VEDANTA PATEL 95 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid VEDANTA PATEL 10 Mar 2024 · 1 min read *** लहरों के संग....! *** "" समुद्र के तट पर... लहरों के अजनबी शोर तरंग संग...! दुनिया से बेख़बर मीत उमंग...!! मतवाले नंद किशोर... कभी सुखी, कभी गीली रेत पर...! सांसों से बंधी ये बंधन... Hindi 30 Share VEDANTA PATEL 21 Feb 2024 · 1 min read *** कुछ पल अपनों के साथ....! *** "" चल चाचा जी... कुछ पल यहां गुजार लें.....! कदम-कदम पर उलझनों के फेरे हैं, ऊल-जलूल बातों से घिरे हम मिट्टी के ढेर हैं ; शायद..! ये कल,रहे या न... Poetry Writing Challenge 48 Share VEDANTA PATEL 21 Feb 2024 · 1 min read *** पुद्दुचेरी की सागर लहरें...! *** " पुद्दुचेरी के तट पर बैठा आवारा मन... देखता नजर नीला आसमान...! कानों में शोर मचाते हवाओं के जोर.. और विभिन्न विचारों के हिलोर...! फिर देखा मैंने, सागर के उन... Poetry Writing Challenge 395 Share VEDANTA PATEL 20 Feb 2024 · 1 min read *** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! *** "" तुम उगना चाहते हो... और मैं बढ़ना चाहता हूँ...! तुम एक से अनेक... और मैं केवल संवरना चाहता हूँ...! तुम और मैं... हैं एक ओस-बूंद की तरह...! हम मिलेंगे,... Poetry Writing Challenge 1 48 Share VEDANTA PATEL 20 Feb 2024 · 1 min read *** अरमान....!!! *** "" चल फिर दो कदम चलते हैं... जिंदगी के किताब को फिर पढ़ते हैं...! कुछ दिन पहले का ये सफ़र... बस यूं ही कैसे गुजर गए, कोई अनुमान नहीं...! कुछ... Poetry Writing Challenge 43 Share VEDANTA PATEL 18 Feb 2024 · 1 min read *** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! *** "" प्रेम रंग ऐसा हो... राधे-माधव जैसा हो...! नयन दृष्टि से अगोचर... न किसी तृष्णा का असर...! आंखों पे, ना नजर हो... प्रेम में केवल कृष्ण ही रंग हो...! सूरत... Poetry Writing Challenge 56 Share VEDANTA PATEL 18 Feb 2024 · 1 min read *** बचपन : एक प्यारा पल....!!! *** "" बचपन भी...! कितना प्यारा पल है...!! वर्तमान के संदर्भ में कहें तो...! हर किसी का गुज़ारा हुआ कल है...!! न किसी से, अपनेपन का भाव...! न किसी से परायेपन... Poetry Writing Challenge 33 Share VEDANTA PATEL 18 Feb 2024 · 1 min read *** सैर आसमान की....! *** "" आ चल विज्ञान-परी से... आसमान की सैर करते हैं...! चल अपने अरमान को... नील गगन में गढ़ते हैं...! नई विकल्प से, नये संकल्प... चल आसमानी रंग में रंगते हैं....!... Poetry Writing Challenge 36 Share VEDANTA PATEL 18 Feb 2024 · 1 min read *** बिंदु और परिधि....!!! *** """ बिंदु.....! ( प्रेम प्रतिक ) , न कोई लंबाई, चौड़ाई, ऊंचाई... और न कोई माप...! न कोई आकार, आकृति, आयतन, क्षेत्रफल... और न कोई परिणाम...! एक "बिंदु" केंद्र बन...... Poetry Writing Challenge 47 Share VEDANTA PATEL 18 Feb 2024 · 1 min read *** हम दो