Vivek saswat Shukla Tag: मजदूर 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Vivek saswat Shukla 1 Feb 2024 · 1 min read मजदूर नयनों से अश्रु बहते हैं, दिल में तूफान मचलता है,, हाथ बड़े मजबूत हमारे, लेकिन दिल बहुत पिघलता है। हम महलों के सुल्तान नहीं, झोपड़ी के अपने राजा हैं,, गौर... Poetry Writing Challenge-2 · Poem · मजदूर · विवेक शाश्वत · हिंदी साहित्य परंपरा · हिंदी है हम 105 Share