UPENDRA SINGH ALOK Tag: कुण्डलिया 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid UPENDRA SINGH ALOK 7 Sep 2018 · 1 min read कुंडलियाँ वोटतंत्र की मार से, लोकतंत्र लाचार. जनता व्याकुल पीस रही, फैला भ्रष्टाचार. फैला भ्रष्टाचार, मार जनता ही खाती. संसद सेवा विमुख, विपुल सत्ता सुख पाती. संविधान की आड़ में, करते... Hindi · कुण्डलिया 293 Share UPENDRA SINGH ALOK 6 Sep 2018 · 1 min read कुंडलियाँ एक प्रजातंत्र की लूट है, लूट सके तो लूट. अंत समय पछताओगे, पार्टी जाएगी टूट.. पार्टी जाएगी टूट, फूट जब दल में होगा, रह जाएगा हाथ, साथ जो तुमने भोगा..... Hindi · कुण्डलिया 271 Share