Vivek saswat Shukla Tag: 25 कविताएं 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vivek saswat Shukla 15 Feb 2024 · 1 min read पार्थगाथा प्रातः हाथी सजे हुए थे, घोड़े कुछ घबराए थे,, मानो रणभूमि मध्य स्वयं यम, कौतूहल करने आये थे। रक्तपिपासी तलवारें, गर्दन को देख रही थी,, धरा रक्त पीने को, माधव... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · विवेक शाश्वत · विवेक शाश्वत शुक्ल · हिंदी है · हिंदी-साहित्य 76 Share Vivek saswat Shukla 15 Feb 2024 · 1 min read श्री शूलपाणि मद चंद कंठ भुजंग शोभित, तन भस्म देखते डोलत धरा। मृगछाल धार कालों के काल, शोभित कर शूल निकलें जटा से सुरसुरि धरा।। नर,नाग, किन्नर,सुर-असुर, गंधर्व, ऋषि, मुनि देखैं दिगम्बरा।... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · विवेक शाश्वत · विवेक शाश्वत शुक्ल · हिंदी-साहित्य 80 Share Vivek saswat Shukla 1 Feb 2024 · 1 min read गांव की झोपड़ी है नमन तुम्हें यै पवित्र मिट्टी, मन से लिपटी तन से लिपटी,, नमन तुम्हें ये पवित्र मिट्टी। लहक रहे सरसों के फूल, महक रही है उड़ती धूल। महक रहे वाटिका... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कवि विवेक शाश्वत · गांव की याद · विवेक शाश्वत · हिंदी साहित्य परंपरा 60 Share Vivek saswat Shukla 1 Feb 2024 · 1 min read जीवन (एक पथ) संघर्षों के बड़े शिखर हैं, पथ पर मेरे अड़े खड़े हैं,, चलना मुश्किल अब राहों पर, पैरों में कांटे गड़े पड़े हैं। कर्तव्य पथ से जो मुंह फेर, वे कायर... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · विवेक शाश्वत · हिंदी साहित्य परंपरा · हिंदी है हम 80 Share