Varun Singh Gautam Tag: कविता 187 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Varun Singh Gautam 21 Dec 2022 · 1 min read कितना सत्य है ! लोग ठहरते नहीं रूकते नहीं बीती हुई चक्र में स्थिति चाहे कुछ भी हो अब कान्ति दिखती नहीं जहाँ दिखती है वहाँ परिस्थिति धुन्ध जाती परिक्रमा करूं तो इच्छा होगी... Hindi · कविता 131 Share Varun Singh Gautam 20 Dec 2022 · 1 min read कवित्त मैं दिवाना था, हूँ, रहूंगा तूझे पा नहीं सका किन्तु तुम्हारे ही पीछे सदा रहूंगा एक पागल या प्रेमी बनके कल्पनाएं में भी तुझे ही स्मरण करूंगा फिर भी तू... Hindi · कविता 180 Share Varun Singh Gautam 29 Nov 2022 · 1 min read स्पन्दन एक स्पन्दन की टूटी सांसें, पर प्रस्फुटन हो फिर चकाचौंध में उसकी स्मृतिचिह्नों के कदम ताल पर कौन धराधर ओ लताएं बैरी करें इसे हर कोई दंडवत रह रह इसे... Hindi · कविता 154 Share Varun Singh Gautam 28 Nov 2022 · 1 min read मेरी सम्पूर्ण तुम्हारे पीछे की ओट से तुम्हें मैं खुद में पाता हूं समर्पण लिए सशरीर एक बार समिलन को नव्य सृजन सृष्टि को लूं थाम, करूं प्रस्फुटन जिसमें मैं तू को... Hindi · कविता 1 179 Share Varun Singh Gautam 27 Nov 2022 · 1 min read ये अन्धेरी रात ये अन्धेरी रात मायूसी - सी चुपचाप कोने में चित्कार कर रही पुकार रही मानों जैसे हो बचाने को पर कोई नहीं सिर्फ दिख रहें इनके आंशू की तेज धार... Hindi · कविता 168 Share Varun Singh Gautam 26 Nov 2022 · 1 min read गाँव की शामें गाँव की शामें झोंपड़ीनुमा आकृतियाँ मोनू के घर की शान्त वातावरण गऊ, भैंस गाछी से चरके लौटती घर को ढ़लान से आती वो बथान को बगल में नीम का पेड़... Hindi · कविता 164 Share Varun Singh Gautam 26 Nov 2022 · 1 min read ठिठुर ठंड - ठंड हवा के झोंके आई ये शीतलहर चहुंओर लगती जब लहर-लहर के बदन पड़ जाती शिथिल सब घर-घर कोने में दुबके मुँह से कुछ न कुछ बोलते ठिठुरन,... Hindi · कविता 1 141 Share Varun Singh Gautam 25 Nov 2022 · 1 min read कवित्त तुम्हारी वासनाओं के तुझे पाने को तुझमें ही समाना प्रिय मुझे। तुम्हारी शरीर के प्रश्नचिह्न पर स्पर्श होने की ख्वाहिश मन में, भावनाओं में गंग - सी बहना प्रिय मुझे।... Hindi · कविता 1 177 Share Varun Singh Gautam 20 Nov 2022 · 1 min read हूं कौन भला! हूं कौन भला! """''"'''''''''''"""'''"''''''''''''''''' मैं थका हूँ अपने हार से.. अफ़सोस भी है पर कौन भला ! यहां कोई हमारा है। राहों से चला पर यहां असमंजस है लेकिन हूँ... Hindi · कविता 2 1 185 Share Varun Singh Gautam 17 Nov 2022 · 1 min read फोन है फोन तो फोन है फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर के नाम यूट्यूब की जवानी है मैसेज का हाल वाट्सएप टिपीर-टिपीर लिंकिंन जाॅब के तलाश क्रोम गूगल ब्राउज़र बोलूं तो खोजूं बाबा हैं........ Hindi · कविता 277 Share Varun Singh Gautam 16 Nov 2022 · 1 min read आत्मशून्य मैं आत्मशून्य मैं होना चाहता कबसे! एक वक्त विस्मृत-सी स्मृतियाँ की गीत गूंजायमान है.. निरन्तर, इसे समरशेष बचे हैं धनञ्जय के स्वर! देवदत्त नामक शंखनाद घनघोर भूतलाकाश तक प्रतीतमान् प्रदीप्त-सी देखो... Hindi · कविता 94 Share Varun Singh Gautam 15 Nov 2022 · 1 min read सब भूलेंगे जरूर दिन / रात एक दिन कटेंगें जरूर मंजिल भी आएंगी सब भूलेंगे जरूर एक दिन सफर के रास्ते ख़त्म होंगें जरूर किसकी तलाश हैं ? अपने