satyendra agrawal 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid satyendra agrawal 5 Jul 2017 · 1 min read अनुभूतिया जीवन की राहे सूनो हो चली मन उदासी के सागर में डूबता रहा राहे जैसे खत्म होने को है सांझ की लालिमा रात्रि की कालिमा सभी घेरे हुये है मुझको... Hindi · कविता 542 Share satyendra agrawal 3 Jul 2017 · 1 min read उड़ान मन उमंगो के आसमान में उड़ने लगा राहे स्वयं राह दिखाने लगी राते स्वयं रोशन होने लगी जब से मिली हो तुम जिंदगी स्वयं मुस्कराने लगी मन कहता है पहाड़ो... Hindi · कविता 523 Share satyendra agrawal 29 Jun 2017 · 1 min read उषा का स्वागत प्रिय उषा को जन्म दिन पर भेंट पौष की ठिठुरन में धूप का टुकड़ा लिए अमावस की रात में अमृतमय चांदनी लिये जेठ की तपती दोपहर मे सावन की फुहार... Hindi · कविता 541 Share satyendra agrawal 29 Jun 2017 · 1 min read बचपन की बारिश वर्षा की फुहारों में मन करता है रिमझिम के गीत गाते बिना छाते सडको पर दौड़ने का घटाओ से घिरे बादलो को छूने का अठखेलिया करती नटखट पवन के संग... Hindi · कविता 1 484 Share satyendra agrawal 22 Jun 2017 · 1 min read ईश्वर से परिचय आज सुबह ईश्वसर से परिचय हुआ है मेरा,- गीत गाते उमंगो से भरे परिंदो की चहचहाट मै, नव जीवन को संचार करती सूरज की रश्मियों मै, हँसते फूलो पर मँडराते... Hindi · कविता 725 Share satyendra agrawal 3 May 2017 · 1 min read महाभारत तो जीतना होगा हे कृष्ण कब आओगे आतंक का विकराल तांडव कब तक देखोगे अर्जुन आज अवसाद में है गीता पुनःसुनानी होगी सारथी बन राह दीखानी होगी फिर गांडीव धारण करवाना होगा कुटिल... Hindi · कविता 777 Share