवगुणों का नाश करने वाले हैं, आज चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के परम पावन अवसर पर अपने गुरुदेव को प्रणाम करता हूँ।

@अभिषेक: पाराशर:।

Language: Sanskrit
2 Likes · 315 Views
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