Vikas srivastav 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vikas srivastav 4 Dec 2018 · 1 min read फिर से एक नयी राह मिल गयी फिर से एक नयी राह मिल गयी ऐसा लग रहा कि कोई सौगात मिल गयी अंधेरे से भरे इस दुनिया में एक रोशनी की छोटी आस मिल गयी जगमग सा... Hindi · कविता 208 Share Vikas srivastav 4 Dec 2018 · 1 min read कोई तो आये गले लगाये कोई तो आये गले लगाये दो पल जी भर आँसू बहाऊ, कितने दर्द है उसे बताऊ, बेचैन निगाहों को चैन दिलाये, कोई तो आये गले लगाये। आँखों में नमी दिन... Hindi · कविता 258 Share