विकास श्रीवास्तव 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid विकास श्रीवास्तव 4 Feb 2021 · 1 min read "मिलन की आस" तुम जाओगी तो जाने न देंगे, जब भी रूठोगी कुछ गुनगुना देंगे, मुझे पता है तेरी सारी रहगुजरियाँ, कुछ तुमसे सीखेंगे कुछ सिखा देंगे। ऐसे क्यों नाराज़ होना हर बात... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 38 514 Share