UPENDRA SINGH ALOK Tag: ग़ज़ल/गीतिका 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid UPENDRA SINGH ALOK 11 Sep 2018 · 1 min read तन्हाई चाह थी आँखों की जो वर्षों पुरानी, आज उसको खा गई तेरी नादानी । हाय! दिल दुहरा नहीं सकती कहानी, देख अरमा बन गई है आज पानी, हसीन अरमा लुट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 376 Share UPENDRA SINGH ALOK 8 Sep 2018 · 1 min read अहसास के आईने में फूल तुझको दिया हर धड़कन के लिए, मुझको काँटे मिले हैं चुभन के लिए. प्यार ही प्यार दामन में सजता रहे, मैं मचलता रहा उस सपन के लिए. होठों के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 396 Share UPENDRA SINGH ALOK 6 Sep 2018 · 1 min read चंद असआर कलमकारों के नाम ज़माना जब जुबाँ वो जिस्म पे पहरे बिठाता है, बगावत कर गुजरने को कलम तब बोल उठती है. सियासत और सियासतदारों की अब बात क्या कीजै, बदलती रंग दुनियाँ की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 684 Share