VEDANTA PATEL Tag: कविता 43 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid VEDANTA PATEL 11 Dec 2021 · 1 min read *** " वक़्त : ठहर जरा.. साथ चलते हैं....! " *** ** ऐ गुजरते हुए वक़्त.. ठहर जरा.... मेरे करीब आ.... साथ चलते हैं । आने वाले इस पल को... हम दोनों साथ में गले लगाते हैं । खट्टे-मीठे यादों को....... Hindi · कविता 2 2 622 Share VEDANTA PATEL 29 Aug 2021 · 2 min read *** पेड़ : अब किसे लिखूँ अपनी अरज....!! *** * घने आबादी के घेरे , तेरे कुल्हाड़ी के ज़ोर प्रहार ; मेरे तन-मन और अंग-अंग को , कर गए कमजोर । तू है शायद...! विकास के कुछ नशे में... Hindi · कविता 552 Share VEDANTA PATEL 20 May 2021 · 2 min read *** " बरसात के मौसम में........!!! " *** ** बरसात में जब बरखा रानी आती है , तन-मन भीग जाती है , मन मचल जाये ऐसी , खुशियाँ अनमोल लाती है । सुखी-प्यासी धरती की प्यास भी बुझा... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 8 533 Share VEDANTA PATEL 13 Feb 2021 · 3 min read *** " एक और ख़त के इंतजार में........!!! " *** *** : कितने ख़त लिखा था मुझे , उसने.....! मेरे अबूझ दिल को रिझाने....! । थे ओ शायद आशिकी के , अज़ब-गज़ब अफ़साने परवाने......! । ख़तों में लिखे हर एक... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 64 515 Share VEDANTA PATEL 9 Jan 2021 · 2 min read *** " कोरोना : तू है कौन.......? " *** ** : तू है कैसा रोग , या है किसी का कोई अनैतिक प्रयोग । मानव के अंतरात्मा में कर गया है , तू कैसा वियोग । तू है अदृश्य... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 30 425 Share VEDANTA PATEL 31 Dec 2020 · 2 min read *** " अभिनंदन : - नव वर्ष........!!! " *** *** : नये बरस के , ऐ नूतन किरण नंदन ; आज मेरा , तूझे है कोटि-कोटि अभिनंदन । नवीनता की नव प्रभा से , मेरे उर में नव राग... Hindi · कविता 2 3 350 Share VEDANTA PATEL 4 Oct 2020 · 2 min read *** " लेकिन...! सिर्फ मेरी कविता हो तुम " *** *** :: कैसी विशिष्ट रचना हो तुम , प्रकृति की अनुपम देन हो तुम । नर की नारी हो तुम , माया की सरिता हो तुम । लेकिन..! सिर्फ मेरी... Hindi · कविता 2 4 378 Share VEDANTA PATEL 4 Oct 2020 · 1 min read *** " तितली : प्रकृति की अनुपम उपहार...!!! " *** *** :: ओ पतरीली , नभ न्यारी , जग प्यारी ; " तितली " है केवल नाम तुम्हारी । मंजू है मन , सुरभि है रंग ; " तिली "... Hindi · कविता 2 4 699 Share VEDANTA PATEL 2 Oct 2020 · 2 min read *** " पत्नी : अमर आत्मा की अनुबंध ...! " *** *** किसकी कल्पना हो तुम... कौन..? बताये मुझे..! कैसी विचित्र रचना हो तुम... संरचना, कौन..? समझाये मुझे..! दूर-दूर तक दौड़ाया नजर.. कोई सीमा कभी तय न कर पाया..! अनंत-असीम मेरे... Hindi · कविता 4 360 Share VEDANTA PATEL 2 Oct 2020 · 2 min read *** " महात्मा गांधी : आज की पुकार.......!!! " ***?????? *** :: धन्य-धन्य है वह धरा , जिस पर तू ने जन्म लिया । धन्य-धन्य है वह " माँ " अतुल्य , जिसने शांति के अग्रदूत को अपने