शाश्वत आकक्षाओं के मिटा... Hindi · कविता 1 120 Share Varun Singh Gautam 2 Nov 2022 · 1 min read कवित्त ४५ पर्याप्त है अब यहाँ जीना आहें भरे ये जाने कौन ? इसे... पैसों के बोल हैं समर्पण के शिकार कौन ? मानवता तो धूल गई अब मानव में नहीं धिक्कारे... Hindi · कविता 1 148 Share Varun Singh Gautam 1 Nov 2022 · 1 min read हरयाणा ( हरियाणा दिवस पर विशेष) हरयाणा हरयाणा ये हरयाणा प्यारा-प्यारा है ये कहूं हमारा पेड़ की छांव में बैठ कह सुनाया एक रोटी कह देख सब लुटारा खुशी - खुशी सबकुछ बता देरा कहूं तो... Hindi · कविता 1 264 Share Varun Singh Gautam 30 Oct 2022 · 1 min read छठ पर्व छठ - पर्व हैं जिनके रम आस्था की कहो प्रज्ञा दीप संस्कार समर्पण के शृंगार अद्भुत प्रकृति की वो प्राण सन्ध्या और प्रातः काल राग करें हर कोई दंडवत प्रणाम... Hindi · कविता 2 234 Share Varun Singh Gautam 30 Oct 2022 · 1 min read इंतकाल ! पटाखों के धूल में भविष्य बुझ रहें कोई एक ही झोंका रुग्ण के कहें कौन तू प्यासे हो.....? आ जा बूझा लें। वर्तमान है अब पूर्ण विराम! जानतें हो...? शरीर... Hindi · कविता 1 227 Share Varun Singh Gautam 27 Oct 2022 · 1 min read भूलने की कोशिश में कुछ लिखने की चाहत किन्तु लिख नहीं पाता हूं रहस्य है पर इसे हम एक तार से पिरोए देना चाहता हूं कुछ बातें हैं मन में छुपी हुई, खोई-सी पता... Hindi · कविता 1 204 Share Varun Singh Gautam 25 Oct 2022 · 1 min read मैं तुझमें तू मुझमें मैं तुझमें तू मुझमें सदा समर्पित... कल्पनाओं की चौखटें कौन देख रहे ? मानों बुला रही मुझे, इसी के पाने करते कौन इंतजार ! ज़माना तो खिल उठी वक्त भी... Hindi · कविता 1 205 Share Varun Singh Gautam 18 Oct 2022 · 1 min read एक ठहरा ये जमाना एक ठहरा ये जमाना न चाहत न ठिकाना बीत चला मेरा यहां रहते कौन किसके जहां मुकद्दर किसके शहंशाह है बोले तो अशोक या चंद्रगुप्त ये रण के कौन है... Hindi · कविता 3 233 Share Varun Singh Gautam 16 Oct 2022 · 1 min read कवित्त प्रेम के एक घूंट दे दो कहीं से.... पाना तुझे, तुझमें ही सदाव्रत, जीवन तलक.... तेरी छुअन तन में क्या लहर हो उठती ! कंपन ध्वनि हृदय करता मैं तो... Hindi · कविता 341 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2022 · 1 min read वेदनापूर्ण लय है वेदनापूर्ण लय है अपरिचित - सी भ्रमण नहीं, ये क्रम है अट्टाहस की गूंज गिर रही श्रुतिपटल निस्पन्दन में.... ये आनन्द मन नहीं श्री - श्री अन्त है यथार्थ की... Hindi · कविता 5 261 Share Varun Singh Gautam 6 Sep 2022 · 1 min read एक सुन्दरी है एक सुन्दरी है Just सामने शरीर क्या ? सबकुछ अच्छा! नयनों की बिंदिया भौंह की ज़वानी केश की क्या लगती चार चांदनी बस समय का आलम है पर है नहीं... Hindi · कविता 4 1 310 Share Varun Singh Gautam 24 Aug 2022 · 1 min read करता कौन जाने सोचूं में क्या, करता कौन जाने पग-पग बीति दिन-रात फिर कैसे दिन हुँकार नहीं शंखनाद नहीं ये है कौन धार विश्व जगे झर-झर जाते खिल फूल यहाँ मैं कौन हूँ... Hindi · कविता 2 1 333 Share Varun Singh Gautam 17 Aug 2022 · 1 min read एक बात है एक बात है कसर-सी अन्दर ही अन्दर मचल-सी कोई तमन्ना थी पर पूरी न हो सकी। जानते हो एक बात और है पर इसमें है स्वार्थ देता कौन यहाँ परमार्थ!... Hindi · कविता 2 351 Share Varun Singh Gautam 6 Aug 2022 · 1 min read कहो नाम """"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""" कहो तो ये सभ्यता किसकी सौगंध - सौन्दर्य है अपनी घर - घर शान है किसकी मान - सम्मान मातृ धरोहर की आर्यावर्त भरतखण्ड के ये संस्कृति है किसकी... Hindi · कविता 3 2 219 Share Varun Singh Gautam 6 Aug 2022 · 1 min read भूख भूख """"""""""""""""""""""'''""""""""''"''" भूख है पेट की तड़पन का शक्ति नहीं चल पाता भी नहीं मुरझा - मुरझा कर गिर पड़ता हूँ भटक - भटक राहों में एक आशाएं थीं वो... Hindi · कविता 3 308 Share Varun Singh Gautam 3 Aug 2022 · 1 min read हलाहल दे दो इंतकाल के दर्द है पता नहीं, ये क्या हैं ! वेदना तो कठोर है, तीखा है न जाने ये ठहरेंगे, चले जाएंगे कह दो अश्रुण्ण हूँ, नहीं टूटेंगे इतिवृत्त देखो ज़रा बन्धु,... Hindi · कविता 428 Share Varun Singh Gautam 2 Aug 2022 · 1 min read अब तो सूर्योदय है। ये बूंद गिर रहे हैं घट से धर की ओर नीर ही है या अश्रुपूर्ण है ये किस मिलन को ये अपनत्व रिश्ता कैसा! परिणय बंधन तो नहीं जन्म-जन्मांतर का... Hindi · कविता 4 431 Share Varun Singh Gautam 31 Jul 2022 · 1 min read रूको भला तब जाना एक हसीन स्वप्न है मेरे जीवन के फितरत में जिंदगानी है संघर्ष के चक्षु उड़ेल दूं तब जाना सच यहीं हैं यहां बस निर्वाण जाने कौन ये, वे सिर्फ स्नेह... Hindi · कविता 2 313 Share Varun Singh Gautam 30 Jul 2022 · 1 min read एक जवानी थी एक जवानी थी वो भी चली गई गरूर था सौंदर्य भी मेरे महफ़िल के प्रियतमा के महक याद आती है अभी आंसू भी रोने लगती फूट-फूटकर अभी इश्क़ मोहब्बत कौन... Hindi · कविता 1 570 Share Varun Singh Gautam 21 Jul 2022 · 1 min read #हे__प्रेम #हे__प्रेम तहे दिल से क्षमा, माफ कर दे हमें कैसे मैं अपनी व्यथा कहूं......रोना आता हमें तू रूठ जाना, मुंह फुलाना पर मुझे मत ललचाना मुझे मत अपनाना अपने महक... Hindi · कविता 2 649 Share Varun Singh Gautam 18 Jul 2022 · 1 min read मंजिल दूर है मंजिल दूर है पर जाना जरूर है कोई कहते हैं बहुत दूर है और दूर है रूक जाता हूँ क्योंकि दूर है थोड़ा आराम करूं फिर चलूं पर मंजिल दूर... Hindi · कविता 329 Share Varun Singh Gautam 17 Jul 2022 · 1 min read डूब जाता हूँ डूब जाता हूँ अंधेरे की समंदर में जानता हूँ मगर फिर भी ख़ुद को बचा नहीं पाता, ढूँढ़ लेता हूँ दरिया को यह भी चरम् आनंद क्षण का, फिर वहीं... Hindi · कविता 1 488 Share Varun Singh Gautam 17 Jul 2022 · 1 min read कहते हैं न.... कोई पिछड़ा अपनापन ही कोई बिखरा वो भी अपनापन ही लोग कहते हैं न वो पराया है साथ नहीं देंगे कहते हैं उम्मीद है... तो सब किरण भी दीप ही... Hindi · कविता 1 495 Share Varun Singh Gautam 15 Jul 2022 · 1 min read संसर्ग मुझमें कागज है दो पन्नों की सार पर मिलता इसमें इतिहास नहीं न ही रामायण के तेरह कांड न ही महाभारत महाकाव्य यह गजल कविता कहानी नहीं अपितु है ये किसका... Hindi · कविता 2 274 Share Varun Singh Gautam 15 Jul 2022 · 1 min read इश्क़ नहीं हम इश्क का मारा हूँ इश्क नहीं न ही प्यार कभी क्या है ये ? सब सौंदर्य पर सौंदर्य को पाने आलिंगन के सपने वदन को पाने तृप्ति नहीं फिर क्या... Hindi · कविता 2 358 Share Varun Singh Gautam 5 Jun 2022 · 1 min read हरीतिमा स्वंहृदय में ये होती प्रचंड किसकी सुने! झुलस गई ये नदियाँ, वायु सारी स्मृतियाँ की धुँध धरोहर जिसमें यह अभय शीतलता अब कहाँ ? समुद्र मन्थन अब नहीं...., नहीं है