राही....!!! *** "" कुछ साल पहले की ये सफ़र... न था पहले से, कुछ खबर...! न मुझे पता, न तुम्हें पता भी कुछ पता.. है ये कैसा डगर..! लेकिन...! चल पड़े, हम... Poetry Writing Challenge 49 Share VEDANTA PATEL 18 Feb 2024 · 1 min read *** मेरा पहरेदार......!!! *** """ न कोई रिश्ता... न कोई रिश्तेदार...! न कोई सगा-संबंध... न आस-पास-पड़ोस के मित्र-यार...! न जाने कहां से तू आया... हिलाता हुआ पूंछ, दोस्ती का अहसास दिलाया...! पल भर में... Poetry Writing Challenge 38 Share VEDANTA PATEL 17 Feb 2024 · 1 min read *** एक दौर....!!! *** " एक दौर गया... एक दौर फिर आया...! तब क्या खोया... और अब क्या पाया...? कुछ हिसाब-किताब नहीं... बस मस्ती से हर दौर में मुस्कूराया...! राहें बनती रहीं... और मैं... Poetry Writing Challenge 28 Share VEDANTA PATEL 17 Feb 2024 · 1 min read *** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! *** """ माँ...! तेरी रचना का ही... मैं एक आकार हूँ...! तेरी अतुल्य ममता में ही पल्लवित... मैं एक अलंकार हूँ...! तेरी अक्षुण्ण गोद में आकर, मन पुलकित और... तन चंचल... Poetry Writing Challenge 42 Share VEDANTA PATEL 16 Feb 2024 · 1 min read *** तस्वीर....!!! *** "" किसी न किसी जज़्बात की... एक निशानी होती है तस्वीर...! कितना कुछ जुड़ा होता है... अंतःकरण मन में उद्भव विचार...! और पांव पसारते... ये समय के अनवरत चाल, धुंधली... Poetry Writing Challenge 40 Share VEDANTA PATEL 16 Feb 2024 · 2 min read *** हमसफ़र....!!! *** "" आ साथ चलते हैं... प्रीत के रंग गढ़ते हैं, न जाने इस सफ़र का, है अंत कहाँ...? एक कदम तेरा होगा... एक कदम मेरा होगा, दम-खम कोशिश पुरजोर... कुछ... Poetry Writing Challenge 55 Share VEDANTA PATEL 10 Feb 2024 · 1 min read *** चल अकेला.....!!! *** "" न आयेगा कोई मदद करने इधर... बस कुछ रोशनी के इशारे होंगे...! पांवों में होंगे थकान... मन भी होगा कुछ परेशान...! नज़रों में उम्मीद के झलक भी... ओझल होने... Poetry Writing Challenge 32 Share VEDANTA PATEL 10 Feb 2024 · 1 min read *** लम्हा.....!!! *** "" कभी एक लम्हा ऐसा भी आता है... जिसमें बीता हुआ कल नजर आता है...! बस यादें ही रह जाती है, एक दृश्य बनकर... याद करने के लिए...! और... वक्त... Poetry Writing Challenge 1 33 Share VEDANTA PATEL 8 Feb 2024 · 1 min read *** आशा ही वो जहाज है....!!! *** """ सुनकर मेरी सपने... बस, दुनिया सारी हंसती है...! बिन पंखों वाली कहकर, मुझको... सब, ताने देने देती रहती है...! क्यों कहती है, ये सब दुनिया... शायद इसका न कोई... Poetry Writing Challenge 46 Share VEDANTA PATEL 8 Feb 2024 · 1 min read *** पल्लवी : मेरे सपने....!!! *** "" मैं पंछी बन उड़ना चाहती हूँ... उस अनंत आकाश को छूना चाहती हूँ...! जहां मेरे सपने को उड़ान मिले... मेरे शक्ति, मेरे हौसले की पंख को, एक पहिचान