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किसी विशेष व्यक्ति के पिछलगगु बनने से अच्छा है आप खुद विशेष
Vivek Ahuja
तुम्हें संसार में लाने के लिए एक नारी को,
शेखर सिंह
"कथनी-करनी"
Dr. Kishan tandon kranti
"गारा"
Dr. Kishan tandon kranti
"हाथों की लकीरें"
Dr. Kishan tandon kranti
"कलयुग का साम्राज्य"
Dr. Kishan tandon kranti
क्षणिका ...
sushil sarna
पाप पंक पर बैठ कर ,
sushil sarna
अजब प्रेम की बस्तियाँ,
sushil sarna
धवल चाँदनी में हरित,
sushil sarna
आज अचानक फिर वही,
sushil sarna
मेरी कलम से…
Anand Kumar
मेरी कलम से…
Anand Kumar
छल छल छलके आँख से,
sushil sarna
3323.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
आँखों-आँखों में हुये, सब गुनाह मंजूर।
Suryakant Dwivedi
कभी कभी कुछ प्रश्न भी, करते रहे कमाल।
Suryakant Dwivedi
3322.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
"रिश्ता"
Dr. Kishan tandon kranti
उन्हें हद पसन्द थीं
हिमांशु Kulshrestha
"सोच"
Dr. Kishan tandon kranti
"कलयुग का दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
"लिहाज"
Dr. Kishan tandon kranti
"पूछो जरा"
Dr. Kishan tandon kranti
सीसे में चित्र की जगह चरित्र दिख जाए तो लोग आइना देखना बंद क
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
सपना है आँखों में मगर नीद कही और है
Rituraj shivem verma
🥰🥰🥰
शेखर सिंह
*मेरा वोट मेरा अधिकार (दोहे)*
Rituraj shivem verma
जीवन में अहम और वहम इंसान की सफलता को चुनौतीपूर्ण बना देता ह
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
*दही खाने के 15 अद्भुत चमत्कारी अमृतमयी फायदे...*
Rituraj shivem verma
श्रेष्ठ विचार और उत्तम संस्कार ही आदर्श जीवन की चाबी हैं।।
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
*माँ सरस्वती (चौपाई)*
Rituraj shivem verma
इक पखवारा फिर बीतेगा
Shweta Soni
*पत्थरों के शहर में कच्चे मकान कौन रखता है....*
Rituraj shivem verma
एक होस्टल कैंटीन में रोज़-रोज़
Rituraj shivem verma
अच्छाई बाहर नहीं अन्दर ढूंढो, सुन्दरता कपड़ों में नहीं व्यवह
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
अच्छाई बाहर नहीं अन्दर ढूंढो, सुन्दरता कपड़ों में नहीं व्यवह
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
हर किसी का कर्ज़ चुकता हो गया
Shweta Soni
चित्र कितना भी ख़ूबसूरत क्यों ना हो खुशबू तो किरदार में है।।
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
मजबूत इरादे मुश्किल चुनौतियों से भी जीत जाते हैं।।
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
3321.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
वह मुझे चाहता बहुत तो था
Shweta Soni
जिन स्वप्नों में जीना चाही
Indu Singh
ऐसा लगता है कि शोक सभा में, नकली आँसू बहा रहे हैं
Shweta Soni
पात कब तक झरेंगें
Shweta Soni
"काफ़ी अकेला हूं" से "अकेले ही काफ़ी हूं" तक का सफ़र
ओसमणी साहू 'ओश'
चुना था हमने जिसे देश के विकास खातिर
Manoj Mahato
दिल धोखे में है
शेखर सिंह
हालात ही है जो चुप करा देते हैं लोगों को
Ranjeet kumar patre
मौत से बढकर अगर कुछ है तो वह जिलद भरी जिंदगी है ll
Ranjeet kumar patre