Lakhan Yadav Language: Chhattisgarhi 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Lakhan Yadav 2 Feb 2024 · 1 min read चिला रोटी परदेसिया बाबु बसे कोसन म, रंग बिरंगी पोता गे होही । हहो रद्दा- बाट के ठेला खजेना म , मुंह उंखरो चिकना गे हाेही । रंग- रंग के तेलपरा फोरन... Poetry Writing Challenge-2 1 165 Share Lakhan Yadav 30 Jan 2024 · 2 min read मैं तो अंहकार आँव जमाना बदलत जात हे , किसम - कीसम के रूप । कभु - कभु हे बादर - बरसा , अउ कभु हे धूप । हर समय हर काल म ,... Poetry Writing Challenge-2 1 187 Share Lakhan Yadav 30 Jan 2024 · 1 min read चुनाव पांच बछर के गुजरे ले , सुरता तुन्हर सताए लागथे। खुर्सी दंउड के सपना म , अंतस मोर छटपटाए लागथे।।1।। दिन बादर फेर आवत हे , हिसाब – किताब लगाय... Poetry Writing Challenge-2 1 120 Share