शरीर को जिसने प्राण दिए बस उसी की जय कीजिए
भजन: रामचंद्र कह गए सिया से
ईश्वरीय समन्वय का अलौकिक नमूना है जीव शरीर, जो क्षिति, जल, प
माँ शारदे
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
नेता पल्टूराम (कुण्डलिया)
शरीर मोच खाती है कभी आपकी सोच नहीं यदि सोच भी मोच खा गई तो आ
धर्म अधर्म की बाते करते, पूरी मनवता को सतायेगा
लड़की कभी एक लड़के से सच्चा प्यार नही कर सकती अल्फाज नही ये
जहाँ जहाँ कोई उर्दू ज़बान बोलता है।
*करता है मस्तिष्क ही, जग में सारे काम (कुंडलिया)*
उनसे मुहब्बत करने से पहले ये देखना ज़रूर,
आते है दुःख सभी की जिंदगी मे