विनोद भारती व्यग्र 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विनोद भारती व्यग्र 13 Jun 2016 · 1 min read फासले उनसे नहीं थीं दूरियां मुझको गंवारा कभी, आए नहीं वो.. अर' यहां बढ़ते रहे फासले। Hindi · शेर 494 Share विनोद भारती व्यग्र 13 Jun 2016 · 1 min read वतन गि़ला ये नहीं है कि वो अर्ज़मंद हो गये, हमें तो गिला ये कि वो तर्क-ए-वतन हुये। Hindi · शेर 545 Share