लक्ष्मीप्रिया अब... Hindi · कविता 5 2 358 Share Varun Singh Gautam 13 Mar 2022 · 1 min read चार कदम... लड़ना छोड़ेंगे नहीं जब तक न मिले लक्ष्य कौन कहता है रास्ता दूर है ? चल बस एक बस चार कदम राह - राह में ढूँढेंगे वो संग जहाँ कठिन... Hindi · कविता 3 1 531 Share Varun Singh Gautam 10 Mar 2022 · 1 min read पैसा एक पैसा दो पैसा कितने हो चार पैसा दो पैसा और दो तब होंगे चार पैसा पैसा पैसा ही पैसा क्यों खनकती ही ऐसा गोल - मटोल गोलम् गोल मूल्य... Hindi · कविता 423 Share Varun Singh Gautam 10 Mar 2022 · 2 min read चाहत मेरी लत लग गई मुझे तुझे पाने की चाहत मेरी तेरी स्पर्श की अनुभूति करा दो ज़रा हुस्न हसीन की मुकद्दर चाहता हर कोई पाने की उसे दिन-ए-बारात में आँखों के... Hindi · कविता 363 Share Varun Singh Gautam 9 Mar 2022 · 1 min read बाँध लो ज़रा मोह माया भंग हुई मिथ्या जाना शब्दों का वर्ण देती थी निमंत्रण आओ यूज़ करो हमें टूटे - फूटे फिर भी शब्द संचार का करे गान भाव भी जगेगी ऊर्जा... Hindi · कविता 185 Share Varun Singh Gautam 8 Mar 2022 · 1 min read काफिरे नहीं उसकी खिड़कियाँ खुल चुकी घर के, फाटक के भी इतिहास पलटा बीती काल के कबीर देखा, तुलसी भी यथार्थ के पीछे छूटे तस्वीर इति रचा, स्वं के भी इतिहास बढ़, चल... Hindi · कविता 217 Share Varun Singh Gautam 7 Mar 2022 · 1 min read एक वक्त, एक काल काली, बहुत काली केश सी छा रही मानो वो गहरी रन्ध्र दिखता नहीं, उजाला नहीं धीरे – धीरे……… खग भी जा चुकी कहाँ, कोई पाया नहीं एक वक्त, एक काल... Hindi · कविता 544 Share Varun Singh Gautam 5 Mar 2022 · 1 min read पहचान ज़रा कवि, कवित्त को पहचान ज़रा शब्द लय मिला या किस बिम्ब छन्द ढूढ़ता वो गान बह चली जिस धार चल, उठ, फिर ठहर जाता मन्द - मन्द भाव - विचार... Hindi · कविता 320 Share Varun Singh Gautam 13 Feb 2022 · 1 min read दिवस पंख के वो... साम्राज्य बिछा इस पन्नों में किसकी खोजूँ मगर मिला नहीं इसमें कहीं इति वर्तमान या भावी में सही पाया न दिखा जैसे हो छू उड़न लूटी दास्तां यह भविष्य किसकी... Hindi · कविता 338 Share Varun Singh Gautam 13 Feb 2022 · 1 min read झर - झर घिरे नव पंखुरी उग उग आएँ मधुकर भी मधु अमृत की ओर विपिन की नव्य जीवन खिला हरी - हरी लताएँ पत्ते लग रहे मानों सौन्दर्य छाई धरा के समीर पर्वत... Hindi · कविता 568 Share Varun Singh Gautam 11 Feb 2022 · 1 min read पतझर होते पथ की मैं देखा पतझर होते पथ की चहुंओर दिखा राख - सी मैली ऊपर - ऊपर छोटी किरणें भी भू तक नहीं पहुंच रही थी मानो प्रत्याशा में थे तस्वीर यहाँ... Hindi · कविता 215 Share Varun Singh Gautam 9 Feb 2022 · 1 min read कोयल कौआ सम्वाद कौआ कोयल उड़े गगन में साथ एक - दूसरे को देख आश्चर्य में भरें शान से कौआ बोला कोयली से तू क्यों आएं इधर मेरे साथ ? कोयली मुँह दूष... Hindi · कविता 232 Share Varun Singh Gautam 9 Feb 2022 · 1 min read चींटी रानी चींटी रानी कहाँ चली कहाँ चली बोलो कहाँ चली ? बढ़ - बढ़ आँगन को जाती फिर कहाँ गुम भी हो जाती मैं देखा था तुझे मुंडेरे पै कितनी सुन्दर... Hindi · कविता 229 Share Varun Singh Gautam 7 Feb 2022 · 8 min read एक घड़ी या दो घड़ी…. एक घड़ी या दो घड़ी…. १. चल दिया लौट इस तस्वीर से बन्धु इस दिव्य ज्योति – सी चमक अब नहीं आया था नव्य कलित बनके इस भव में पर... Hindi · कविता 3 2 936 Share Page 1 Next