गोद लिया... Hindi · कविता 2 292 Share VEDANTA PATEL 27 Sep 2020 · 3 min read *** " चिड़िया : घोंसला अब बनाऊँ कहाँ....??? " *** ***: बहुत ढूंढ़ी है मैंने... आज कई ठीकाना , पर.. बन न पाया मेरा , कोई एक आशियाना । गांवों में.... न कोई मिट्टी-खपरैल वाली छत देखा , जंगलों में...... Hindi · कविता 2 857 Share VEDANTA PATEL 13 Sep 2020 · 2 min read *** " हिंदी और हिंदी दिवस.........!!! " *** *** :: राष्ट्र की अभिलाषा हूँ मैं , भारत माँ की मधुर भाषा हूँ मैं । विद्या की एक पाठशाला हूँ मैं , हिमालय की किरीट , और हिन्दुस्तान की... Hindi · कविता 2 4 510 Share VEDANTA PATEL 5 Sep 2020 · 1 min read *** " गुरु...! गूगल दोनों खड़े काके लागूं पांय् .....? " *** *** आधुनिकता में कुछ भ्रम हुआ....... ; गुरु गूगल दोनों खड़े काके लागूं पांय् ......! आधुनिकता की सोच बन गई है ; गूगल इंजन को सर्च करो तो , सब... Hindi · कविता 1 4 336 Share VEDANTA PATEL 14 Aug 2020 · 2 min read *** " तिरंगा प्यारा.......!!! " *** ** तीन रंग का मैं , तिरंगा प्यारा ; लोगों के अरमान हूँ मैं , भारत की शान हूँ मैं । आजादी की अंगड़ाई लेकर ; ऊँचे आसमान पर ,... Hindi · कविता 3 6 385 Share VEDANTA PATEL 2 Aug 2020 · 3 min read *** "आज नदी क्यों इतना उदास है .......? " *** *** मैं नदी हूँ नदी , मुझे कुछ कहना है कहने दो......! सदियों से बहती रही , साथ सब कुछ लेकर मैं चलती रही ; आज भी मुझमें निर्मल नीर... Hindi · कविता 4 8 718 Share VEDANTA PATEL 10 May 2020 · 2 min read *** " माँ........तूझे मैं क्या लिखूँ.........!!! " *** *** प्रकृति की , अतुल्य रचना है तू । संस्कृति की , अनमोल संरचना है तू । जगत की , जनन बिंदु है तू । अनुपम ममता की , संसार... Hindi · कविता 3 4 570 Share VEDANTA PATEL 24 Apr 2020 · 1 min read *** " अलविदा कह गया कोई........!!! " *** *** अज़नबी हूँ शायद , अनाड़ी बना गया कोई । मीठे-मीठे बातें बोल , फ़रेब का गुल खिला गया कोई । चमन की अनुपम लाली , नरमी-नरमी , मखमली ;... Hindi · कविता 490 Share VEDANTA PATEL 21 Apr 2020 · 3 min read *** " बूढ़ी माँ की ओ बातें......!!! " *** *** कुछ अटपटी , कुछ चटपटी ख़बर सुनाता हूँ ; आओ आज एक हकीकत से परिचय कराता हूँ । नई-नई डगर थी , और बस की सफर थी। मैं भी... Hindi · कविता 1 2 842 Share VEDANTA PATEL 12 Apr 2020 · 2 min read *** " विवशता की दहलीज पर , कुसुम कुमारी....!!! " *** *** असीम रौनक , नत नयन , रेशम-सी बाल , बिखरी हुई ; आँखों में अश्कों की अविरल धारा बह रही । बैठी बे-पनाह ओ , जग से करती फरियाद... Hindi · कविता 1 4 529 Share VEDANTA PATEL 6 Apr 2020 · 2 min read *** " एक अनुप्रयोग......!!! " *** # कोई बड़ा हो या छोटा , सबका अपना एक अस्तित्व होता है । लेकिन....! '" मय " का सफर , और अहंकार का डगर , पतन के साथ गर्त... Hindi · कविता 3 624 Share VEDANTA PATEL 21 Mar 2020 · 1 min read *** " तेरे साये में गुजरती जिंदगी......! " *** ## कहती है कुछ .....! , ये नदी , नाले और ये चमन-झरनें । हम सब हैं , प्रकृति की सगी बहनें ।। हमें ना बिखरो तुम । हमें ना... Hindi · कविता 422 Share VEDANTA PATEL 16 Mar 2020 · 2 min read *** " नाविक ले पतवार....! " *** # भोर हो चला है , कश्ती संवार ; नाविक ले हाथों में पतवार । चल आगे बढ़ , सागर की लहरों को चीर , कर उस पर वार ।... Hindi · कविता 1k Share VEDANTA PATEL 14 Mar 2020 · 3 min read *** " नदी तट पर मैं आवारा..!!! " *** # नीम की पेड़... ओ नदी का किनारा...! अपने ही विचारों में खोया... ये मन आवारा...! विकास की गति कहूँ ... या प्रगति का पथ कहूँ...! कितना अजीब है.... मेरे... Hindi · कविता 2 896 Share VEDANTA PATEL 10 Mar 2020 · 1 min read *** " होली के रंग में......! " *** # : आओ मिलकर खेलें होली , सब एक-दूजे के संग। हर घर में खुशियों की शोर मचे , जैसे कोई प्रेम रंग तरंग। हर गलियों में बजे नगाड़े-ढोल, और... Hindi · कविता 259 Share VEDANTA PATEL 25 Feb 2020 · 3 min read *** " मन चला क्यों...? मधुशाला की ओर....! " *** # : कैसा अज़ब है यह आज का दौर , टूट रहा अब सद्भावना की डोर। बिखरता संबंध , विचलित मन , सिमटता ये प्रेम-बंधन ; और गुंजता अब ,... Hindi · कविता 1 369 Share VEDANTA PATEL 16 Feb 2020 · 2 min read *** "" बारिश की बूंदें , प्रकृति और मैं.....! "" *** # उष्ण वाष्प से , मैं गगन छू जाऊँ ; शीतलता से , मनुहार-तुषार बूंदें बन जाऊँ । बहती मंद-मंद शीतल हवाओं से मिल , मनभावन-शीतल समीर हो जाऊँ। पहाड़ी... Hindi · कविता 2 259 Share VEDANTA PATEL 11 Feb 2020 · 2 min read *** " हमारी इसरो शक्ति...! " *** * सोंच के पंखों से हमने , उड़ना कैसे है , अंतरिक्ष में... ; सबको दिखा दिया । अकेले राहों पर चलना है कैसे... , अब हमने दुनिया को बता... Hindi · कविता 1 417 Share VEDANTA PATEL 9 Feb 2020 · 2 min read *** " बसंती-क़हर और मेरे सांवरे सजन......! " *** * नहीं न नहीं आज रुठो साजन..! , कंचन साज में सज-धज आई है बसंती , मेरे हृदय घर आंगन..। यही है एक पावन मिलन की बेला.. , शायद...! जिसे... Hindi · कविता 3 1 757 Share VEDANTA PATEL 9 Feb 2020 · 2 min read *** " मनचला राही...और ओ...! " *** * कटनी तक , बिलासपुर से ; ट्रेन का एक सफ़र था। मौसमी बारिश की " फुहार " , और मस्तमय क़हर था। ट्रेन की चाल , औसत से ;... Hindi · कविता 2 2 497 Share VEDANTA PATEL 9 Feb 2020 · 2 min read *** " पुकार मेरे मन की....... एक औरत " *** * ओ मेरे सांवरे सजन , सुन ले एक विरहणी के मन। तरस रही है अंतर्मन , पाने को तेरे एक दर्शन ; निर्मल हो जायेगा , ये पुलकित चितवन।... Hindi · कविता 1 2 523 Share VEDANTA PATEL 8 Feb 2020 · 2 min read *** " कच्चे मकान ......! " *** * मकान कच्चे थे , पर अपने इरादे बुलंद और पक्के थे। न कोई चाह , और न ही कोई अपना सपना ; पर.. जिन्दगी के सफ़र बहुत ही अच्छे... Hindi · कविता 1 2 947 Share VEDANTA PATEL 29 Jan 2020 · 1 min read *** " निर्झर........!!! " *** * कल-कल -छल-छल बहती तू , हे निर झर निर्मल । न गरल , अति सरल , हो प्रबल , तू बहती सतत्-अविरल ।। न जाने कितने चट्टान-शिखर , तेरे... Hindi · कविता 2 322 Share VEDANTA PATEL 27 Jan 2020 · 3 min read *** " पागल पथिक...........!!! " *** ## : मेरे चंचल मन में एक भ्रम था , विचारों में चिंतन का अनवरत क्रम था। क्या है...? , " जीवन " जीने का आधार ; कैसे होना है...?,... Hindi · कविता 1 2 697 Share VEDANTA PATEL 19 Jan 2020 · 2 min read *** " आओ सोंच के देखें जरा........! " *** * जिंदगी के कई रंग देखो , बे-तुका जीवन जीने के ढंग देखो। कहीं है , मौज-मस्ती ; कहीं-कहीं है, मौत सस्ती । फर्राटे से चलते हैं , अपने आप... Hindi · कविता 2 620 Share VEDANTA PATEL 18 Jan 2020 · 2 min read *** " हम तीन मित्र .........! " *** * मेरे दो मित्र , शेखर और विशाल , तीसरा मैं स्वयं काँजीलाल । थे ' माँ-बाप ' के एक अकेला-लाड़ला संतान , और मूर्खता में भी थे अति महान।... Hindi · कविता 2 309 Share VEDANTA PATEL 16 Jan 2020 · 2 min read *** " नसीहत - ऐ - पाक.......! " *** ऐ मेरे प्यारे वतन , ऐ मेरे प्यारे सजन। कर ले तू अपनी जतन , सजा ले अपनी धरती - चमन। सदा ही पैग़ाम रहा है, और सदा ही रहेगा... Hindi · कविता 2 551 Share VEDANTA PATEL 15 Jan 2020 · 2 min read *** " हौंसले तुम्हारे और मेरे प्रयास.......! : ISRO " *** * है अदम्य हौंसले तुम्हारे , और मेरे अथक प्रयास । न हो , हिन्दुस्तानी भाई ; आज तुम , गुमसुम-सा उदास। ठान ली है जो हमने , घर बसाना... Hindi · कविता 613 Share VEDANTA PATEL 14 Jan 2020 · 2 min read *** " आधुनिकता के असर.......! " *** * न रहा अब जंगल , अब न रहा ओ अमरैय्य की शीतल छांव। न झरनों की कल-कल छल-छल , और न..ही नदी पर बहती अब नाव। न कहीं पीपल... Hindi · कविता 2 823 Share VEDANTA PATEL 12 Jan 2020 · 2 min read *** " मन मेरा क्यों उदास है....? " *** * हम सब पास-पास हैं , फिर क्यों...? मन मेरा इतना उदास है । चाँद और सूरज भी आस-पास है , जो अनंत किरणों के विन्यास हैं । सुरम्य शाम... Hindi · कविता 4 743 Share VEDANTA PATEL 11 Jan 2020 · 3 min read *** " हमारी धरोहर : पेड़-पौधे और मैं...! " *** *** प्रकृति की अनमोल रचना हो तुम , प्रकृति की अतुल्य संरचना हो तुम । प्रकृति की अनुपम देन हो तुम , प्राकृतिक संपदा में अमूल्य निधि हो तुम ।... Hindi · कविता 2 619 Share VEDANTA PATEL 3 Dec 2018 · 2 min read *** " एक ख़त : जो शाम आया.......!!! " *** * * एक ख़त , ( " एक युवा बेरोजगार को .. ! ") जो शाम आया ; पढ़ा ओ ख़त..., अपना नाम पाया। ख़ुशी से झूम उठा , और... Hindi · कविता 380 Share VEDANTA PATEL 3 Dec 2018 · 2 min read *** एक आव्हान : प्रकृति की ....! ** * एक पेड़ लगा कर तो देख....!, " ओ एक से अनेक हो जायेगा , बारिश बहुत कर जायेगा । चट्टानों में हरियाली नज़र आयेगा , बंजर में भी फसल... Hindi · कविता 1 2 540 Share VEDANTA PATEL 9 Nov 2018 · 2 min read मां **** प्रकृति की अतुल्य रचना है तू , संस्कृति की अनमोल संरचना है तू । जगत की जनन बिंदु है तू , अनुपम ममता की संसार और सिंधु है तू... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 27 537 Share