Vivek saswat Shukla Tag: Vivek Saswat Kavita 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vivek saswat Shukla 23 Sep 2024 · 1 min read मृत्यु के पश्चात मुझसे मिलने लोग आएंगे, दूर से ही जमीन पर पड़ा मुझे देखेंगे! मेरी बुराइयों का कड़वा घूंट पीकर, मेरी अच्छाइयों का गुणगान करेंगे!! मेरे ऊपर कुछ बेहतरीन चर्चाएं करेंगे, फिर... Best Hindi Kavita · Hindi Poem · Poetviveksaswat · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Shukla 36 Share Vivek saswat Shukla 21 Sep 2024 · 1 min read "अबला" नारी पढ़ाई करो, करो सिलाई बुनाई भी, खुद को बचाने को मगर, थोड़ी तैयारी भी कर लो। होगी नहीं रक्षा तुम्हारे सम्मान की, इंस्टा की रील से, चूड़ियां उतारो अपनी, और... Hindi · Abla Nari · Poetviveksaswat · Top Hindi Poetry · Vivek Saswat Kavita · Viveksaswatshukla 56 Share Vivek saswat Shukla 19 Sep 2024 · 1 min read जयघोष पथ-पथ कांटे पड़े हुए हैं नग्न पांव में जाऊंगा होगा विलम्ब आने में शायद किन्तु लौट मैं आऊंगा था सुना, धरा मतवाली है ? है गगन, मगन अपनी धुन में... Best Hindi Kavita · Best Hindi Poetry · Vivek Saswat · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Shukla 47 Share Vivek saswat Shukla 19 Sep 2024 · 1 min read जब वो मिलेगा मुझसे जब वो मिलेगा मुझसे ! क्या आंख मिलायेगा ? गले लगेगा मुझसे,या बस मुस्करायेगा ? निगाहें करेंगी बयां कुछ, या बस खामोश रहकर चला जाएगा। नहीं! वो नजरें ज़मीं में... Best Hindi Poetry · Best Love Poetry · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Sher · Vivek Saswat Shukla 50 Share Vivek saswat Shukla 19 Sep 2024 · 1 min read कभी हमसे पुछिए वो दिन, वो मंजर हमसे पूछिए,, वो सुखा किनारा, वो प्यासा समंदर हमसे पूछिए,, पूछिए हमसे… वो घड़ी,वो बात! वो वक्त,वो जज़बात!! वो रास्ता, वो सफ़र वो शाम, वो लहर... Hindi · Best Hindi Kavita · Poetviveksaswat · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Shukla · कविता 45 Share Vivek saswat Shukla 29 Mar 2024 · 1 min read आगाज़ है धुआं सा कुछ यहां, चिरागों को जलाते हैं,, बदल दे कर लकीरों को, कर खिलाफत जमाने से। पकड़ ले बुलंदी की डोर हाथों में, पंख कागजों की लगाके,, नभ... Best Hindi Kavita · Best Hindi Poetry · Top Hindi Poetry · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Shukla 190 Share Vivek saswat Shukla 15 Feb 2024 · 1 min read श्री शूलपाणि मद चंद कंठ भुजंग शोभित, तन भस्म देखते डोलत धरा। मृगछाल धार कालों के काल, शोभित कर शूल निकलें जटा से सुरसुरि धरा।। नर,नाग, किन्नर,सुर-असुर, गंधर्व, ऋषि, मुनि देखैं दिगम्बरा।... Poetry Writing Challenge-2 · Best Hindi Kavita · Best Hindi Poetry · Vivek Saswat · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Shukla 158 Share Vivek saswat Shukla 15 Feb 2024 · 1 min read बचपन मेरा भी एक बचपन था, छोटा था मैं अल्हड़पन था,, मैं भी एक छोटा लड़का था, मेरा भी एक बचपन था। कुछ सपने थे जो भूल गया हूं, कुछ यादें... Poetry Writing Challenge-2 · Best Hindi Kavita · Top Hindi Poetry · Vivek Saswat · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Shukla 217 Share Vivek saswat Shukla 24 Jan 2024 · 1 min read राही भूख प्यास सब त्याग सदा, चलता राही राहों पर,, चलता है खुद का शव लेकर, राही अपने कंधों पर। स्वयं स्वयं में विलीन होकर, अंत ढूंढने चलता है।। निकल शून्य... Poetry Writing Challenge-2 · Best Hindi Kavita · Best Hindi Poetry · Top Hindi Poetry · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Shukla 112 Share Vivek saswat Shukla 24 Jan 2024 · 2 min read अवध हैं राम राम का देश यही, तुलसी का है उपदेश यही। यही भागीरथ परिपाटी है, हां यही अवध की माटी है।। है धाम पुण्य यह धामो का, श्रीरघुवर के बलिदानों... Poetry Writing Challenge-2 · Best Hindi Kavita · Vivek Saswat · Vivek Saswat Kavita · Vivek Saswat Shukla · अयोध्या 107 Share