मिले...!... Poetry Writing Challenge 61 Share VEDANTA PATEL 4 Feb 2024 · 1 min read *** चंद्रयान-३ : चांद की सतह पर....! *** "" राहें पनघट की... आसान हो सकती है...! सैर पर्वतों की... आसान हो सकती है...! मगर ये सैर है... चांद की ध्रुवीय सतह पर..., इतना आसान नहीं, ये हो सकती... Poetry Writing Challenge 61 Share VEDANTA PATEL 4 Feb 2024 · 1 min read *** सफलता की चाह में......! *** "" सुबह के उजाले में... कुछ ख्वाब जग रहे थे...! चल पड़ा अकेले, साकार करने उसे... कदम, कुछ लड़खड़ाते बिखर रहे थे...! रास्ते पर अकेला सफ़र... कुछ कठिन और असंभव... Poetry Writing Challenge 52 Share VEDANTA PATEL 28 Jan 2024 · 1 min read *** अहसास...!!! *** "" अहसास हूँ मैं... दिखता नहीं, पर आस-पास हूँ...! मन में विचरण कर... वजूद पर छा जाता हूँ...!! मेरे पीछे कुछ कदम चल... मुझे या मेरे चाल को, कभी पकड़... Poetry Writing Challenge 55 Share VEDANTA PATEL 28 Jan 2024 · 1 min read *** कभी-कभी.....!!! *** "" कभी-कभी सोचा करती हूँ मैं... मेरा-तेरा साथ कब तक है, पता नहीं...! हम में विकास की नशा इतनी प्रबल है... कब कम होगा, कुछ पता नहीं...! यदि तुम न... Poetry Writing Challenge 66 Share VEDANTA PATEL 28 Jan 2024 · 1 min read *** मन बावरा है....! *** "" मन में, कुछ आस है... मन में न जाने क्यों...? कुछ और अधिक प्यास है...! हलचल सी झलक है कुछ... मेरे मन की चाह में...! आहट सी है कुछ...... Poetry Writing Challenge 46 Share VEDANTA PATEL 28 Jan 2024 · 1 min read *** आकांक्षा : आसमान की उड़ान..! *** "" अनुमान, लक्ष्य, साधना-संकल्प... धारणा, लगन, संसाधन-विकल्प... और एक आश एक विश्वास...! पर्वत से ऊँची राह... अपने मन से ही बातें होती.. अपने मन की है एक कल्पना, और लगन... Poetry Writing Challenge 54 Share VEDANTA PATEL 28 Jan 2024 · 1 min read *** सागर की लहरें....! *** "" न जाने वो कौन सी बात है , जो सागर की लहरें... मुझसे कुछ कह जाती है...! धीरे-धीरे कुछ पल में... मेरे पांव तल से रेत सरक जाती है...!... Poetry Writing Challenge 1 2 61 Share VEDANTA PATEL 18 Nov 2023 · 1 min read *** सिमटती जिंदगी और बिखरता पल...! *** " आज क्यों, मैं स्वच्छंद नहीं...? आज क्यों, मैं स्वतंत्र नहीं...? टिक-टिक करते... सरकती हुई ये पल...! दिन-तारीख-महीनों के सीमाओं में... गुजरता हुआ ये आज और कल...! बोझ तले बढ़ते... Hindi 146 Share VEDANTA PATEL 14 Nov 2023 · 1 min read *** एक दीप हर रोज रोज जले....!!! *** " हर घर... हर द्वार... फूलों से महकती सारा संसार मिले..! रोशनी से चमकता हर द्वार... हर रोज एक दीप जले...! दीया और बाती का मिलन... दुःखी मन को कुछ... Hindi 1 99 Share VEDANTA PATEL 26 Sep 2023 · 1 min read *** आकांक्षा : एक पल्लवित मन...! *** " कहती है बेटी पांव पसार... मुझे चाहिए प्यार-दुलार...! मैं हूँ बे-जोड़ रचना की... एक अनमोल आकार...! प्राकृत