VIMLESH KUMAR Mehta KUMAR 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid VIMLESH KUMAR Mehta KUMAR 27 Nov 2021 · 1 min read ज़िंदगी ये ज़िंदगी , हर कदम पे तू चलना सिखाती है, दर-दर भटकना भी तू ही सिखाती है, तू हँसाती भी है, तू रुलाती भी है, तू ही है जो मन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 329 Share