मन की... हूँ मैं, एक अनुपम उपहार...! कलियों की तरह, इस दुनिया... Hindi 65 Share VEDANTA PATEL 15 Sep 2023 · 1 min read *** तस्वीर....! *** " किसी न किसी जज़्बात की... एक निशानी होती है ये तस्वीर..! कितना कुछ जुड़ा होता है... अंतःकरण मन में उद्भव विचार..! और पांव पसारते... ये समय के अनवरत चाल..,... Hindi 174 Share VEDANTA PATEL 9 Sep 2023 · 1 min read *** रेत समंदर के....!!! *** " माना कि कुछ सुकून है... इस किनारे पर...! शीतल हवाओं के कुछ इशारे भी हैं... इस किनारे पर...! मगर कहता है... ये रेत समंदर के...! मत देख सपने इस... Hindi 292 Share VEDANTA PATEL 9 Sep 2023 · 1 min read * रेत समंदर के...! * * रेत समंदर के...! * " माना कि... कुछ सुकून है, इस किनारे पर..! शीतल हवाओं के इशारे भी हैं, इस किनारे पर..? मगर कहता है... ये रेत समंदर के...... Quote Writer 75 Share VEDANTA PATEL 9 Sep 2023 · 1 min read *** सफ़र जिंदगी के....!!! *** " इस सफ़र के छोर कहाँ तक है... कुछ पता नहीं....! ये बंधन के डोर मजबूत है कितनी... कुछ पता नहीं....! ये सांसों के स्पंदन कब तक है... कुछ पता... Hindi 117 Share VEDANTA PATEL 1 Sep 2023 · 1 min read " ये धरती है अपनी... " ये धरती है अपनी... ये अंबर है अपनी...! और चाँद में... ओ " शिव-शक्ति " आंगन भी है अपनी..! अब है आदित्य मिशन हमारी... चाचा सूरज से मिलने की... Hindi · Quote Writer 207 Share VEDANTA PATEL 26 Aug 2023 · 1 min read *** मेरे सायकल की सवार....! *** " गौर से देख... ओ कुटिल राष्ट्र (विदेशी)...! मत रख अपने दिल में... ऐसे कोई विचार..., जैसे दृष्टि-अंध धृतराष्ट्र..! हम सायकल पर हो सवार... आज कर गए चाँद की दरिया... Hindi 191 Share VEDANTA PATEL 26 Feb 2023 · 1 min read *** " ये दरारों पर मेरी नाव.....! " *** " जब तक था मैं , जल तल में... होकर मुझ पर सवार...; चल पड़ते थे गतंब्य को , हर यार..! कुछ ख़फा लहरों के ज़ोर... कर गए किनारे मुझे...;... Hindi 203 Share VEDANTA PATEL 25 Feb 2023 · 1 min read *** " कभी-कभी...! " *** * " कभी-कभी सोचा करती हूँ मैं... तेरा-मेरा साथ कब तक है , पता नहीं..! हम में विकास की नशा इतनी प्रबल है... कब कम होगा , कुछ पता नहीं..!!... Hindi 304 Share VEDANTA PATEL 17 Dec 2022 · 1 min read *** " मन बावरा है...!!! " *** * " मन में , कुछ आस है... मन में , न जाने क्यों...? कुछ और अधिक प्यास है...! हलचल सी झलक है कुछ... मेरे मन की चाह में...? आहट... Hindi 309 Share VEDANTA PATEL 11 Dec 2022 · 1 min read *** " मनोवृत्ति...!!! *** " जरा सा मन बहकता है मेरा.. बस चले आता हूँ मैं यहाँ...! कुछ ख़्वाब-ख़्यालों से मेरा.. बस मन संवर जाता है यहाँ...! इरादा है कुछ.. बहुत दूर तक चले... Hindi 200 Share VEDANTA PATEL 9 Dec 2022 · 1 min read *** " एक छोटी सी आश मेरे..! " *** " एक छोटी सी मेरी आशा चंचल... कहती है मुझे... चल अब चल, विंध्याचल..! कुछ प्यास रख जिंदगी में... एक हौसले और अदम्य साहस... साथ रख जिंदगी में..! सब कुछ... Hindi 158 Share VEDANTA PATEL 28 Oct 2022 · 1 min read *** सागर की लहरें........!!! *** *** न जाने ओ कौन-सी बात है , जो सागर की लहरें... मुझसे कुछ कह जाती है..! धीरे-धीरे कुछ पल में.... मेरे पांव तल से रेत सरक जाती है..!! कभी... Hindi 1 2 178 Share VEDANTA PATEL 17 Jul 2022 · 1 min read *** चल अकेला.......!!! *** " न आयेगा कोई इधर मदद करने ... बस कुछ रोशनी के इशारे चलने होंगे.....! पांवों में होंगे थकान.... मन भी होगा कुछ परेशान.....; नजरों में उम्मीद के झलक भी...... Hindi 1 2 259 Share VEDANTA PATEL 12 Jul 2022 · 1 min read *** तेरी पनाह.....!!! *** " देख आज भी है... कुल्हाड़ी के कितने प्रहार....! लेकिन अब भी है... प्रकृति की छटा बरकरार....!! न कोई बंधन है , हम से... न है , कोई करार....! आज... Hindi 2 2 429 Share VEDANTA PATEL 31 Dec 2021 · 2 min read *** " ओ मीत मेरे.....!!! " *** *** आ मिल कर साथ चलते हैं , इस राह (जिंदगी ) पर... ; चल कुछ नव-निर्माण करते हैं , इस राह पर...! कौन जाने इस सफ़र का , है... Hindi · कविता 473 Share VEDANTA PATEL 11 Dec 2021 · 1 min read *** " वक़्त : ठहर जरा.. साथ चलते हैं....! " *** ** ऐ गुजरते हुए वक़्त.. ठहर जरा.... मेरे करीब आ.... साथ चलते हैं । आने वाले इस पल को... हम दोनों साथ में गले लगाते हैं । खट्टे-मीठे यादों को....... Hindi · कविता 2 2 525 Share VEDANTA PATEL 29 Aug 2021 · 2 min read *** पेड़ : अब किसे लिखूँ अपनी अरज....!! *** * घने आबादी के घेरे , तेरे कुल्हाड़ी के ज़ोर प्रहार ; मेरे तन-मन और अंग-अंग को , कर गए कमजोर । तू है शायद...! विकास के कुछ नशे में... Hindi · कविता 486 Share VEDANTA PATEL 8 Aug 2021 · 1 min read *** " तुम आंखें बंद कर लेना.....!!! " *** ** उजालों में.. , जब कोई नज़र न आए....! , मुश्किल घड़ी में... , जब किसी का साथ छुट जाए...!! मन की आश जब कभी.. बिखर जाए....! , अगर तुमको...... Hindi · कविता 2 556 Share VEDANTA PATEL 11 Jul 2021 · 1 min read *** " आ लौट चलें हम......!!! " *** *** आ लौट चलें हम... ! उस गांव की ओर.... उस जंगल की ओर... , जहां हमें सामाजिकता की एक परिभाषा मिला । जहां हमें तन ढकने की एक विचार........ Hindi · कविता 314 Share VEDANTA PATEL 11 Jul 2021 · 1 min read *** " एक आवाज......!!! " *** *** कहती है कुछ.... नदी , नाले और झरनें । हैं हम सब..... प्रकृति के भाई और बहनें । हमें न बिखरो तुम... विकास के नशे में झूम , हो... Hindi · कविता 357 Share VEDANTA PATEL 4 Jul 2021 · 2 min read *** " पापा जी उन्हें भी कुछ समझाओ न...! " *** *** कई बार कही है मैंने पापा से.. उन्हें भी कुछ समझाओ न , जिनकी निगाहों में , एक बोझ हूँ मैं..! जिनके विचारों में अपयश की.. , एक किस्सा... Hindi · कविता 1 712 Share Page 1 Next